बिलासपुर ! जिला पंचायत में पंचायत शिक्षकों के पदोन्नति के आदेश पर तब
तक के लिए रोक लगा दी है जब तक वरीयता सूची में गड़बड़ी के संबंध में दायर
याचिका की अंतिम रुप सुनवाई नहीं जाती।
महासमुंद जिले के पंचायत शिक्षक के पद पर पदोन्नति हेतु जिला पंचायत सीईओ द्वारा वरिष्ठता सूची 1 अप्रैल 2016 की स्थिति में जारी की गई थी, जिसमें पंचायत शिक्षकों की सेवाओं को उनकी नियुक्ति की गणना प्रारंभिक तिथि से करने की बजाय स्थानांतरण दिनांक से कर दी गई थी, जिसके कारण उनके नाम वरिष्ठता सूची में नीचे कर दिए गए थे।
छत्तीसगढ़ राज्य के दो परिपत्र जो कि 19 अक्टूबर और 17 नवम्बर 2016 को जारी किए गए थे, जिसमें कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया गया है कि सहायक पंचायत शिक्षकों की सेवाओं को उनकी प्रारंभिक नियुक्ति तिथि से गणना कर पदोन्नति का लाभ प्रदान किया जाए। इसके लिए हाईकोर्ट में पांच सहायक पंचायत शिक्षिकाओं श्रीमती आशा पण्डा, श्रीमती संतोषानी पण्डा, श्रीमती दमयंती पटेल और श्रीमती राधा पटेल के द्वारा अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं नरेन्द्र मेहेर के माध्यम से एक रिट-याचिका दायर की गई थी। जिस पर कोर्ट ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के साथ-साथ महासमुंद के जिला पंचायत सीईओ और जनपद पंचायत पिथौरा के सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है और याचिका की अंतिम सुनवाई होने तक पदोन्नति आदेश जारी करने पर रोक लगा दी है। अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी।
महासमुंद जिले के पंचायत शिक्षक के पद पर पदोन्नति हेतु जिला पंचायत सीईओ द्वारा वरिष्ठता सूची 1 अप्रैल 2016 की स्थिति में जारी की गई थी, जिसमें पंचायत शिक्षकों की सेवाओं को उनकी नियुक्ति की गणना प्रारंभिक तिथि से करने की बजाय स्थानांतरण दिनांक से कर दी गई थी, जिसके कारण उनके नाम वरिष्ठता सूची में नीचे कर दिए गए थे।
छत्तीसगढ़ राज्य के दो परिपत्र जो कि 19 अक्टूबर और 17 नवम्बर 2016 को जारी किए गए थे, जिसमें कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किया गया है कि सहायक पंचायत शिक्षकों की सेवाओं को उनकी प्रारंभिक नियुक्ति तिथि से गणना कर पदोन्नति का लाभ प्रदान किया जाए। इसके लिए हाईकोर्ट में पांच सहायक पंचायत शिक्षिकाओं श्रीमती आशा पण्डा, श्रीमती संतोषानी पण्डा, श्रीमती दमयंती पटेल और श्रीमती राधा पटेल के द्वारा अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी एवं नरेन्द्र मेहेर के माध्यम से एक रिट-याचिका दायर की गई थी। जिस पर कोर्ट ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के साथ-साथ महासमुंद के जिला पंचायत सीईओ और जनपद पंचायत पिथौरा के सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है और याचिका की अंतिम सुनवाई होने तक पदोन्नति आदेश जारी करने पर रोक लगा दी है। अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी।