दुर्ग .
अपनी मांगों को लेकर 9 दिन से हड़ताल कर रहे शिक्षाकर्मियों के खिलाफ शासन
ने सख्ती शुरू कर दी है। मंगलवार को दो शिक्षाकर्मियों की बर्खास्तगी का
आदेश जारी कर दिया गया। वहीं अन्य जिलें से तबादले पर आए 15 शिक्षाकर्मियों
को उसी जिले के लिए एकतरफा रिलीव कर दिया गया जहां से वे तबादले पर दुर्ग
जिले आए थे। देर शाम यह आदेश जिला पंचायत सीईओ आरके खूंटे ने जारी किया।
इससे पहले 7 परीविक्षाधीन और अन्य जिलों से तबादले पर आए 105 शिक्षाकर्मियों को जिला पंचायत सीईओ ने 23 नवंबर को नोटिस जारी किया था। जिसमें स्कूलों में वापस लौटने के लिए 3 दिन की मोहलत देकर मूल जिला वापस भेज देने की चेतावनी दी गई थी। यह मियांद 2 दिन पहले ही खत्म हो गया था। मंगलवार को देर शाम तक शिक्षाकर्मियों के लौटने का इंतजार किया गया। सोमवार तक परीविक्षाधीन 5 और तबादले वाले 74 शिक्षाकर्मी लौट गए थे। मंगलवार को 13 शिक्षाकर्मी और लौटे। इसके साथ देर शाम नहीं लौटने वाले शिक्षाकर्मियों को रिलिविंग आदेश जारी कर दिया गया।
आज से करेंगे भूख हड़ताल
आंदोलनकारियों ने बुधवार से क्रमिक भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है। पहले दिन शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के तमाम पदाधिकारी भूख हड़ताल पर बैठेंगे। शिक्षाकर्मियों ने 2 दिसंबर को राजधानी में प्रांत व्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। शिक्षाकर्मी इसमें परिवार के साथ शामिल होंगे। शिक्षाकर्मियों का कहना है कि 9 दिन आंदोलन के बाद भी शासन द्वारा पहल नहीं किए जाने व केबिनेट की बैठक में भी चर्चा नहीं किए जाने के कारण यह निर्णय लिया गया है।
शि क्षाकर्मियों के हड़ताल पर मंगलवार को विद्यार्थियों का विरोध सामने आया है। नगपुरा हायर सेकंडरी स्कूल के विद्यार्थियों मे एडीएम संजय अग्रवाल को ज्ञापन सौंपकर शिक्षाकर्मियों को तत्काल वापस भेजने या बर्खास्त कर नई नियुक्ति करने की मांग की। दो दिन में कदम न उठाने पर गुरुवार को चक्काजाम करने की बात कही है। शाला नायक तुलसी साहू व मनीष पुनाचा ने बताया कि नगपुरा हायर सेकंडरी स्कूल में 250 से ज्यादा विद्यार्थी हैं। यहां २० नवंबर से पढ़ाई ठप है। अर्धवार्षिक १ दिसंबर से है।
लगभग सभी प्रमुख विषय को पढ़ाने वाले शिक्षाकर्मी है। शिक्षाकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से 20 नवंबर से पढ़ाईप ठप्प है। इधर 9 दिसंबर से अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो रही है। स्कूल में पढ़ाई नहीं होने से परीक्षा की तैयारी प्रभावित हो रही है। सीईओ जिला पंचायत आरके खुटे ने बताया कि फिलहाल नोटिस के बाद भी नहीं लौटने वाले परीविक्षाधीन और ट्रांसफर होकर आए शिक्षाकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। दूसरे शिक्षाकर्मियों को भी नोटिस जारी किया जा चुका है। अब उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
ला खों स्कूली बच्चों की पढ़ाई नौ दिन से चौपट है। सरकार अपने हठ में है और शिक्षाकर्मी अपने। ऐसा लगता है नई पीढ़ी के भविष्य की चिंता किसी को नहीं है। शिक्षा को बर्बाद करने का कहीं कुचक्र तो नहीं चल रहा है। शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कां दर्ज देते हैं पर सरकार ने रोज-रोज नीति, नियम बदलने का क्रम जारी रखा और शिक्षा व्यवस्था को बेपटरी कर दिया। शिक्षक को कभी गुरु कहते हैं कभी मास्टर। कभी उप शिक्षक बनाते हैं तो कभी औपचारिकेत्तर शिक्षक तो कभी संविदा शिक्षक।
