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31 शिक्षकों की संबद्घता खत्म, 4693 शिक्षकों का वेतन कटा

कवर्धा। नईदुनिया न्यूज जनपद में शिक्षाकर्मियों का आंदोलन खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। शासन की ओर से मिली चेतावनी के बावजूद शिक्षाकर्मी काम पर वापस नहीं लौटे हैं। गुरुवार को आन्दोलनकारी शिक्षक भूखहडताल पर रहे है। प्रदर्शन व नारेबाजी कर उन्होंने सरकार को कोसा।
दो दिसंबर को रायपुर में होने वाले आन्दोलन की ऐतिहासिक बनाने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया। दूसरी ओर, शिक्षा विभाग में उन 31 शिक्षकों की संबद्घता समाप्त कर दी है जो सिफारिश के आधार पर किसी न किसी स्कूल में संबंद्घ रहे है। शिक्षा विभाग ने हड़ताल पर रहने वाले 4693 शिक्षकों को अनुपस्थित मानते हुए उनका वेतन काटने का पत्र कोषाधिकारी को भेजा है। उधर, आंगनवाडी केन्द्रों पर ताला लटका रहा। आगनवाडी अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर हडताल पर रही। जनपद में 1236 आंगनवाडी केन्द्रों पर हडताल के चलते केन्द्रों का ताला नहीं खुला। आगंनवाड़ी केन्द्रों का ताला खुलवाने के लिए कलेक्टर ने गुरूवार को आपात बैठक जरूर की।
गुरूवार को शिक्षकों का आन्दोलन 11 वें दिन भी जारी रहा। आन्दोलनकारियों ने शासन के फैसले से नाराज होकर जमकर नारेबाजी की । हर विकास खंड पर दस से बीच शिक्षक भूख हडताल पर रहे।शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के बैनर तले 20 नवम्बर से जारी अनिश्चितकालीन आन्दोलन के 11 वें दिन गुरूवार को कवर्धा के धरना स्थल पर सरकार को सद्बुद्घि देने के लिए आठ सौ से अधिक पंचायत शिक्षकों ने एक साथ सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान धरना स्थल पर बड़ी संख्या में उपस्थित पंचायत शिक्षकों ने गांधी टोपी पहनकर शांतिपूर्वक ढंग से धरना प्रदर्शन जारी रखते हुए आन्दोलन को संविलियन होने तक जारी रखने का संकल्प लिया।शिक्षक मोर्चा के जिला संचालक रमेश कुमार चन्द्रवंशी, शिवेन्द्र चन्द्रवंशी, प्रांतीय प्रतिनिधि गजराज राजपूत, ब्लाक संचालक केशलाल साहू, विरेन्द्र चन्द्रवंशी आदि ने बताया कि गुरूवार को दस पंचायत शिक्षक व पांच शिक्षिकाएं भूख हडताल पर रही।
खुले है स्कूल हो रही है पढ़ाईः कलेक्टर
कलेक्टर कलेक्टर नीरज कुमार बनसोड़ ने दावा किया कि गुरुवार को शिक्षक पंचायत संवर्ग के हड़ताल से बधाों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसको ध्यान में रखते हुए अपने कार्य के अतिरिक्त समय निकालकर ग्राम पंचायत स्तर पर नियुक्त 461 नोडल अधिकारी, 140 अशासकीय विद्यालय के शिक्षक, 550 साक्षरता प्रेरक, 190 जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान में अध्ययनरत डी.एड. के विद्यार्थी, 40 सेवा निवृत्त शिक्षकों, लगभग 200 महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों, एन.एस.एस. कैंप के दौरान शामिल विद्यार्थी, वन विभाग, जनप्रतिनिधियों, आम नागरिको, स्वयंसेवी, शिक्षित युवाओ, कॉलेज के छात्र-छात्राओ, महिला बाल विकास विभाग, एवं अन्य विभाग के द्वारा स्वप्रेरित होकर जिले के शासकीय 971 प्राथमिक, 495 पूर्व माध्यमिक, 74 हाईस्कूल तथा 70 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में पंहुचकर विद्यालय संचालन एवं अध्यापन किया जा रहा है। जिले के सभी विद्यालय इनके सहयोग से संचालित है। सभी विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन बधाों को दिया जा रहा है। स्वैच्छिक सहयोग से स्कूलों में पठन पाठन हो रहा है। 

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