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जिला पंचायत कर रही शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में देरी: डीईओ

जिला पंचायत के शिक्षा समिति की बैठक में बुधवार को सदस्यों ने जिले के स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया। जिस पर जवाब देते हुए डीईओ बीआर ध्रुव ने कहा कि सभी जगह शिक्षकों की व्यवस्था है। जहां शिक्षक नहीं है, उसका कारण जिला पंचायत द्वारा समय पर नई भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं किया जाना है।
सदस्यों ने कहा कि शिक्षा विभाग व जिला पंचायत के अधिकारियों के बीच तालमेल नहीं होने के कारण भी दिक्कत आ रही है।

इस पर डीईओ ध्रुव ने कहा कि हम अपने स्तर पर पूरी कोशिश करते हैं कि सभी स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था हो। लेकिन जब तक जिला पंचायत के माध्यम से नई नियुक्ति नहीं की जाती तब तक हम कुछ नहीं कर सकते। सदस्य ही मुझे बता दें कि कहां-कहां पद रिक्त है तो उसकी व्यवस्था करेंगे। जिला पंचायत सदस्य बुधियारिन कुमेटी ने कहा कि उनके क्षेत्र के कई स्कूल में विभिन्न संकाय के शिक्षक नहीं है। जिससे पढ़ाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है।

सभापति भड़के, कहा- शिक्षकों की कमी दूर करें : शिक्षा विभाग के सभापति संजय चंद्राकर ने नाराजगी भरे लहजे में कहा कि सदस्यों की बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाता। ऐसे में जिला पंचायत के स्थायी समिति की बैठक रखने की जरूरत ही नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी दूर करों, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होनी चाहिए। डीईओ ने बताया कि सभी स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था कराने कलेक्टर को पत्र लिखा गया है। वहीं बच्चों की बैठने की व्यवस्था की जा रही है। बैठक में जानकारी दी गई कि 330 आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल की व्यवस्था नहीं है। विभागीय बजट में पैसा नहीं होने के कारण इन केंद्रों में पेयजल व्यवस्था के लिए प्रस्ताव बनाकर पीएचई विभाग को प्रेषित किया गया है। सुशीला साहू, अंजली कोठारी, ललिता साहू मौजूद रहे।

94 आंगनबाड़ी में नहीं है शौचालय की व्यवस्था

महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा में महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी समीर पांडेय ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की स्वीकृत पद 1450 है। जिसमें से 7 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद रिक्त है। जिसे जल्द ही भरा जाएगा। जिले के 94 आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय नहीं है। जिसे मनरेगा से जिपं के माध्यम से बनाने सीईओ से चर्चा की गई है।

डॉक्टरों की नियुक्ति करने प्रस्ताव पारित किया गया

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए सदस्यों ने कहा कि जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के चलते लोगों को ईलाज की सुविधा नहीं मिल पाती। जिसके कारण निजी अस्पतालों में ईलाज कराने जाना पड़ता है। जिला अस्पताल में 5 डॉक्टरों की नियुक्ति का प्रस्ताव पारित कर स्वास्थ्य विभाग को भेजा जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने विभागीय योजनाओं की जानकारी सदस्यों को दी। 

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