जिले में व्याख्याता पंचायत के 142 पदों की नियुक्ति में बायोलॉजी के आधे पदों को भौतिक व रसायनशास्त्र के पदों से विलोपित कर दिया गया है। शासन द्वारा हाईस्कूल के लिए बनाए गए सेटअप के विपरीत जा कर बायोलॉजी के पदों को कम कर दिया गया है और फिजिक्स व केमिस्ट्री के शिक्षकों से ही बायलॉजी पढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए जिले में व्याख्याता पंचायत के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की हुई है। मई महीने में प्रशासन ने इसे अंतिम रूप देकर 142 पदों के लिए जून के पहले हफ्ते में ही विज्ञापन जारी किया गया था लेकिन 6 महीने बाद भी प्रक्रिया आगे बढ़ने की जगह उलझती जा रही है। विज्ञापन के अनुसार फिजिक्स के 13 केमिस्ट्री के 14 एवं बायोलॉजी के 30 पदों को लिए आवेदन मंगाए गए। 12 हजार आवेदन आने के बाद इनके निबटारे एवं मेरिट सूची निकालने में ही लंबा वक्त लग गया और अब इसमें पदों की संख्या में बदलाव कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने बायोलॉजी के 30 पदों में से 15 में कटौती कर दी गई है और इन पदों से केमिस्ट्री एवं फिजिक्स के पदों को बढ़ा दिया गया है। इसके लिए शिक्षा विभाग एवं जिपं के अधिकारी अजीब तर्क दे रहे हैं। उनके अनुसार हाईस्कूल में विज्ञान संकाय की पढ़ाई के लिए पदों की संख्या को तीनों विषयों में विभक्त कर दिया गया है और बायलाजी के आधे पदों को भौतिक व रसायन के लिए कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार हाईस्कूल में विज्ञान विषय की पढ़ाई के लिए बायलॉजी के लेक्चरर की अपेक्षा विज्ञान के अन्य विषयों के लेक्चरर ज्यादा अच्छा पढ़ा सकते हैं। जबकि शासन के द्वारा जारी सेटअप में हाईस्कूल में केवल बायोलॉजी का ही पद स्वीकृत होता है। एेसे में नियमों के विपरीत जाकर भर्ती की जा रही है।
इंजी.से मोह भंग होने वर्तमान में युवाओं में बायोलॉजी की डिमांड सबसे ज्यादा है।
नुकसान क्या
हाईस्कूल के सिलेबस में बायोलॉजी की अपेक्षा फिजिक्स व केमिस्ट्री का हिस्सा बहुत कम होता है। ऐसे में इन विषयों से पीजी करने वाले शिक्षक की अपेक्षा बायोलॉजी का लेक्चरर स्कूल में ज्यादा बेहतर पढ़ा सकता है लेकिन सेटअप में बदलाव करने से अब फिजिक्स केमिस्ट्री वाले ही बायोलॉजी पढ़ा सकेंगे।
इन पदों में कटौती
विषय पूर्व में वर्तमान पद पद
फिजिक्स 13 19
केमिस्ट्री 14 20
बायलॉजी 30 15
गणित 33 33
कामर्स 22 22
अंग्रेजी 30 30
शिक्षा गुणवत्ता पर काम करने वाला विभाग नहीं दिखा रहा गंभीरता
हाईस्कूल के प्रावधान नहीं
राज्य सरकार ने साल 2009 में हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों के लिए सेटअप जारी किया था। इसके अनुसार हाईस्कूल में व्याख्याता पंचायत के लिए 6 पद स्वीकृत किए गए थे। इसमें हिंदी, गणित, संस्कृत, अंग्रेजी व कला संकाय के अलावा बायोलॉजी के ही व्याख्याता पंचायत की भर्ती की जानी है लेकिन अब अधिकारी बायोलॉजी विषय को कमतर बताते हुए और सेटअप के नियम को शिथिल कर भर्ती कर रहे हैं।
हाईकोर्ट की फटकार
हाईस्कूल में बायोलॉजी के अलावा फिजिक्स या केमिस्ट्री के लेक्चरर का पद नहीं होता है लेकिन जिले में जून महीने में अंबिकापुर से ट्रांसफर होकर आए फिजिक्स के लेक्चरर को घरघोड़ा के भालूमार हाईस्कूल में पदस्थ कर दिया लेकिन हाईस्कूल में सेटअप नहीं होने के कारण शिक्षक ने हाईकोर्ट में अर्जी दी तो कोर्ट की फटकार के बाद विभाग ने शिक्षक को पुसौर के हायर सेकेंडरी में पदस्थ किया गया था।
हाईस्कूल में साइंस में फिजिक्स केमिस्ट्री की अपेक्षा बायोलॉजी का सिलेबस ज्यादा है। शासन ने सेटअप भी उसके हिसाब से बनाया हुआ है। बायोलॉजी विषय को इस तरह से कमतर आंकना गलत है, क्योंकि वर्तमान में इस विषय की डिमांड भी सबसे ज्यादा है। पीसी खोडियार, शिक्षाविद्
हाईस्कूल के लिए विज्ञान संकाय के नाम से भर्ती करने के लिए पद मिले थे। बायोलॉजी अपेक्षाकृत आसान है इसलिए जिला स्तरीय शिक्षा समिति ने भी इसके पदों को कम कर फिजिक्स व केमिस्ट्री के पदों को बढ़ाकर भर्ती करने के निर्देश दिए हैं। आरएन हिराधर, डीइओ
