जिले के कई स्कूल एकल शिक्षकीय हैं तो कई स्कूलों में एक ही विषय के दो से चार टीचर पदस्थ हैं। इस समस्या का निपटारा करने के बजाय जिला पंचायत ने दूसरे जिले के 95 व्याख्याता पंचायत को ट्रांसफर पर बुलाकर पदस्थापना दे दी। इससे जिले के अंदर ही अतिशेष का आंकड़ा बढ़कर 188 हो गया है। इस मामले को लेकर जिला शिक्षा विभाग और जिला पंचायत के बीच गहरी खाई हो गई है।
स्कूलों का यह दृश्य सामने आने के बाद कमीशनखोरी के लिए सब कुछ जायज होने की बात को बल मिल रहा है।
जिला पंचायत ने हाल ही पति-प|ी व आपसी आधार पर थोक में शिक्षाकर्मियों (अब सहायक शिक्षक, शिक्षक व व्याख्याता पंचायत) का तबादला किया है। बिलासपुर जिले से दूसरे जिले में जाने वालों की संख्या तो नहीं के बराबर है, लेकिन सरगुजा, दंतेवाड़ा, सुकमा, दुर्ग, कबीरधाम आदि दूसरे जिलों से यहां आने वालों की संख्या 500 से अधिक हैं। ट्रांसफर-पोस्टिंग के बीच में ही जिला पंचायत ने व्याख्याता पंचायत के रिक्त 99 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया। कुछ दिनों के बाद पद घटाकर 52 कर दिए गए। यहीं से जिला पंचायत व शिक्षा विभाग के बीच विवाद शुरू हो गया। मुख्य विवाद व्याख्याता पंचायत के पद को लेकर है। व्याख्याता पंचायत की नई भर्ती के अलावा 129 शिक्षक पंचायत को व्याख्याता पंचायत के पदों पर प्रमोशन देने के लिए जिला पंचायत रिक्त पद मांग रही है, जबकि शिक्षा विभाग का कहना है कि ट्रांसफर के समय ही रिक्त पद दे दिए थे, अब कहां से दें। दो बार की टीएल की मीटिंग में कलेक्टर के सामने ही जिला पंचायत सीईओ व डीईओ के बीच रिक्त पद को लेकर बहस भी हुई। दोनों विभागाें के बीच चल रहे शीतयुद्ध का कारण जानने के लिए दैनिक भास्कर ने पड़ताल की। शहर के आसपास के स्कूलों में एक पद के विरुद्ध दो से चार शिक्षक पदस्थ थे। वहीं, दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के कई स्कूलों में एक या दो टीचरों के भरोसे ही हाई व हायर सेकेंडरी के बच्चे भविष्य गढ़ रहे हैं। पति-प|ी के आधार पर ट्रांसफर पर लगी रोक हटते ही दोनों विभागाें में रैकेट सक्रिय हो गया। दूसरे जिले से ट्रांसफर में यहां आने के इच्छुक शिक्षाकर्मियों को एनओसी जारी कराई गई और पदों का परीक्षण किए बिना ही 95 व्याख्याता पंचायत को यहां पदस्थापना दिला दी गई।
सीईओ के आने के बाद करेंगे चर्चा
अभी जिला पंचायत सीईओ जेपी मौर्य अवकाश पर हैं। सामान्य प्रशासन समिति और टीएल की बैठक में अतिशेष के मामले में चर्चा होने के संबंध में मुझे जानकारी नहीं हैं। जब सीईओ अवकाश से लौटेंगे, तब उन्हें इस मामले से अवगत करा दिया जाएगा। कुछ स्कूलों में ज्यादा तो कुछ स्कूल का एकल शिक्षकीय होना गंभीर समस्या तो है। -एसपी वर्मा, प्रभारी सीईओ, जिला पंचायत
हमने स्कूलवार, विषयवार पदस्थ टीचर और रिक्त पदों की जानकारी दे दी थी। जब जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में ट्रांसफर के आवेदन पर चर्चा हो रही थी, तभी मैंने पहले अतिशेष का निपटारा करने, फिर ट्रांसफर-पोस्टिंग की बात कही थी। टीएल की बैठक में भी हमने यही बात कही है। -हेमंत उपाध्याय, डीईओ, जिला शिक्षा विभाग
अतिशेष के समाधान के बाद ट्रांसफर होना था
उदाहरण-वो तीन स्कूल, जो एकल शिक्षकीय हैं
उदाहरण-वो तीन स्कूल, जहां हैं अधिक टीचर
उषाढ़ हाईस्कूल प्राचार्य के भरोसे: मरवाही ब्लॉक स्थित उषाढ़ हाईस्कूल में तीन साल से सिर्फ प्राचार्य ही पदस्थ हैं। उनके भरोसे ही पूरा स्कूल है। बच्चों को पढ़ाना, हाजिरी लेने से लेकर परीक्षा भी वे अकेले लेते हैं। आॅफिस के अलावा अन्य कामकाज अलग।
