जिले भर के शिक्षाकर्मियों को वेतन देने को लेकर जिला पंचायत व शिक्षा कार्यालय के अफसर लेटलतीफी कर रहे हैं। अफसरों की निष्क्रियता के चलते शिक्षाकर्मियों को फरवरी माह का वेतन अब तक नहीं मिल पाया है। जबकि मार्च माह को भी पूरा होने में 9 दिन ही शेष रह गया है। समय पर वेतन आवंटन नहीं होने से शिक्षाकर्मियों को जमकर आक्रोश है।
छग पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा ने बताया कि समय पर वेतन भुगतान के अलावा वर्षो से एरियर्स का भुगतान भी पेंडिंग है। वहीं शिक्षा विभाग, आजाक विभाग, नगर निगम, नगर पालिका में कार्यरत शिक्षकों के वेतन भुगतान की तो न तो तिथि निर्धारित है और न ही हर माह वेतन मिल रहा है। बार-बार अवगत कराने के बावजूद प्रॉन नंबर जारी नहीं हो सका है तो कटौती की जा रही राशि को नियमित रूप से खातों में भी जमा नहीं कर रहे। जिला पंचायत व शिक्षा कार्यालयों में अवगत कराने के बावजूद उनकी समस्याओं को अफसर नजरअंदाज कर रहे है। वहीं हर माह समय पर वेतन देने की बात कहकर केवल औपचारिकता पूरी की जा रही है। सचिव विद्यानंद डोंगरे, मनीष पशीने, बाबूलाल लाड़े ने कहा कि शिक्षाकर्मियों से पूरा काम लेकर वेतन के मामले में मजाक किया जा रहा है। जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा ने कहा कि शिक्षाकर्मियों को हर माह समय पर वेतन भुगतान नहीं हो रहा है।
सहायक शिक्षक से शिक्षक पंचायत प्रमोशन में भी देरी
सहायक शिक्षक पंचायत से शिक्षक पंचायत के प्रमोशन के आदेश के बावजूद आठ माह बाद भी अब तक प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। प्रमोशन को लेकर जिला पंचायत ने कई बार वरिष्ठता सूची का प्रकाशन भी किया व दावा-आपत्ति भी मंगाया लेकिन उनका निराकरण न करते हुए प्रक्रिया को रोक दिया गया है। निराकरण नहीं होने से पूर्व में हुई प्रमोशन में अपात्रों को प्रमोशन दिया।
शासन के नए फरमान की संघ की द्वारा की गई निंदा
प्रांतीय प्रतिनिधि शरद शुक्ला ने बताया कि शासन द्वारा जारी अप्रशिक्षित शिक्षक पंचायत की नियमितिकरण निरस्त करने, समयमान व पुनरीक्षित वेतन का लाभ से वंचित करने संबंधित आदेश का प्रदेश व जिला संघ ने विरोध किया है। पूर्व में जारी आदेश में समयमान व पुनरीक्षित वेतन नहीं देने का उल्लेख कही नहीं है।
किराये से रह रहे शिक्षकों की बढ़ गई परेशानी
जिला उपाध्यक्ष चंद्रिका यादव व फलेश साहू ने बताया कि जिले में पर्याप्त आवंटन रहते हुए भी जिलेभर के लगभग 8000 शिक्षाकर्मियों को फरवरी माह का वेतन अब तक नहीं मिला है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश का जिला में पालन नहीं हो रहा। शिक्षाकर्मी दूर-दराज से आकर किराये के मकान में रहते हैं।
छग पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा ने बताया कि समय पर वेतन भुगतान के अलावा वर्षो से एरियर्स का भुगतान भी पेंडिंग है। वहीं शिक्षा विभाग, आजाक विभाग, नगर निगम, नगर पालिका में कार्यरत शिक्षकों के वेतन भुगतान की तो न तो तिथि निर्धारित है और न ही हर माह वेतन मिल रहा है। बार-बार अवगत कराने के बावजूद प्रॉन नंबर जारी नहीं हो सका है तो कटौती की जा रही राशि को नियमित रूप से खातों में भी जमा नहीं कर रहे। जिला पंचायत व शिक्षा कार्यालयों में अवगत कराने के बावजूद उनकी समस्याओं को अफसर नजरअंदाज कर रहे है। वहीं हर माह समय पर वेतन देने की बात कहकर केवल औपचारिकता पूरी की जा रही है। सचिव विद्यानंद डोंगरे, मनीष पशीने, बाबूलाल लाड़े ने कहा कि शिक्षाकर्मियों से पूरा काम लेकर वेतन के मामले में मजाक किया जा रहा है। जिलाध्यक्ष गोपी वर्मा ने कहा कि शिक्षाकर्मियों को हर माह समय पर वेतन भुगतान नहीं हो रहा है।
सहायक शिक्षक से शिक्षक पंचायत प्रमोशन में भी देरी
सहायक शिक्षक पंचायत से शिक्षक पंचायत के प्रमोशन के आदेश के बावजूद आठ माह बाद भी अब तक प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। प्रमोशन को लेकर जिला पंचायत ने कई बार वरिष्ठता सूची का प्रकाशन भी किया व दावा-आपत्ति भी मंगाया लेकिन उनका निराकरण न करते हुए प्रक्रिया को रोक दिया गया है। निराकरण नहीं होने से पूर्व में हुई प्रमोशन में अपात्रों को प्रमोशन दिया।
शासन के नए फरमान की संघ की द्वारा की गई निंदा
प्रांतीय प्रतिनिधि शरद शुक्ला ने बताया कि शासन द्वारा जारी अप्रशिक्षित शिक्षक पंचायत की नियमितिकरण निरस्त करने, समयमान व पुनरीक्षित वेतन का लाभ से वंचित करने संबंधित आदेश का प्रदेश व जिला संघ ने विरोध किया है। पूर्व में जारी आदेश में समयमान व पुनरीक्षित वेतन नहीं देने का उल्लेख कही नहीं है।
किराये से रह रहे शिक्षकों की बढ़ गई परेशानी
जिला उपाध्यक्ष चंद्रिका यादव व फलेश साहू ने बताया कि जिले में पर्याप्त आवंटन रहते हुए भी जिलेभर के लगभग 8000 शिक्षाकर्मियों को फरवरी माह का वेतन अब तक नहीं मिला है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेश का जिला में पालन नहीं हो रहा। शिक्षाकर्मी दूर-दराज से आकर किराये के मकान में रहते हैं।