जिले में शिक्षा व्यवस्था के मामले में सीईओ, डीईओ एवं पूरे शिक्षा विभाग का रवैया उपेक्षापूर्ण है। सेटअप के इस नियम की जानकारी मुझे नहीं दी गई है
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हाईस्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए जिले में व्याख्याता पंचायत के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की हुई है। मई महीने में प्रशासन ने इसे अंतिम रूप देकर 142 पदों के लिए जून के पहले हफ्ते में ही विज्ञापन जारी किया गया था लेकिन 6 महीने बाद भी प्रक्रिया आगे बढ़ने की जगह उलझती जा रही है। विज्ञापन के अनुसार फिजिक्स के 13 केमिस्ट्री के 14 एवं बायोलॉजी के 30 पदों को लिए आवेदन मंगाए गए। 12 हजार आवेदन आने के बाद इनके निबटारे एवं मेरिट सूची निकालने में ही लंबा वक्त लग गया और अब इसमें पदों की संख्या में बदलाव कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने बायोलॉजी के 30 पदों में से 15 में कटौती कर दी गई है और इन पदों से केमिस्ट्री एवं फिजिक्स के पदों को बढ़ा दिया गया है। इसके लिए शिक्षा विभाग एवं जिपं के अधिकारी अजीब तर्क दे रहे हैं। उनके अनुसार हाईस्कूल में विज्ञान संकाय की पढ़ाई के लिए पदों की संख्या को तीनों विषयों में विभक्त कर दिया गया है और बायलाजी के आधे पदों को भौतिक व रसायन के लिए कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार हाईस्कूल में विज्ञान विषय की पढ़ाई के लिए बायलॉजी के लेक्चरर की अपेक्षा विज्ञान के अन्य विषयों के लेक्चरर ज्यादा अच्छा पढ़ा सकते हैं। जबकि शासन के द्वारा जारी सेटअप में हाईस्कूल में केवल बायोलॉजी का ही पद स्वीकृत होता है। एेसे में नियमों के विपरीत जाकर भर्ती की जा रही है।
इंजी.से मोह भंग होने वर्तमान में युवाओं में बायोलॉजी की डिमांड सबसे ज्यादा है।
नुकसान क्या
हाईस्कूल के सिलेबस में बायोलॉजी की अपेक्षा फिजिक्स व केमिस्ट्री का हिस्सा बहुत कम होता है। ऐसे में इन विषयों से पीजी करने वाले शिक्षक की अपेक्षा बायोलॉजी का लेक्चरर स्कूल में ज्यादा बेहतर पढ़ा सकता है लेकिन सेटअप में बदलाव करने से अब फिजिक्स केमिस्ट्री वाले ही बायोलॉजी पढ़ा सकेंगे।
इन पदों में कटौती
विषय पूर्व में वर्तमान पद पद
फिजिक्स 13 19
केमिस्ट्री 14 20
बायलॉजी 30 15
गणित 33 33
कामर्स 22 22
अंग्रेजी 30 30
शिक्षा गुणवत्ता पर काम करने वाला विभाग नहीं दिखा रहा गंभीरता
हाईस्कूल के प्रावधान नहीं
राज्य सरकार ने साल 2009 में हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों के लिए सेटअप जारी किया था। इसके अनुसार हाईस्कूल में व्याख्याता पंचायत के लिए 6 पद स्वीकृत किए गए थे। इसमें हिंदी, गणित, संस्कृत, अंग्रेजी व कला संकाय के अलावा बायोलॉजी के ही व्याख्याता पंचायत की भर्ती की जानी है लेकिन अब अधिकारी बायोलॉजी विषय को कमतर बताते हुए और सेटअप के नियम को शिथिल कर भर्ती कर रहे हैं।
हाईकोर्ट की फटकार
हाईस्कूल में बायोलॉजी के अलावा फिजिक्स या केमिस्ट्री के लेक्चरर का पद नहीं होता है लेकिन जिले में जून महीने में अंबिकापुर से ट्रांसफर होकर आए फिजिक्स के लेक्चरर को घरघोड़ा के भालूमार हाईस्कूल में पदस्थ कर दिया लेकिन हाईस्कूल में सेटअप नहीं होने के कारण शिक्षक ने हाईकोर्ट में अर्जी दी तो कोर्ट की फटकार के बाद विभाग ने शिक्षक को पुसौर के हायर सेकेंडरी में पदस्थ किया गया था।
हाईस्कूल में साइंस में फिजिक्स केमिस्ट्री की अपेक्षा बायोलॉजी का सिलेबस ज्यादा है। शासन ने सेटअप भी उसके हिसाब से बनाया हुआ है। बायोलॉजी विषय को इस तरह से कमतर आंकना गलत है, क्योंकि वर्तमान में इस विषय की डिमांड भी सबसे ज्यादा है। पीसी खोडियार, शिक्षाविद्
हाईस्कूल के लिए विज्ञान संकाय के नाम से भर्ती करने के लिए पद मिले थे। बायोलॉजी अपेक्षाकृत आसान है इसलिए जिला स्तरीय शिक्षा समिति ने भी इसके पदों को कम कर फिजिक्स व केमिस्ट्री के पदों को बढ़ाकर भर्ती करने के निर्देश दिए हैं। आरएन हिराधर, डीइओ
जिले में शिक्षा व्यवस्था के मामले में सीईओ, डीईओ एवं पूरे शिक्षा विभाग का रवैया उपेक्षापूर्ण है। सेटअप के इस नियम की जानकारी मुझे नहीं दी गई है
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