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तीन माह बाद आया शिक्षाकर्मियों का वेतन अब वेबपोर्टल का सर्वर डाउन, राशि अटकी

तीन महीने तक जिले के शिक्षाकर्मियों काे वेतन नहीं मिला। अब पांच दिन पहले राज्य शासन से अलॉटमेंट आया तो वेबपोर्टल का सर्वर डाउन है। इस कारण वेतन मिलने में देरी हो रही है। जिला पंचायत से जनपद पंचायतों में आवंटन भेज दिया गया है, लेकिन तकनीकी समस्या के कारण अब तक शिक्षाकर्मियों के खातों में वेतन नहीं पहुंच पाया है।
वहीं वेब पोर्टल के ऑपरेटिंग को लेकर भी दिक्कत आने की बात सामने आ रही है।

हर बार वेतन में देरी को लेकर शिक्षक व शिक्षाकर्मियों में आक्रोश पनप रहा है। शासन से तकरीबन 60 करोड़ का अलाटमेंट आ गया है। सभी ब्लाकों में सर्वर की समस्या आ रही है। शासन ने पहले ही वेबपोर्टल के माध्यम से ही वेतन देने के निर्देश दे दिए हैं। शिक्षाकर्मियों की दिक्कत बढ़ गई है। जिले में हर माह शिक्षाकर्मियों को वेतन देने के लिए 15 करोड़ रुपए का आवंटन आवश्यक है। प्रत्येक महीने में यह आवंटन रेग्युलर नहीं आ पा रहा है।

जानकारी मिली थी, प्रॉब्लम को ठीक करवाया गया है

डोंगरगांव में सर्वर को लेकर दिक्कत थी, उसे ठीक करवा दिया गया है। वहीं डोंगरगढ़ और छुईखदान के शिक्षकों को भी एक-दो दिन में वेतन मिल जाएगा। देखने में आ रहा है कि यह समस्या तकनीकी दिक्कतों के कारण सामने आ रही है। हालांकि जहां-जहां इस तरह की समस्या और आ रही है, उसे जल्द ही सुधार लिया जाएगा। ताकि समय पर शिक्षाकर्मियों को वेतन मिल सके। बीएल कुर्रे, जिला शिक्षा अधिकारी,

राज्य शासन की ओर से 60 करोड़ जारी पर शिक्षकों के खाते में नहीं पहुंची रकम

इन कारणों के चलते शिक्षाकर्मियों को समस्या

एकाएक सारे रिकार्ड को बेवपोर्टल में किया जा रहा है। इस कारण तकनीकी समस्या आना ही है। इसमें चरणबद्ध तरीके से काम किया जाना था।

वेबपोर्टल को लेकर शासन स्तर पर कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई, लेकिन वह सार्थक सिद्ध नहीं हुआ। इस पर मास्टर ट्रेनर पहले बनाए जाने थे।

अलॉटमेंट पहले कोषालय में आता है, वहां भी अधिक राशि आने पर साफ्टवेयर में समस्या आ चुकी है, उस पर भी ध्यान देना जरूरी।

जनपदों को तो जिला पंचायत से आवंटन जारी कर दिया जाता है, लेकिन वहां से शिक्षाकर्मियों को मिलने में होती है देरी।

8 हजार शिक्षाकर्मी जिले में कार्यरत।

15 करोड़ हर माह का वेतन आवश्यक

3 महीने से नहीं मिली तनख्वाह

फैक्ट फाइल

22 जुलाई से नियमित शिक्षक प्रदर्शन करेंगे

इधर 22 जुलाई को जिले के रेग्युलर शिक्षक प्रदर्शन करने की तैयारी में है। वे भी अपनी सात सूत्रीय मांग राज्य सरकार से कर रहे हैं। उनकी भी पहली मांग समयमान-वेतनमान ही है। इसके अलावा प्रमोशन, पदांकन व अन्य है। पदाधिकारियों का कहना है कि पहले एकदिवसीय प्रदर्शन किया जाएगा। मांग पर ध्यान नहीं दिया तो शिक्षक संघ आंदोलन करेगा।

सब ठीक रहा तो नवंबर तक नहीं होगी परेशानी

विभागीय जानकारी के अनुसार राज्य शासन से भी तकरीबन 60 करोड़ का अलॉटमेंट आ गया है। वह भी अलग-अलग मद से। इसलिए अब शिक्षाकर्मियों को वेतन की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा, वह भी कोई तकनीकी दिक्कत नहीं आई तब। अभी कई शिक्षाकर्मियों को वेतन मिल चुका है। खासकर ट्राइबल एरिया में वेतन पेंडिंग है। अलॉटमेंट के हिसाब से नवंबर तक कोई दिक्कत नहीं आने की बात कही जा रही है।

क्या है वेबपोर्टल जानिए और क्यों की ऐसी व्यवस्था

शिक्षाकर्मियों की पूरी जानकारियों को ऑनलाइन किया जा रहा है। सरकार ने इसके निर्देश दे दिए हैं। यानी शिक्षाकर्मियों का वेतन अब इसी के माध्यम से ही रिलीज किया जाएगा। क्योंकि ये शुरुआती दौर है, इस कारण तकनीकी समस्या भी आ रही है। इस कारण ऑपरेटिंग भी बेहतर तरीके से नहीं हो पा रही है। यह सबसे बड़ी वजह है कि शिक्षाकर्मियों का वेतन जल्द जारी नहीं किया जा सका है। इसमें सुधार की आवश्यकता है।


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