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पहले चरण की काउंसिलिंग में भर गईं बीएड की 36 प्रतिशत सीटें

जिले के 35 बीएड कॉलेजों की 36 प्रतिशत सीटें प्रथम चरण की काउंसिलिंग में ही भर चुकी है। एससीईआरटी ने प्रथम चरण की काउंसिलिंग में शामिल विद्यार्थियों को 5 अगस्त तक आवंटित संस्थानों में एडमिशन लेने कहा है। जिसके बाद 6 अगस्त को रिक्त सीटों की घोषणा कर दी जाएगी और दूसरे चरण की काउंसिलिंग शुरू कर दी जाएगी। माना जा रहा है कि बाकी दो काउंसिलिंग में सभी सीटें भी जाएंगी।
लेकिन जरूरी है कि विद्यार्थी की नि:शुल्क काउंसिलिंग परामर्श की आड़ में गुमराह करने वाली संस्थाओं से बचें और डीटीई द्वारा घोषित वेरी गुड व गुड श्रेणी के कॉलेज में ही एडमिशन लें। वहीं एडमिशन लेते वक्त यह भी जांच लें कि संस्थान नैक द्वारा एक्रिडिएट हैं या नहीं।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 135 बीएड कॉलेजों में प्रवेश के लिए 91 सेंटरों में काउंसिलिंग की जा रही है। प्रथम चरण की काउंसिलिंग के तहत 18 से 22 जुलाई तक रजिस्ट्रेशन किया गया था। जिसके बाद 19 से 25 जुलाई तक आवेदकों के दस्तावेजों की जांच की गई थी। जिसके आधार पर 29 जुलाई को आवेदकों को सीटें आवंटित की गई थी और उन्हें पांच अगस्त तक आवंटित संस्थान में प्रवेश लेने कहा गया था। एससीईआरटी के अनुसार अब तक कुल 13450 सीटों में से 6515 सीटें विद्यार्थियों को अलॉट की जा चुकी है। वहीं 6935 सीटें अभी रिक्त हैं। जिनमें एडमिशन की प्रकिया चल रही है। इसके बाद 6 से 9 अगस्त तक दूसरे चरण की काउंसिलिंग का आयोजन किया जाएगा।

जिले के 36 कॉलेजों की 1447 सीटें भरी : एससीईआरटी के अनुसार जिले में 36 बीएड कॉलेज संचालित हैं। जिनमें कुल 4050 सीटें हैं। इनमें से 1457 सीटें प्रथम चरण की काउंसिलिंग के बाद विद्यार्थियों को आवंटित कर दी गई है। इनमें से ज्यादा एडमिशन वैरी गुड व गुड कैटेगरी के कॉलेज में हुए हैं। विद्यार्थियों को आवंटित संस्थान में एडमिशन लेने के लिए 5 अगस्त तक अवसर दिया गया है।

स्टूडेंट रेगुलर रहें: बीएड कोर्स एक प्रशिक्षण कोर्स है, जिसमें स्टूडेंट्स को शिक्षक पद के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। स्टूडेंट्स के लिए जरूरी है कि वे रेगुलर क्लासेस अटैंड कर प्रशिक्षण प्राप्त करें ताकि वे अच्छे शिक्षक बन सकें।

नैक सर्टिफाइड बीएड कॉलेजों का भी स्टूडेंट रखें ध्यान : स्टूडेंट्स को एडमिशन लेते वक्त कॉलेज के नैक द्वारा सर्टिफाइड होने की जांच भी कर लेनी चाहिए। ऐसे संस्थान जो नैक द्वारा सर्टिफाइड हैं या सर्टिफिकेशन प्रक्रिया प्रोसेस में है, इनका चुनाव स्टूडेंट्स के लिए लाभप्रद होगा।

कॉलेजों की बची सीटों पर रहेगी नजर

जानकार बताते हैं कि 6 अगस्त से प्रारंभ हो रहे बीएड काउंसिलिंग के दूसरे राउंड में स्थापित व गुणवत्ता पूर्ण तरीके से बीएड कोर्स संचालित कर रहे कॉलेजों की बची सीटों पर इच्छुक स्टूडेंट्स की नजर रहेगी। वेरी गुड और गुड कैटेगरी कॉलेजों की रैंकिंग डीटीई, रायपुर की वेबसाइट पर उपलब्ध है।

15 वेरी गुड और 18 गुड कॉलेज

जिले में 36 बीएड कॉलेजों में से 15 को डायरेक्टोरेट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन द्वारा वैरी गुड कॉलेज का तमगा दिया गया है। साथ ही इन्हें प्रति वर्ष 30270 रुपए फीस लेने के अनुमति प्रदान की है। इसी प्रकार 18 कॉलेजों को गुड श्रेणी में रखा गया है। इन्हें प्रति वर्ष 29770 रुपए फीस लेने की अनुमति डीटीई ने दी है। डीटीई से प्राप्त जानकारी के अनुसार वेरी गुड, गुड व एवरेज श्रेणी संस्थान की शिक्षा गुणवत्ता, इंफ्रास्ट्रक्चर, फेकल्टी की शैक्षणिक योग्यता व पासिंग परसेंटेज की समीक्षा कर दी गई है।

कोर्स से गुणवत्ता में आएगा सुधार

द्वि-वर्षीय नए बीएड कोर्स से निश्चित रूप से गुणवत्ता में सुधार आएगा। बीएड स्टूडेंट्स को इस कोर्स के दौरान प्रशिक्षण प्राप्त कर शिक्षण की विभिन्न विधाओं को सीखने का अधिक प्रयास करना चाहिए। डॉ मोहना सुशांत पंडित, सदस्य, केन्द्रीय अध्ययन मंडल (शिक्षा), डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन, छत्तीसगढ़

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