आखिर ऐसा कब तक चलेगा। हम नहीं झुकेंगे। हठ ने जैसै बातचीत का रास्ता ही बंद कर दिया है या फिर मामला निम्न व गरीब वर्ग के बच्चों का है इसलिए। अगर ऐसा नहीं है तो क्या मामले को बातचीत से नहीं सुलझाया जा सकता? क्या बच्चों का भविष्य और शिक्षकों का जीवन बर्बाद होना चाहिए? बेहतर यही होगा सरकार और शिक्षाकर्मी मामले को बातचीत से जल्द से जल्द सुलझाकर स्कूलों में पढ़ाई बहाल करने के लिए कदम उठाएं।
डी ईओ आशुतोष चावरे ने मंगलवार को फिर से नया टाइम टेबल जारी किया है। जिसके अनुसार अब परीक्षाएं 1 से शुरू होकर 8 दिसंबर तक चलेगी। हालांकि अधिकारी इस बात को भी स्वीकार करते हैं कि अगर हड़ताल और लंबी चली तो परीक्षा की तारीख और आगे बढ़ जाएगी। शिक्षाकर्मियों के साथ-साथ चल रही रसोइयां संघ की हड़ताल अब समाप्त हो चुकी है। इससे मिडिल और प्राइमरी स्कूलों में लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। बुधवार से रसोईए अपने काम में लौट जाएंगे।
परिवार भी होगा शामिल शिक्षाकर्मी संघ के पदाधिकारियों की मानें तो जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे परिवार के साथ धरने पर बैठेंगे। जल्द ही आंदोलन को नई दिशा देने इस तरह के फैसले संघ ले सकता है। शि क्षाकर्मियों की हड़ताल का असर बच्चों की पढ़ाई और परीक्षा पर पड़ रहा है। सप्ताहभर में जिला शिक्षा अधिकारी ने दूसरी बार प्राइमरी और मिडिल स्कूल की छमाही परीक्षा का टाइम टेबल फिर एक दिन आगे बढ़ा दिया है। परीक्षाएं अब 30 नवंबर की बजाए 1 दिसंबर से शुरू होंगी।
इससे पहले 7 परीविक्षाधीन और अन्य जिलों से तबादले पर आए 105 शिक्षाकर्मियों को जिला पंचायत सीईओ ने 23 नवंबर को नोटिस जारी किया था। जिसमें स्कूलों में वापस लौटने के लिए 3 दिन की मोहलत देकर मूल जिला वापस भेज देने की चेतावनी दी गई थी। यह मियांद 2 दिन पहले ही खत्म हो गया था। मंगलवार को देर शाम तक शिक्षाकर्मियों के लौटने का इंतजार किया गया। सोमवार तक परीविक्षाधीन 5 और तबादले वाले 74 शिक्षाकर्मी लौट गए थे। मंगलवार को 13 शिक्षाकर्मी और लौटे। इसके साथ देर शाम नहीं लौटने वाले शिक्षाकर्मियों को रिलिविंग आदेश जारी कर दिया गया।
आज से करेंगे भूख हड़ताल
आंदोलनकारियों ने बुधवार से क्रमिक भूख हड़ताल का ऐलान कर दिया है। पहले दिन शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के तमाम पदाधिकारी भूख हड़ताल पर बैठेंगे। शिक्षाकर्मियों ने 2 दिसंबर को राजधानी में प्रांत व्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। शिक्षाकर्मी इसमें परिवार के साथ शामिल होंगे। शिक्षाकर्मियों का कहना है कि 9 दिन आंदोलन के बाद भी शासन द्वारा पहल नहीं किए जाने व केबिनेट की बैठक में भी चर्चा नहीं किए जाने के कारण यह निर्णय लिया गया है।
