रायपुर। प्राइमरी
और मिडिल स्तर की शिक्षा व्यवस्था में सुधार और बच्चों में परीक्षा का भय
खत्म करने राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने बुधवार को तीन अहम फैसले किए
हैं। इसके मुताबिक अब 5-8 वीं की बोर्ड परीक्षाएं फिर से ली जाएंगी।
नतीजे परसेंटेज पर नहीं, ग्रेडिंग पर :
शनिवार के दिन पाली भी बदलेगी:
जनरल प्रमोशन नहीं होंगे। इनके नतीजे ग्रेडिंग सिस्टम से जारी किए जाएंगे
और पढ़ाई के पीरियड भी कम होंगे। शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने शाम एक उच्च
स्तरीय बैठक में ये फैसले कर इन्हें इसी सत्र से लागू करने कह दिया है।
यहां बता दे कि साल 2010 में शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद से
राज्य में 5-8वीं की बोर्ड परीक्षा की दशकों से चली आ रही व्यवस्था खत्म कर
दी गई थी। कानून के मुताबिक इन छोटी कक्षाओं के बच्चों पर परीक्षाओं का
बोझ न लादने और फेल न करने की बाध्यता थी। इससे स्कूली शिक्षा के स्तर पर
विपरीत असर देख जा रहा था। क्वालिटी गिरने का एक कारण बच्चों में परीक्षा
के जरिए प्रतिस्पर्धा को खत्म करना था।
इसे
महसूस करते हुए समय-समय पर शिक्षाविद पुरानी व्यवस्था लागू करने पर जोर
देते रहे हैं। सरकार द्वारा बीते दो सालों से चलाए जा रहे शिक्षा गुणवत्ता
अभियान के दौरान भी यही बातें सामने आ रही थीं। इस अभियान में मुख्यमंत्री,
मंत्री और अाला-अफसर भी स्कूलों का निरीक्षण कर शिक्षा के स्तर और
सुविधाओं का आंकलन कर रिपोर्ट सरकार को देते हैं। इसमें बच्चों और पालकों
ने बोर्ड परीक्षा पद्धति फिर से शुरू करने की मांग की थी। उधर मुख्यमंत्री
रमन सिंह भी केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भी यह
व्यवस्था लागू करने जोर दे चुके हैं।
नतीजे परसेंटेज पर नहीं, ग्रेडिंग पर :
इस
घटनाक्रम के बीच शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने बुधवार शाम स्कूली शिक्षा
व्यवस्था में बड़े बदलाव का फैसला सुना दिया और शिक्षा सचिव विकासशील इसी
सप्ताह नए नियम-निर्देश जारी कर देंगे। ताजे निर्णय के अनुसार चालू सत्र से
ही पांचवी-आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं जिला और संभाग स्तर पर ली जाएंगी।
इनके नतीजे परसेंटेज के बजाय सीबीएससी की तर्ज पर ग्रेडिंग सिस्टम के तहत
जारी किए जाएंगे। इसमें 80 फीसदी प्राप्तांक पर ग्रेड-ए, 60-80 पर
ग्रेड-बी, 40-60 पर ग्रेड-सी और 40 फीसदी या कम पर ग्रेड- डी की ग्रेडिंग
दी जाएगी।
पीरियड भी होंगे कम:
इसी तरह से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बनाए रखने विभाग ने कालखंडों की वर्तमान व्यवस्था भी बदलने का फैसला किया है। अब पढ़ाए जाने वाले विषयों के अनुसार ही कालखंड तय किए जाएंगे। अभी स्कूलों में 7-8 पीरियड होते हैं। अब कम से कम दो पीरियड कम किए जाएंगे।
इसी तरह से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बनाए रखने विभाग ने कालखंडों की वर्तमान व्यवस्था भी बदलने का फैसला किया है। अब पढ़ाए जाने वाले विषयों के अनुसार ही कालखंड तय किए जाएंगे। अभी स्कूलों में 7-8 पीरियड होते हैं। अब कम से कम दो पीरियड कम किए जाएंगे।
शनिवार के दिन पाली भी बदलेगी:
शिक्षा
मंत्री कश्यप ने शनिवार के दिन कक्षाओं की पाली बदलने के भी निर्देश जारी
किए हैं। इस दिन एक भवन में दो पालियों में चलने वाले स्कूलों की कक्षाएं
नए टाइम पर लगेंगी।इसके मुताबिक 12 से 5 बजे वाली कक्षाएं अब सुबह 7-12 और
7-12 की कक्षाएं 12 से 5 बजे लगा करेंगी।
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