लोहारी में 150 बच्चों को अकेले पढ़ा रहे प्राचार्य: आरएमएसए के अंतर्गत लोहारी हाईस्कूल में 9वीं-10वीं में करीब 150 बच्चे अध्ययनरत हैं। यहां सिर्फ प्राचार्य पदस्थ हैं, जो टीचर देने के लिए पत्र लिख-लिखकर थक चुके हैं, लेकिन दो साल बाद भी उनकी मांग पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई।
चुकतीपानी हाईस्कूल को भी चाहिए टीचर: मरवाही ब्लॉक स्थित चुकतीपानी हाईस्कूल का हाल भी लोहारी और उषाढ़ की तरह है। यहां भी मात्र प्राचार्य की पदस्थापना की गई है, जबकि ग्रामीण इलाका होने के कारण पांच किमी के दायरे के गांवों के बच्चे यहां पढ़ने आते हैं। इस स्कूल को भी दो साल से टीचर की जरूरत है।
गनियारी हायर सेकेंडरी में 12 व्याख्याता पंचायत अतिशेष : हायर सेकेंडरी स्कूल गनियारी में प्राचार्य के अलावा लेक्चरर/व्याख्याता पंचायत के 11 पद स्वीकृत हैं। इसके विरुद्ध में यहां 23 टीचर पदस्थ हैं। यहां लगभग सभी विषयों के दो-दो शिक्षक हो गए हैं।
हायर सेकेंडरी देवरीखुर्द में 11 पद के विरुद्ध 16 पदस्थ : हायर सेकेंडरी स्कूल देवरीखुर्द बिलासपुर शहर से सबसे नजदीक है। इसलिए यह स्कूल शिक्षकों की सबसे ज्यादा पसंदीदा है। यही वजह है कि यहां स्वीकृत 11 पद के विरुद्ध 16 व्याख्याता/व्याख्याता पंचायत पदस्थ हो गए हैं।
सकरी हायर सेकेंडरी स्कूल भी अतिशेष की श्रेणी में : बिलासपुर से मुंगेली रोड पर 9 किलोमीटर दूर स्थित सकरी हायर सेकेंडरी स्कूल में भी 11 व्याख्याता/व्याख्याता पंचायत के पद स्वीकृत हैं। मुख्य रोड पर होने के कारण यह स्कूल भी अतिशेष शिक्षकों की श्रेणी में आ गया है। यहां दो टीचर अतिशेष हैं।
कितने अतिशेष शहर के आसपास स्कूलों में
19 हिंदी
14 अंग्रेजी
30 संस्कृत
04 भौतिक
06 रसायन
21 जीव विज्ञान
09 गणित
38 इतिहास/राजनीति शास्त्र
23 अर्थशास्त्र/भूगोल
07 वाणिज्य
01 गृहविज्ञान
17 सामाजिक विज्ञान
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स्कूलों का यह दृश्य सामने आने के बाद कमीशनखोरी के लिए सब कुछ जायज होने की बात को बल मिल रहा है।
जिला पंचायत ने हाल ही पति-प|ी व आपसी आधार पर थोक में शिक्षाकर्मियों (अब सहायक शिक्षक, शिक्षक व व्याख्याता पंचायत) का तबादला किया है। बिलासपुर जिले से दूसरे जिले में जाने वालों की संख्या तो नहीं के बराबर है, लेकिन सरगुजा, दंतेवाड़ा, सुकमा, दुर्ग, कबीरधाम आदि दूसरे जिलों से यहां आने वालों की संख्या 500 से अधिक हैं। ट्रांसफर-पोस्टिंग के बीच में ही जिला पंचायत ने व्याख्याता पंचायत के रिक्त 99 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया। कुछ दिनों के बाद पद घटाकर 52 कर दिए गए। यहीं से जिला पंचायत व शिक्षा विभाग के बीच विवाद शुरू हो गया। मुख्य विवाद व्याख्याता पंचायत के पद को लेकर है। व्याख्याता पंचायत की नई भर्ती के अलावा 129 शिक्षक पंचायत को व्याख्याता पंचायत के पदों पर प्रमोशन देने के लिए जिला पंचायत रिक्त पद मांग रही है, जबकि शिक्षा विभाग का कहना है कि ट्रांसफर के समय ही रिक्त पद दे दिए थे, अब कहां से दें। दो बार की टीएल की मीटिंग में कलेक्टर के सामने ही जिला पंचायत सीईओ व डीईओ के बीच रिक्त पद को लेकर बहस भी हुई। दोनों विभागाें के बीच चल रहे शीतयुद्ध का कारण जानने के लिए दैनिक भास्कर ने पड़ताल की। शहर के आसपास के स्कूलों में एक पद के विरुद्ध दो से चार शिक्षक पदस्थ थे। वहीं, दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के कई स्कूलों में एक या दो टीचरों के भरोसे ही हाई व हायर सेकेंडरी के बच्चे भविष्य गढ़ रहे हैं। पति-प|ी के आधार पर ट्रांसफर पर लगी रोक हटते ही दोनों विभागाें में रैकेट सक्रिय हो गया। दूसरे जिले से ट्रांसफर में यहां आने के इच्छुक शिक्षाकर्मियों को एनओसी जारी कराई गई और पदों का परीक्षण किए बिना ही 95 व्याख्याता पंचायत को यहां पदस्थापना दिला दी गई।
