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Govt Jobs : Opening

School Time में पढ़ाना छोड़ शिक्षा शाखा में घूम रहे थे 3 Teacher, हो गए सस्पेंड

बलरामपुर. स्कूल समय पर अध्यापन कार्य छोड़कर शिक्षा शाखा में घूमना तीन शिक्षकों को महंगा पड़ गया। औचक निरीक्षण पर पहुंचे जिला पंचायत सीईओ रणवीर शर्मा ने तीनों शिक्षक व्याख्याता (पंचायत) को अनाधिकृत रूप से भ्रमण करते पकड़ लिया और तत्काल निलंबित भी कर दिया। जिला पंचायत सीईओ की इस कार्रवाई से ड्यूटी में लापरवाही करने वाले शिक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया है।

घर पर तैयार करें एग्जाम हॉल का माहौल, तो पास कर जाएंगे हर परीक्षा

भोपाल। 12वीं के बाद हर छात्र का सपना होता है कि देश के नामचीन कॉलेज में उच्च शिक्षा हासिल करे। किसी भी अच्छे कॉलेज में दाखिले के लिए 85 से 90 फीसदी अंकों की जरूरत होगी।

शिक्षकों की भर्ती के लिए केंद्र सरकार एक अलग एजेंसी बनाने की तैयारी

नई दिल्ली। शिक्षकों की भर्ती के लिए केंद्र सरकार एक नई एजेंसी बनाने की तैयारी कर रही है। यह एजेंसी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के अधीन बनाई जा सकती है। एजेंसी केंद्रीय शिक्षण संस्थानों के अलावा राज्यों के लिए भी शिक्षकों की भर्ती आदि का कार्य कर सकेगी।

मोदी जी ने चालाया काले धन को खत्म करने का ब्रह्मास्त्र : असर ये होंगे

मोदी जी ने चालाया काले धन को खत्म करने का ब्रह्मास्त्र : असर ये होंगे--
१- घटेंगी सभीं वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें.
२- जमीनों और मकानों, फ्लैटों की कीमतें आधे से भी कम हों जाएंगी.

नोसेना में 290 ट्रेड अप्रेंटिस के पद, आवेदन की अंतिम तिथि 5 दिसम्बर 2016, आईबीपीएस में स्पेशलिस्ट ऑफिसर के 4200 पद

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500 एवं 1000 की currency पर प्रतिबंध लगाने एवं भारतीय मुद्रा से संबंधित प्रैस नोट

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समय पर स्कूल नहीं पहुंचे 15 शिक्षक निरीक्षण में गए बीईओ ने कराई प्रार्थना

शिक्षा विभाग के अफसरों का स्कूलों में औचक निरीक्षण लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। स्कूलों में अचानक दबिश से शिक्षकों में हड़कंप है। शनिवार को जहां सुबह 7 बजे स्कूल था तो निरीक्षण के दौरान ही सात स्कूलों के 15 शिक्षक अनुपस्थित मिले। सभी शिक्षक प्रार्थना के समय तक स्कूल नहीं पहुंचे थे।

Blog Editor : हवस के अड्डे बनते स्कूल

निर्भया कांड के बाद हुई सामाजिक क्रांति के बाद हम सोच रहे थे कि समाज में महिलाएं सुरक्षित हो जाएंगी। महिलाओं के प्रति अपराधों के लिए कानून भी कड़े किए गए लेकिन कुछ भी तो नहीं बदला। आंकड़ों पर गौर करें तो हालात काफी भयावह नजर आते हैं।

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