जिले में अतिशेष की मलाई खा रहे शिक्षक संवर्ग को जल्द ही रिक्त पद वाले
स्कूलों में भेजा जाएगा। कलेक्टर ने डीईओ से 15 दिनों में ऐसे शिक्षक
संवर्ग की सूची मांगी है। सूची मिलने के बाद अतिशेष शिक्षक व
शिक्षाकर्मियों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा।
कलेक्टर अन्बलगन पी ने मंगलवार को टीएल के बाद मंथन सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षा की। बैठक का मुख्य एजेंडा अतिशेष व्याख्याता का युक्तियुक्तकरण था। इस दौरान डीईओ हेमंत उपाध्याय ने बताया कि जिले में विभिन्न विषयों के 175 व्याख्याता अतिशेष हो गए हैं। ये सभी शहर के आसपास के स्कूलों में पदस्थ हैं। इनमें से 30 व्याख्याता ऐसे हैं, जिनके लिए जिले के किसी भी स्कूल में पद खाली नहीं है। अलबत्ता, इन्हें जिले से बाहर भेजना होगा। कलेक्टर ने पूछा कि अन्य संवर्ग के कितने शिक्षक अतिशेष हैं। इस पर डीईओ व उपस्थित बीईओ ने सूची नहीं बना पाने की जानकारी दी। कलेक्टर ने कहा कि व्याख्याता के अलावा अन्य संवर्ग के शिक्षक भी अतिशेष होंगे। सभी का एक साथ युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। उन्होंने डीईओ को सभी संवर्ग के अतिशेष शिक्षकों की सूची बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि वर्तमान में शासन ने शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के लिए कोई गाइड लाइन तो जारी नहीं की है। इसलिए इनका युक्तियुक्तकरण पुरानी गाइड लाइन के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने माना कि जिले के कई स्कूलों में शिक्षक नहीं है। जब स्कूल में पर्याप्त टीचर होंगे, तभी हम गुणवत्ता लाने के लिए दबाव बना सकते हैं। बैठक में जला पंचायत सीईओ जेपी मौर्य, अतिरिक्त कलेक्टर केडी कुंजाम, एसडीएम पेंड्रारोड नम्रता गांधी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास गायत्री नेताम, आरएमएसए के सहायक जिला परियोजना अधिकारी मनोज राय, एसएसए के डीएमसी ओम पांडेय, बिल्हा बीईओ एमएल पटेल आदि उपस्थित थे। यहां यह बता दें कि जिला पंचायत प्रशासन ने हाल ही में पति-प|ी के आधार पर शिक्षाकर्मियों का ट्रांसफर किया है। इसके तहत दूसरे जिले से 95 शिक्षाकर्मी वर्ग एक (अब व्याख्याता पंचायत) की यहां पोस्टिंग की गई है। इनमें से कई शिक्षाकर्मियों को उन स्कूलों में भेज दिया गया है, जहां पद रिक्त नहीं थे। इसके चलते कार्यभार ग्रहण करते ही ऐसे शिक्षाकर्मी अतिशेष हो गए हैं। जिला पंचायत द्वारा पदोन्नति और सीधी भर्ती के लिए पद मांगे जाने पर अतिशेष का खुलासा हुआ। मामले में जिला पंचायत व शिक्षा विभाग के अफसर आमने-सामने हो गए थे।
मध्यान्ह भोजन किसी भी हालत में बंद न हो
कलेक्टर ने मध्यान्ह भोजन में मात्रा और गुणवत्ता का नियमित रूप से निरीक्षण करने, मेनू का पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी कारण से मध्यान्ह भोजन किसी भी स्कूल में बंद न हो। जिन स्कूलों में पानी की परेशानी है। वहां मध्यान्ह भोजन बनाने में दिक्कत होती है। कलेक्टर ने ऐसे सभी स्कूलों की सूची उपलब्ध कराने कहा, जिसके 50 मीटर के दायरे में हैंडपंप नहीं है।
आकस्मिक अवकाश की सूचना एसएमएस से दें
कलेक्टर ने बैठक में इस बात पर नाराजगी जताई कि शिक्षक स्कूलों में छुट्टी का आवेदन छोड़कर चले जाते हैं। निरीक्षण के दौरान ऐसे कई मामलों का खुलासा हुआ है। उन्होंने शिक्षकों द्वारा छुट्टी के लिए आवेदन पत्र छोड़कर जाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए नई व्यवस्था बनाई है। इसके तहत आकस्मिक अवकाश पर जाने की सूचना शिक्षकों को एसएमएस से शाला के प्रधानपाठक को देनी होगी।
कलेक्टर ने आहरण-वितरण अधिकारियों को चेताया है कि यदि शिक्षक पंचायत संवर्ग को महीने की हर 5 तारीख को वेतन का भुगतान नहीं होता है तो उनके आहरण अधिकारियों की वेतनवृद्धि रोक दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आवंटन उपलब्ध होने के बाद भी वेतन भुगतान में देरी होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए अब वेतन के लिए आवंटन जिले में न भेजकर सीधे जनपदों को भेजे जाने पर शासन विचार कर रहा है। इसके लिए जनपद सीईओ को नया खाता खोलना होगा। इस खाते में अन्य कोई लेनदेन नहीं होना चाहिए। यह व्यवस्था अभी ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लागू की जा रही है। बीईओ से लेकर जनपद सीईओ तक वेतन की फाइलें हाथों-हाथ चलें, यह व्यवस्था बनाई जाए।
5 तारीख को वेतन नहीं मिला तो वेतनवृद्धि रुकेगी
आज से चलेगा शिक्षा गुणवत्ता अभियान
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत 20 व 21 जुलाई को प्रत्येक स्कूल में सामाजिक अंकेक्षण किया जाएगा। इसकी माॅनिटरिंग के लिए अन्य विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कलेक्टर ने कहा कि आवंटित स्कूलों में अधिकारी कई बार जाएंंगे, तभी वहां शिक्षा की गुणवत्ता का पता चलेगा।
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कलेक्टर अन्बलगन पी ने मंगलवार को टीएल के बाद मंथन सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षा की। बैठक का मुख्य एजेंडा अतिशेष व्याख्याता का युक्तियुक्तकरण था। इस दौरान डीईओ हेमंत उपाध्याय ने बताया कि जिले में विभिन्न विषयों के 175 व्याख्याता अतिशेष हो गए हैं। ये सभी शहर के आसपास के स्कूलों में पदस्थ हैं। इनमें से 30 व्याख्याता ऐसे हैं, जिनके लिए जिले के किसी भी स्कूल में पद खाली नहीं है। अलबत्ता, इन्हें जिले से बाहर भेजना होगा। कलेक्टर ने पूछा कि अन्य संवर्ग के कितने शिक्षक अतिशेष हैं। इस पर डीईओ व उपस्थित बीईओ ने सूची नहीं बना पाने की जानकारी दी। कलेक्टर ने कहा कि व्याख्याता के अलावा अन्य संवर्ग के शिक्षक भी अतिशेष होंगे। सभी का एक साथ युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। उन्होंने डीईओ को सभी संवर्ग के अतिशेष शिक्षकों की सूची बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि वर्तमान में शासन ने शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के लिए कोई गाइड लाइन तो जारी नहीं की है। इसलिए इनका युक्तियुक्तकरण पुरानी गाइड लाइन के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने माना कि जिले के कई स्कूलों में शिक्षक नहीं है। जब स्कूल में पर्याप्त टीचर होंगे, तभी हम गुणवत्ता लाने के लिए दबाव बना सकते हैं। बैठक में जला पंचायत सीईओ जेपी मौर्य, अतिरिक्त