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बाधाओं को हराकर बनेंगी डिप्टी कलेक्टर

पोलियो के कारण बचपन में ही दोनों पैरों से लाचार होने के बावजूद सक्ती की अनुराधा अग्रवाल ने हौसला नहीं छोड़ा। स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही बिलासपुर के पंजाबी कॉलोनी में रहकर उसने पीएससी की तैयारी शुरू की। पीएससी 2014 में वह मेरिट में थी, लेकिन आरक्षण के तकनीकी नियमों के चलते अंतिम चयन से वंचित रह गई थी।
पीएससी 2015 में दिव्यांग श्रेणी में टॉप पर रहने के बाद उसका डिप्टी कलेक्टर बनना तय है। इससे पहले अनुराधा का चयन शिक्षाकर्मी, सहायक सांख्यिकी अधिकारी, नायब तहसीलदार के पद पर हो चुका है। वर्तमान में रायगढ़ में तहसीलदार अनुराधा ने नौकरी करते हुए पीएससी 2015 की तैयारी में जुटी हुई थी।

करीब पांच साल पहले सक्ती में रहने वाली अनुराधा अग्रवाल बिलासपुर पहुंची। पोलियो की वजह से बचपन से ही दोनों पैरों से लाचार अनुराधा चलने के लिए लोहे के दो स्टैंड का सहारा लेती हैं। यहां पंजाबी कॉलोनी में किराए के मकान में रहना शुरू किया। शिक्षक सुनील टुटेजा बताते हैं अनुराधा ने कभी कोई क्लास नहीं छोड़ी। त्योहारों व दूसरी छुट्टियों में जहां ज्यादातर छात्र अपने घर चले जाते थे, तब भी अनुराधा बिलासपुर में ही रहती और तैयारी जारी रखती। पीएससी 2012 में नायब तहसीलदार के पद पर चयन होने के बाद कोरबा पोस्टिंग मिली। अनुराधा पीएससी की पिछले वर्ष की परीक्षा में आरक्षण के पेचीदा नियमों की वजह से चयन से वंचित रह गई थी।

प्रतियोगियों की ही मेहनत से बना माहौल

राजधानी रायपुर, रायगढ़, राजनांदगांव समेत अब महासमुंद जैसे छोटे शहर में ही पीएससी की तैयारी करवाने वाली संस्थाएं खोली जा चुकी है, लेकिन प्रतियोगी छात्रों की पहली पसंद अब भी बिलासपुर ही रहता है। कोचिंग के क्षेत्र के जानकार सौरभ चतुर्वेदी का कहना है कि कोचिंग संस्थाएं छात्रों को सिर्फ मार्गदर्शन दे सकती हैं। सिलेबस के मुताबिक नियमित तैयारी करवा सकती हैं। सफलता पूरी तरह छात्रों की अपनी मेहनत पर तय करती है। बिलासपुर पीएससी समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के क्षेत्र में पहचान बनाने लगा है तो इसके पीछे निश्चित रूप से छात्रों की मेहनत ही है।

नया राज्य बनने के बाद से बिलासपुर टॉप पर

नया राज्य बनने के बाद से पिछले 16 सालों से पीएससी, व्यापमं समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए बिलासपुर युवाओं की पहली पसंद रहा है। बिलासपुर के दयालबंद, जूना बिलासपुर, टिकरापारा, मधुबन रोड, जगमल चौक, करबला इलाके में हजारों युवक-युवतियां रहकर पीएससी की तैयारी करते हैं। इस क्षेत्र में युवाओं के निवास करने के पीछे कारण यह है कि पीएससी , यूपीएससी से जुड़ी करीब दर्जनभर कोचिंग संस्थाएं दयालबंद और गांधी चौक क्षेत्र में ही हैं। पिछले कुछ सालों से यूपीएससी के प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में भी बिलासपुर में रहकर पढ़ने वाले युवा जगह बनाते रहे हैं।

अनुराधा अग्रवाल 

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