रायपुर .
अगले सत्र से छत्तीसगढ़ के सभी निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम
(आरटीई) के तहत सीटों का बंटवारा पारदर्शी ऑनलाइन सिस्टम से होगा। इसके
लिए राज्य सरकार ने दिल्ली की एक गैर सरकारी संगठन से अनुबंध किया है।
यह संस्था निजी स्कूलों में नर्सरी अथवा पहली कक्षा की 25 प्रतिशत सीट का ऑनलाइन डेटाबेस तैयार करेगी। इस पर सीट आवंटन किया जाएगा।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया होने के बाद ऑनलाइन आधार कार्ड नंबर के जरिए शिक्षा विभाग आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों की मॉनिटरिंग भी कर सकेगा। किस स्कूल में आरटीई के कितने सीटें उपलब्ध हैं व कितनी भरी जा चुकी हैं, ये सारी जानकारियां सरकार के पास डेटा के रूप में उपलब्ध रहेगी।
पालक कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन
बीपीएल परिवार के पालकों को अपने बच्चे के दाखिले के लिए अब स्कूलों में लाइन लगाने की जरूरत नहीं होगी। वे अपने मोबाइल या नजदीकी साइबर कैफे में जाकर अपने निवास स्थान से 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों में ऑनलाइन ऑप्शन भर सकेंगे। कुल 5 स्कूलों का ऑप्शन देने के बाद लॉटरी के जरिए किसी भी स्कूल में सीट आवंटित कर दी जाएगी।
सबसे पहले रायपुर ने चालू किया ऑनलाइन
आरटीई के तहत ऑनलाइन प्रक्रिया करने का आदर्श मॉडल रायपुर के कलेक्टर ओपी चौधरी और जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने दिया है। इस नवाचार को मुख्यमंत्री तक प्रशंसा कर चुके हैं। जिसके चलते स्कूल शिक्षा विभाग अब इसे अगले सत्र से प्रदेश के सभी स्कूलों में लागू करने का निर्णय लिया है।
ऐसे बांटेंगे सीट
आरटीई के तहत बच्चों का आवेदन ऑनलाइन आने के बाद ऑटोमेटिक रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाएगा। इसमें यदि पालकों का मोबाइल नंबर होगा तो पल-पल की जानकारी उनको मैसेज से मिलेगी। ऑटोमेटिक सिस्टम अपडेट होने के बाद एक साथ सभी को सीट एलॉट कर दी जाएगी।
नहीं छुपा सकेंगे सीटें
अब आरटीई में ऑनलाइन डेटाबेस होने पर अब निजी स्कूलों को सभी बच्चों की जानकारी देनी होगी। इससे ऑटोमेटिक 25 प्रतिशत सीट आरटीई के लिए आरक्षित हो जाएगी। इससे वे सीट नहीं छिपा सकेंगे। राजधानी में ही कुछ स्कूलों के खिलाफ आरटीई के तहत सीटें छिपाने की शिकायत आ चुकी है।
रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी अशोक नारायण बंजारा ने कहा कि आरटीई में ऑनलाइन प्रक्रिया आने से सीटों में पारदर्शित आने से बीपीएल परिवारों को आरटीई में आवेदन करने में आसानी होगी। जिससे ज्यादा बच्चे इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
यह संस्था निजी स्कूलों में नर्सरी अथवा पहली कक्षा की 25 प्रतिशत सीट का ऑनलाइन डेटाबेस तैयार करेगी। इस पर सीट आवंटन किया जाएगा।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया होने के बाद ऑनलाइन आधार कार्ड नंबर के जरिए शिक्षा विभाग आरटीई के तहत प्रवेश लेने वाले बच्चों की मॉनिटरिंग भी कर सकेगा। किस स्कूल में आरटीई के कितने सीटें उपलब्ध हैं व कितनी भरी जा चुकी हैं, ये सारी जानकारियां सरकार के पास डेटा के रूप में उपलब्ध रहेगी।
पालक कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन
बीपीएल परिवार के पालकों को अपने बच्चे के दाखिले के लिए अब स्कूलों में लाइन लगाने की जरूरत नहीं होगी। वे अपने मोबाइल या नजदीकी साइबर कैफे में जाकर अपने निवास स्थान से 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों में ऑनलाइन ऑप्शन भर सकेंगे। कुल 5 स्कूलों का ऑप्शन देने के बाद लॉटरी के जरिए किसी भी स्कूल में सीट आवंटित कर दी जाएगी।
सबसे पहले रायपुर ने चालू किया ऑनलाइन
आरटीई के तहत ऑनलाइन प्रक्रिया करने का आदर्श मॉडल रायपुर के कलेक्टर ओपी चौधरी और जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने दिया है। इस नवाचार को मुख्यमंत्री तक प्रशंसा कर चुके हैं। जिसके चलते स्कूल शिक्षा विभाग अब इसे अगले सत्र से प्रदेश के सभी स्कूलों में लागू करने का निर्णय लिया है।
ऐसे बांटेंगे सीट
आरटीई के तहत बच्चों का आवेदन ऑनलाइन आने के बाद ऑटोमेटिक रजिस्ट्रेशन नंबर दिया जाएगा। इसमें यदि पालकों का मोबाइल नंबर होगा तो पल-पल की जानकारी उनको मैसेज से मिलेगी। ऑटोमेटिक सिस्टम अपडेट होने के बाद एक साथ सभी को सीट एलॉट कर दी जाएगी।
नहीं छुपा सकेंगे सीटें
अब आरटीई में ऑनलाइन डेटाबेस होने पर अब निजी स्कूलों को सभी बच्चों की जानकारी देनी होगी। इससे ऑटोमेटिक 25 प्रतिशत सीट आरटीई के लिए आरक्षित हो जाएगी। इससे वे सीट नहीं छिपा सकेंगे। राजधानी में ही कुछ स्कूलों के खिलाफ आरटीई के तहत सीटें छिपाने की शिकायत आ चुकी है।
रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी अशोक नारायण बंजारा ने कहा कि आरटीई में ऑनलाइन प्रक्रिया आने से सीटों में पारदर्शित आने से बीपीएल परिवारों को आरटीई में आवेदन करने में आसानी होगी। जिससे ज्यादा बच्चे इस योजना का लाभ ले सकेंगे।