मोबाइल टीचिंग का फार्मूला अब शहरी क्षेत्र की स्कूलों में भी शुरू किया
जाएगा। दूसरे चरण में 2 से 5 नवंबर के बीच मोबाइल टीचिंग का शेड्यूल पूरा
किया जाएगा। इस बार शहरी क्षेत्र के उन स्कूलों में विशेषज्ञ पहुंचेंगे
जहां गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के टीचर नहीं है।
विद्यार्थियों की समस्याएं दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि छमाही परीक्षा सात नवंबर से शुरू होने वाली है। इस बीच एक्सपर्ट की दो-तीन क्लासेस अलग-अलग स्कूलों में लगाई जाएगी। अब विशेषज्ञों की टीम एक दर्जन स्कूलों में जा चुकी है। इसका असर भी पड़ रहा है। यह बातें बच्चों के फीडबैक के द्वारा सामने आ रही है। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग के अफसर यह फार्मूला आगे भी जारी रखने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि विषय विशेषज्ञ दसवीं-बारहवीं के बच्चों को यह बता रहे हैं कि परीक्षा में किस पैटर्न के सवाल आते हैं? आंसर कैसे लिखे। इसके अलावा मैथ, फिजिक्स, केमेस्ट्री समेत अन्य की पढ़ाई को लेकर टिप्स भी दिए जा रहे हैं। पिछले दिनों मोबाइल टीचिंग एक्सपर्ट ने बच्चों को मैथ व फिजिक्स में फार्मूला याद करने समेत अन्य की जानकारियां दी।
अच्छी क्लास है, फिर भेजें : एक्सपर्ट की पढ़ाई बच्चों को कैसी लग रही है? उन्हें इससे क्या फायदा हुआ? इसे लेकर बच्चों से फीडबैक लिया जाएगा। अफसरों ने बताया कि इसके लिए स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं। वहीं कुछ स्कूलों के बच्चों ने चिट्ठी लिखकर एक्सपर्ट की पढ़ाई को अच्छा बताया है। साथ ही उन्हें फिर से भेजने को भी कहा है। इस पूरे सत्र में यह फार्मूला लागू रहेगा। मौखिक फीडबैक शिक्षक लेते रहेंगे अौर फिर बच्चों से फार्म भराकर लिखित फीडबैक भी लिया जाएगा। ताकि यह पता चल सके जो प्रयास किया जा रहा है वह सही है या नहीं। इसमें क्या सुधार हो सकता है।
छमाही सात से, पांच यूनिट से सवाल : जिले के सरकारी स्कूलों की छमाही परीक्षा सात नवंबर से शुरू होने वाली है। इसमें विद्यार्थियों से पांच यूनिट से सवाल पूछे जाएंगे। सिर्फ दस-बारहवीं बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की परीक्षा पूरे कोर्स को आधार मानकर ली जाएगी। अफसरों का कहना है कि छमाही परीक्षा के आधार पर दसवीं-बारहवीं के होनहार व कमजोर विद्यार्थियों की सूची तैयार की जाएगी। फिर इसके अनुसार विशेष कक्षाएं लगाई जाएंगी।
क्या है कांसेप्ट
हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में जहां शिक्षकों की कमी है, वहां के बच्चों को विषय से संबंधित जानकारी देने के लिए नया कांसेप्ट शुरू किया गया है। इसमें पांच-पांच एक्सपर्ट की पांच टीमें बनाई गई है। अलग-अलग दिन, एक-एक टीम विभिन्न स्कूलों में जाकर वहां के बच्चों को कोर्स से संबंधित समस्याओं को हल करने का प्रयास कर रही है।
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शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि छमाही परीक्षा सात नवंबर से शुरू होने वाली है। इस बीच एक्सपर्ट की दो-तीन क्लासेस अलग-अलग स्कूलों में लगाई जाएगी। अब विशेषज्ञों की टीम एक दर्जन स्कूलों में जा चुकी है। इसका असर भी पड़ रहा है। यह बातें बच्चों के फीडबैक के द्वारा सामने आ रही है। इसे देखते हुए शिक्षा विभाग के अफसर यह फार्मूला आगे भी जारी रखने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि विषय विशेषज्ञ दसवीं-बारहवीं के बच्चों को यह बता रहे हैं कि परीक्षा में किस पैटर्न के सवाल आते हैं? आंसर कैसे लिखे। इसके अलावा मैथ, फिजिक्स, केमेस्ट्री समेत अन्य की पढ़ाई को लेकर टिप्स भी दिए जा रहे हैं। पिछले दिनों मोबाइल टीचिंग एक्सपर्ट ने बच्चों को मैथ व फिजिक्स में फार्मूला याद करने समेत अन्य की जानकारियां दी।
अच्छी क्लास है, फिर भेजें : एक्सपर्ट की पढ़ाई बच्चों को कैसी लग रही है? उन्हें इससे क्या फायदा हुआ? इसे लेकर बच्चों से फीडबैक लिया जाएगा। अफसरों ने बताया कि इसके लिए स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं। वहीं कुछ स्कूलों के बच्चों ने चिट्ठी लिखकर एक्सपर्ट की पढ़ाई को अच्छा बताया है। साथ ही उन्हें फिर से भेजने को भी कहा है। इस पूरे सत्र में यह फार्मूला लागू रहेगा। मौखिक फीडबैक शिक्षक लेते रहेंगे अौर फिर बच्चों से फार्म भराकर लिखित फीडबैक भी लिया जाएगा। ताकि यह पता चल सके जो प्रयास किया जा रहा है वह सही है या नहीं। इसमें क्या सुधार हो सकता है।
छमाही सात से, पांच यूनिट से सवाल : जिले के सरकारी स्कूलों की छमाही परीक्षा सात नवंबर से शुरू होने वाली है। इसमें विद्यार्थियों से पांच यूनिट से सवाल पूछे जाएंगे। सिर्फ दस-बारहवीं बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की परीक्षा पूरे कोर्स को आधार मानकर ली जाएगी। अफसरों का कहना है कि छमाही परीक्षा के आधार पर दसवीं-बारहवीं के होनहार व कमजोर विद्यार्थियों की सूची तैयार की जाएगी। फिर इसके अनुसार विशेष कक्षाएं लगाई जाएंगी।
क्या है कांसेप्ट
हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों में जहां शिक्षकों की कमी है, वहां के बच्चों को विषय से संबंधित जानकारी देने के लिए नया कांसेप्ट शुरू किया गया है। इसमें पांच-पांच एक्सपर्ट की पांच टीमें बनाई गई है। अलग-अलग दिन, एक-एक टीम विभिन्न स्कूलों में जाकर वहां के बच्चों को कोर्स से संबंधित समस्याओं को हल करने का प्रयास कर रही है।
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