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जहां शिक्षक नहीं, वहां वीडियो के जरिए होगी पढ़ाई

कवर्धा। जिले में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। नए आविष्कार और योजनाओं के कारण ही इस वर्ष हाई स्कूल परीक्षा परिणाम में कबीरधाम जिला पूरे राज्य में चौथे पायदान पर रहा। दसवीं और बारहवीं के बोर्ड परीक्षा के परिणाम में और सुधार के लिए एक और नई योजना शुरू की जा रही है। इस वर्ष से जिले के ऐसे स्कूल, जहां विषय विशेषज्ञों की कमी है, वहां वीडियो के जरिए पढ़ाई कराई जाएगी।
ऐसे स्कूल में संबंधित विषय की कक्षाएं तो लगेगी, लेकिन टीचर के स्थान पर एलईडी टीवी होगी, जिसमें संबंधित विषय और पाठ्यक्रम का वीडियो दिखाया जाएगा।
ज्ञात हो कि जिले के 135 हाई स्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल में रिजल्ट के सुधार के लिए शिक्षा विभाग द्वारा मिशन 75 अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत जिन स्कूलों में विषयवार शिक्षक की कमी है। उस पाठ्यक्रम का विडियो तैयार किया गया है, जिसे ई-लर्निंग के माध्यम से एलईडी दिखाकर पढ़ाया जाएगा।
रिजल्ट सुधार की कवायद
शिक्षा विभाग की मानें तो जिले में कक्षा दसवीं व बारहवीं के रिजल्ट को सुधारने की कवायद की जा रही है। गत वर्ष 62 प्रतिशत रिजल्ट आया था जो प्रदेश भर में कबीरधाम का चौथा स्थान रहा। इस वर्ष रिजल्ट सुधार की दिशा में कार्य किया जा रहा है। हाल ही में कलेक्टर धनंजय देवांगन ने भी मिशन 75 के संबंध में जिला शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के साथ जिले के हायर सेकंडरी स्कूल के सभी प्राचार्यों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे।
कांकेर का मॉडल एडाप्ट
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह मॉडल कांकेर जिले के स्कूलों में चलाया जा रहा है। कांकेर के हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में विषय विशेषज्ञों की कमी के चलते वीडियो के जरिए पढ़ाई कराई जाती है। कुछ दिनों पहले जिला शिक्षा विभाग का एक दल इस मॉडल को देखने कांकेर भी गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कांकेर में विषयवार पाठ्यक्रम का विडियो तैयार किया गया है, जिसे इस जिले में अपडेट किया जा रहा है। इसके तहत जिन विषयों के शिक्षक नहीं है, उन पाठ्यक्रमों को ई-लर्निंग के माध्यम से पढ़ाया जाएगा, जो 40 मिनट का रहेगा। जिले में विषयवार शिक्षकों की कमी बनी हुई है, जिसके चलते विद्यार्थियों को परेशानी होगी। अब ई-लर्निंग के माध्यम से पढ़ने पर विद्यार्थयिों को आसानी होगी। यह कार्य जून माह से प्रारंभ हो जाएगा।
32 स्कूलों में पूरी व्यवस्था -
जिले में हाई व हायर सेकंडरी के 135 स्कूल है, जहां ई-लर्निंग के माध्यम से पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। 32 स्कूलों में एलईडी, टीवी , कम्प्यूटर उपलब्ध है, जहां व्यवस्था करने की आवश्यकता नहीं है। शेष स्कूलों में व्यवस्था की जा रही है। जिन स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की व्यवस्था पर्याप्त है, वहां इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।
10 अधिकारियों को बनाया गया नोडल
मिशन 75 प्रतिशत की सफलता के लिए 11 नोडल अधिकारी बनाए गए है। इन नोडल अधिकारियों के अंदर 10 से 12 गांव के स्कूल होंगे। जहां उनके द्वारा देखरेख का कार्य किया जाएगा इसके तहत प्रतिमाह बैठक भी होगा। बैठक में जो कमियां पाई जाएगी उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
लिखित अभ्यास पर जोर -
ई-लर्निंग के माध्यम से जिस पाठ्यक्रम की पढ़ाई की जाएगी। उसकी समय 40 मिनट की रहेगी। विद्यार्थियों को लिखित अभ्यास पर जोर दिया जाएगा। ताकि परीक्षा के समय सही ढंग से लिख सके और प्रश्नों का हल करने में दिक्कत न हो।
बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट में सुधार के लिए प्रयास किया जा रहा है इस वर्ष मिशन 75 प्रतिशत के तहत अभियान चलाकर स्कूल के प्राचार्यों को शिक्षा में सुधार लाने कहा गया है।
- सतीश पाण्डेय, जिला शिक्षा अधिकारी
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