सीईओ के आने के बाद करेंगे चर्चा
अभी जिला पंचायत सीईओ जेपी मौर्य अवकाश पर हैं। सामान्य प्रशासन समिति और टीएल की बैठक में अतिशेष के मामले में चर्चा होने के संबंध में मुझे जानकारी नहीं हैं। जब सीईओ अवकाश से लौटेंगे, तब उन्हें इस मामले से अवगत करा दिया जाएगा। कुछ स्कूलों में ज्यादा तो कुछ स्कूल का एकल शिक्षकीय होना गंभीर समस्या तो है। -एसपी वर्मा, प्रभारी सीईओ, जिला पंचायत
हमने स्कूलवार, विषयवार पदस्थ टीचर और रिक्त पदों की जानकारी दे दी थी। जब जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की बैठक में ट्रांसफर के आवेदन पर चर्चा हो रही थी, तभी मैंने पहले अतिशेष का निपटारा करने, फिर ट्रांसफर-पोस्टिंग की बात कही थी। टीएल की बैठक में भी हमने यही बात कही है। -हेमंत उपाध्याय, डीईओ, जिला शिक्षा विभाग
अतिशेष के समाधान के बाद ट्रांसफर होना था
उदाहरण-वो तीन स्कूल, जो एकल शिक्षकीय हैं
उदाहरण-वो तीन स्कूल, जहां हैं अधिक टीचर
उषाढ़ हाईस्कूल प्राचार्य के भरोसे: मरवाही ब्लॉक स्थित उषाढ़ हाईस्कूल में तीन साल से सिर्फ प्राचार्य ही पदस्थ हैं। उनके भरोसे ही पूरा स्कूल है। बच्चों को पढ़ाना, हाजिरी लेने से लेकर परीक्षा भी वे अकेले लेते हैं। आॅफिस के अलावा अन्य कामकाज अलग।
लोहारी में 150 बच्चों को अकेले पढ़ा रहे प्राचार्य: आरएमएसए के अंतर्गत लोहारी हाईस्कूल में 9वीं-10वीं में करीब 150 बच्चे अध्ययनरत हैं। यहां सिर्फ प्राचार्य पदस्थ हैं, जो टीचर देने के लिए पत्र लिख-लिखकर थक चुके हैं, लेकिन दो साल बाद भी उनकी मांग पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई।
चुकतीपानी हाईस्कूल को भी चाहिए टीचर: मरवाही ब्लॉक स्थित चुकतीपानी हाईस्कूल का हाल भी लोहारी और उषाढ़ की तरह है। यहां भी मात्र प्राचार्य की पदस्थापना की गई है, जबकि ग्रामीण इलाका होने के कारण पांच किमी के दायरे के गांवों के बच्चे यहां पढ़ने आते हैं। इस स्कूल को भी दो साल से टीचर की जरूरत है।
गनियारी हायर सेकेंडरी में 12 व्याख्याता पंचायत अतिशेष : हायर सेकेंडरी स्कूल गनियारी में प्राचार्य के अलावा लेक्चरर/व्याख्याता पंचायत के 11 पद स्वीकृत हैं। इसके विरुद्ध में यहां 23 टीचर पदस्थ हैं। यहां लगभग सभी विषयों के दो-दो शिक्षक हो गए हैं।
हायर सेकेंडरी देवरीखुर्द में 11 पद के विरुद्ध 16 पदस्थ : हायर सेकेंडरी स्कूल देवरीखुर्द बिलासपुर शहर से सबसे नजदीक है। इसलिए यह स्कूल शिक्षकों की सबसे ज्यादा पसंदीदा है। यही वजह है कि यहां स्वीकृत 11 पद के विरुद्ध 16 व्याख्याता/व्याख्याता पंचायत पदस्थ हो गए हैं।
सकरी हायर सेकेंडरी स्कूल भी अतिशेष की श्रेणी में : बिलासपुर से मुंगेली रोड पर 9 किलोमीटर दूर स्थित सकरी हायर सेकेंडरी स्कूल में भी 11 व्याख्याता/व्याख्याता पंचायत के पद स्वीकृत हैं। मुख्य रोड पर होने के कारण यह स्कूल भी अतिशेष शिक्षकों की श्रेणी में आ गया है। यहां दो टीचर अतिशेष हैं।
कितने अतिशेष शहर के आसपास स्कूलों में
19 हिंदी
14 अंग्रेजी
30 संस्कृत
04 भौतिक
06 रसायन
21 जीव विज्ञान
09 गणित
38 इतिहास/राजनीति शास्त्र
23 अर्थशास्त्र/भूगोल
07 वाणिज्य
01 गृहविज्ञान
17 सामाजिक विज्ञान
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