कलेक्टर केडी कुंजाम, एसडीएम पेंड्रारोड नम्रता गांधी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास गायत्री नेताम, आरएमएसए के सहायक जिला परियोजना अधिकारी मनोज राय, एसएसए के डीएमसी ओम पांडेय, बिल्हा बीईओ एमएल पटेल आदि उपस्थित थे। यहां यह बता दें कि जिला पंचायत प्रशासन ने हाल ही में पति-प|ी के आधार पर शिक्षाकर्मियों का ट्रांसफर किया है। इसके तहत दूसरे जिले से 95 शिक्षाकर्मी वर्ग एक (अब व्याख्याता पंचायत) की यहां पोस्टिंग की गई है। इनमें से कई शिक्षाकर्मियों को उन स्कूलों में भेज दिया गया है, जहां पद रिक्त नहीं थे। इसके चलते कार्यभार ग्रहण करते ही ऐसे शिक्षाकर्मी अतिशेष हो गए हैं। जिला पंचायत द्वारा पदोन्नति और सीधी भर्ती के लिए पद मांगे जाने पर अतिशेष का खुलासा हुआ। मामले में जिला पंचायत व शिक्षा विभाग के अफसर आमने-सामने हो गए थे।
मध्यान्ह भोजन किसी भी हालत में बंद न हो
कलेक्टर ने मध्यान्ह भोजन में मात्रा और गुणवत्ता का नियमित रूप से निरीक्षण करने, मेनू का पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी कारण से मध्यान्ह भोजन किसी भी स्कूल में बंद न हो। जिन स्कूलों में पानी की परेशानी है। वहां मध्यान्ह भोजन बनाने में दिक्कत होती है। कलेक्टर ने ऐसे सभी स्कूलों की सूची उपलब्ध कराने कहा, जिसके 50 मीटर के दायरे में हैंडपंप नहीं है।
आकस्मिक अवकाश की सूचना एसएमएस से दें
कलेक्टर ने बैठक में इस बात पर नाराजगी जताई कि शिक्षक स्कूलों में छुट्टी का आवेदन छोड़कर चले जाते हैं। निरीक्षण के दौरान ऐसे कई मामलों का खुलासा हुआ है। उन्होंने शिक्षकों द्वारा छुट्टी के लिए आवेदन पत्र छोड़कर जाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए नई व्यवस्था बनाई है। इसके तहत आकस्मिक अवकाश पर जाने की सूचना शिक्षकों को एसएमएस से शाला के प्रधानपाठक को देनी होगी।
कलेक्टर ने आहरण-वितरण अधिकारियों को चेताया है कि यदि शिक्षक पंचायत संवर्ग को महीने की हर 5 तारीख को वेतन का भुगतान नहीं होता है तो उनके आहरण अधिकारियों की वेतनवृद्धि रोक दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आवंटन उपलब्ध होने के बाद भी वेतन भुगतान में देरी होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए अब वेतन के लिए आवंटन जिले में न भेजकर सीधे जनपदों को भेजे जाने पर शासन विचार कर रहा है। इसके लिए जनपद सीईओ को नया खाता खोलना होगा। इस खाते में अन्य कोई लेनदेन नहीं होना चाहिए। यह व्यवस्था अभी ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लागू की जा रही है। बीईओ से लेकर जनपद सीईओ तक वेतन की फाइलें हाथों-हाथ चलें, यह व्यवस्था बनाई जाए।
5 तारीख को वेतन नहीं मिला तो वेतनवृद्धि रुकेगी
आज से चलेगा शिक्षा गुणवत्ता अभियान
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत 20 व 21 जुलाई को प्रत्येक स्कूल में सामाजिक अंकेक्षण किया जाएगा। इसकी माॅनिटरिंग के लिए अन्य विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कलेक्टर ने कहा कि आवंटित स्कूलों में अधिकारी कई बार जाएंंगे, तभी वहां शिक्षा की गुणवत्ता का पता चलेगा।
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