बिलासपुर.
पंचायत संवर्ग में बीस संगठन हैं। इनके पदाधिकारी स्कूलों में बच्चों को
पढ़ाने के लिए नियमित स्कूल नहीं जाते हैं। इसे रोकने के लिए जिला पंचायत
प्रशासन ने पंचायत संवर्ग के नेताओं की स्कूलों में उपस्थिति को सुनिश्चित
करने के लिए बायोमेट्रिक मशीन लगाने का निर्णय लिया है। इस मशीन का
नियंत्रण जिला पंचायत के सीईओ के हाथों में रहेगा।
जिला पंचायत ने पंचायत संवर्ग के संगठनों से जुडे़ पदाधिकारियों के बीस स्कूलों का चयन किया है।
इन स्कूलों में किसी न किसी शिक्षा कर्मी संघ का कोई न कोई पदाधिकारी पदस्थ है। ये पदाधिकारी अपने-अपने पदस्थापना वाले स्कूलों में अध्यापन कराने के लिए नियमित स्कूल नहीं जाते । कुछ शिक्षा कर्मी स्कूल अपने निर्धारित समय के हिसाब से जाते हैं पर एक दो पीरियड पढ़ाने के बाद स्कूल से नदारद हो जाते हैं।
20 बायोमेट्रिक मशीन लगेगी : जिला पंचायत प्रशासन द्वारा शिक्षा कर्मियों की नेतागीरी को रोकने के लिए 20 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाएगी ताकि एेसे नेताओं के स्कूल आने-जाने का समय मशीन से पता चल सकेगा। इनमें मस्तूरी विकासखंड में 6, बिल्हा में 5, गौरेला में 3 , कोटा, तखतपुर व मरवाही विकासखंड के दो-दो स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाएगी।
प्राचार्य, हेडमास्टर दबाव में : जिन स्कूलों में शिक्षा कर्मी संघों के पदाधिकारी पदस्थ हैं, उन स्कूलों के प्राचार्य और हेडमास्टर उनकी नेतागीरी के चलते दबाव में काम करते हैं। जब मर्जी हुई तो स्कूल से गायब रहने के बावजूद उनके पूरे माह के वेतन दबाव में प्राचार्य व हेडमास्टर बना देते हैं। लेकिन वे अक्सर जिला मुख्यालय में नजर आते हैं।
ब्लॉक से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक शामिल : शिक्षा कर्मी संघ के ये पदाधिकारी ब्लॉक, जिला एवं प्रदेश अध्यक्ष तक के पदाधिकारी है, जो स्कूलों में ज्यादातर वक्त पढ़ाने के लिए नहीं जाते हैं।
20 स्कूल चिह्नांंकित : जिले के 20 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन अतिशीघ्र लगाई जाएगी, ताकि इन स्कूलों के शिक्षकों की उपस्थिति का सही समय दर्ज हो सके। इसकी तैयारी की जा रही है।
-जेपी मौर्य, सीईओ, जिपं., बिलासपुर
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इन स्कूलों में किसी न किसी शिक्षा कर्मी संघ का कोई न कोई पदाधिकारी पदस्थ है। ये पदाधिकारी अपने-अपने पदस्थापना वाले स्कूलों में अध्यापन कराने के लिए नियमित स्कूल नहीं जाते । कुछ शिक्षा कर्मी स्कूल अपने निर्धारित समय के हिसाब से जाते हैं पर एक दो पीरियड पढ़ाने के बाद स्कूल से नदारद हो जाते हैं।
20 बायोमेट्रिक मशीन लगेगी : जिला पंचायत प्रशासन द्वारा शिक्षा कर्मियों की नेतागीरी को रोकने के लिए 20 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाएगी ताकि एेसे नेताओं के स्कूल आने-जाने का समय मशीन से पता चल सकेगा। इनमें मस्तूरी विकासखंड में 6, बिल्हा में 5, गौरेला में 3 , कोटा, तखतपुर व मरवाही विकासखंड के दो-दो स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाएगी।
प्राचार्य, हेडमास्टर दबाव में : जिन स्कूलों में शिक्षा कर्मी संघों के पदाधिकारी पदस्थ हैं, उन स्कूलों के प्राचार्य और हेडमास्टर उनकी नेतागीरी के चलते दबाव में काम करते हैं। जब मर्जी हुई तो स्कूल से गायब रहने के बावजूद उनके पूरे माह के वेतन दबाव में प्राचार्य व हेडमास्टर बना देते हैं। लेकिन वे अक्सर जिला मुख्यालय में नजर आते हैं।
ब्लॉक से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक शामिल : शिक्षा कर्मी संघ के ये पदाधिकारी ब्लॉक, जिला एवं प्रदेश अध्यक्ष तक के पदाधिकारी है, जो स्कूलों में ज्यादातर वक्त पढ़ाने के लिए नहीं जाते हैं।
20 स्कूल चिह्नांंकित : जिले के 20 स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन अतिशीघ्र लगाई जाएगी, ताकि इन स्कूलों के शिक्षकों की उपस्थिति का सही समय दर्ज हो सके। इसकी तैयारी की जा रही है।
-जेपी मौर्य, सीईओ, जिपं., बिलासपुर
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