बिलासपुर. जिले
के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी का असर इस वर्ष भी दिखेगा। सत्र
शुरू होने को चंद दिन ही शेष हैं, विभाग को अब शिक्षकों की कमी की याद आई
है। जिले में अकेले शिक्षा कर्मियों के ही साढ़े सात सौ से अधिक पद रिक्त
हैं। स्कूलों में बिगड़ते परीक्षा परिणाम के कारणों में से एक वजह शिक्षकों
की कमी को भी माना जा रहा है, लेकिन विभाग कमी दूर करे के बजाय जानकारी
मंगाने के अलावा कुछ नहीं कर रहा है।
इस साल
भी विभाग द्वारा शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए चलाए जा रहे विभिन्न
कार्यक्रमों का सही ढंग से क्रियान्वयन होना मश्किल है। जिले के ग्रामीण
क्षेत्रों के स्कूलों की बात करें तो यहां पर व्याख्याता पंचायत के 307,
शिक्षक पंचायत के 205 और सहायक शिक्षक पंचायत के 230 पद रिक्त हैं। वहीं
नियमित शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या इससे भी ज्यादा है।
ब्लॉकों से मांग रहे जानकारी
लोक
शिक्षण संचालनालय द्वारा पिछले दिनों शिक्षा विभाग से सभी विकासखण्डों में
प्राथमिक से लेकर हायर सेकेण्डरी कक्षा में पदस्थ शिक्षकों और रिक्त पड़े
पदों की जानकारी मांगी गई है, जिसके बाद विभाग विकासखण्डों से जानकारी
इकठ्ठा करने में परेशान है। हालांकि हर दूसरे तीसरे महीने में विभाग द्वारा
एेसी जानकारियां मंगाई तो जाती है, लेकिन उस पर कोई अमल नहीं होता। यही
कारण है कि शिक्षकों की कमी का असर शिक्षा गुणवत्ता पर पड़ता है। हालांकि
पंचायत विभाग वर्ग एक और दो के करीब सवा सौ पदों की भर्ती प्रक्रिया को
पूर्ण करने में लगा है, लेकिन अन्य पदों के रिक्त होने से बच्चों की पढ़ाई
प्रभावित होना लाजिमी है। नए सत्र में स्कूल खुलने से पहले सभी बीईओ को
अपने-अपने विकासखंडों में पदस्थ शिक्षकों की पूरी जानकारी सोमवार तक देने
को कहा गया है।
गुणवत्ता हो रही प्रभावित
विभागीय
अधिकारियों के अनुसार शिक्षकों की कमी का ही परिणाम है कि पिछले वर्ष जिले
में चलाए गए डा.़ एपीजे अब्दुल कलाम गुणवत्ता अभियान में आधे से ज्यादा
स्कूल सी और डी ग्रेड के पाए गए। इन स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए इस
वर्ष विभाग द्वारा शिक्षकों को गणित, अंग्रेजी, विज्ञान का प्रशिक्षण देने
के साथ ही पढ़ाने के तौर-तरीकों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जोर देने को
कहा गया है। इसी के तहत शिक्षकों की जानकारी के साथ उनकी पूरी कुंडली को
इकठ्ठा किया जा रहा है, जिससे विषयवार शिक्षकों के बारे में विभाग आगामी
योजना बना सके।
विभाग द्वारा सभी विकासखण्डों
से शिक्षकों के रिक्त पदों की जानकारी मांगी गई है। शिक्षकों की कमी का असर
शिक्षा गुणवत्ता पर नहीं पडे़, इसके प्रयास किए जा रहे हैं - जीपी भास्कर, प्रभारी डीईओ
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