शि क्षाकर्मियों के हड़ताल पर मंगलवार को विद्यार्थियों का विरोध सामने आया है। नगपुरा हायर सेकंडरी स्कूल के विद्यार्थियों मे एडीएम संजय अग्रवाल को ज्ञापन सौंपकर शिक्षाकर्मियों को तत्काल वापस भेजने या बर्खास्त कर नई नियुक्ति करने की मांग की। दो दिन में कदम न उठाने पर गुरुवार को चक्काजाम करने की बात कही है। शाला नायक तुलसी साहू व मनीष पुनाचा ने बताया कि नगपुरा हायर सेकंडरी स्कूल में 250 से ज्यादा विद्यार्थी हैं। यहां २० नवंबर से पढ़ाई ठप है। अर्धवार्षिक १ दिसंबर से है।
लगभग सभी प्रमुख विषय को पढ़ाने वाले शिक्षाकर्मी है। शिक्षाकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से 20 नवंबर से पढ़ाईप ठप्प है। इधर 9 दिसंबर से अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो रही है। स्कूल में पढ़ाई नहीं होने से परीक्षा की तैयारी प्रभावित हो रही है। सीईओ जिला पंचायत आरके खुटे ने बताया कि फिलहाल नोटिस के बाद भी नहीं लौटने वाले परीविक्षाधीन और ट्रांसफर होकर आए शिक्षाकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। दूसरे शिक्षाकर्मियों को भी नोटिस जारी किया जा चुका है। अब उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
ला खों स्कूली बच्चों की पढ़ाई नौ दिन से चौपट है। सरकार अपने हठ में है और शिक्षाकर्मी अपने। ऐसा लगता है नई पीढ़ी के भविष्य की चिंता किसी को नहीं है। शिक्षा को बर्बाद करने का कहीं कुचक्र तो नहीं चल रहा है। शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कां दर्ज देते हैं पर सरकार ने रोज-रोज नीति, नियम बदलने का क्रम जारी रखा और शिक्षा व्यवस्था को बेपटरी कर दिया। शिक्षक को कभी गुरु कहते हैं कभी मास्टर। कभी उप शिक्षक बनाते हैं तो कभी औपचारिकेत्तर शिक्षक तो कभी संविदा शिक्षक।
आखिर ऐसा कब तक चलेगा। हम नहीं झुकेंगे। हठ ने जैसै बातचीत का रास्ता ही बंद कर दिया है या फिर मामला निम्न व गरीब वर्ग के बच्चों का है इसलिए। अगर ऐसा नहीं है तो क्या मामले को बातचीत से नहीं सुलझाया जा सकता? क्या बच्चों का भविष्य और शिक्षकों का जीवन बर्बाद होना चाहिए? बेहतर यही होगा सरकार और शिक्षाकर्मी मामले को बातचीत से जल्द से जल्द सुलझाकर स्कूलों में पढ़ाई बहाल करने के लिए कदम उठाएं।
डी ईओ आशुतोष चावरे ने मंगलवार को फिर से नया टाइम टेबल जारी किया है। जिसके अनुसार अब परीक्षाएं 1 से शुरू होकर 8 दिसंबर तक चलेगी। हालांकि अधिकारी इस बात को भी स्वीकार करते हैं कि अगर हड़ताल और लंबी चली तो परीक्षा की तारीख और आगे बढ़ जाएगी। शिक्षाकर्मियों के साथ-साथ चल रही रसोइयां संघ की हड़ताल अब समाप्त हो चुकी है। इससे मिडिल और प्राइमरी स्कूलों में लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। बुधवार से रसोईए अपने काम में लौट जाएंगे।
परिवार भी होगा शामिल शिक्षाकर्मी संघ के पदाधिकारियों की मानें तो जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे परिवार के साथ धरने पर बैठेंगे। जल्द ही आंदोलन को नई दिशा देने इस तरह के फैसले संघ ले सकता है। शि क्षाकर्मियों की हड़ताल का असर बच्चों की पढ़ाई और परीक्षा पर पड़ रहा है। सप्ताहभर में जिला शिक्षा अधिकारी ने दूसरी बार प्राइमरी और मिडिल स्कूल की छमाही परीक्षा का टाइम टेबल फिर एक दिन आगे बढ़ा दिया है। परीक्षाएं अब 30 नवंबर की बजाए 1 दिसंबर से शुरू होंगी।