रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि स्कूली बच्चों के लिए खुशखबरी है।
हाई और हायर सेकंडरी में कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के बच्चों के लिए पहली
बार कॅरियर गाइडेंस की पुस्तकें तैयार की जा रही हैं।
इनमें मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे महत्वपूर्ण बिजनेस सेक्टर, जो कि रोजगार दिलाने में कारगर हो, ऐसी नीतियों को पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा पाठ्यक्रम में खेल और संस्कृत का भी समावेश किया जाएगा। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) के सदस्यों के सुझाव के बाद स्कूल शिक्षा विभाग इसके लिए विचार कर रहा है। सचिव का कहना है कि स्कूलों में नए सत्र से पढ़ाई करवाने के लिए मौजूदा बच्चों के रोजगार लायक सरकारी योजनाओं को अपडेट किया जाएगा। इसके लिए अलग से कॅरियर गाइडेंस की किताब होगी, जिसे हर शनिवार को बच्चों को प़ढ़ाया जाएगा। यह अनिवार्य कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेशभर में 4200 हाई और हायर सेकंडरी स्कूल हैं। इनमें 7 लाख से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
हर साल अपडेट होगी कॅरियर गाइडेंस की किताब
माशिमं के अध्यक्ष विकास शील का कहना है कि मुख्य पाठ्यक्रम में इस तरह की रोजगारन्मुखी योजनाओं को स्थायी रूप से शामिल नहीं किया जा सकता है, इसलिए योजनाओं के हिसाब से हर साल कॅरियर गाइडेंस की किताब संशोधन करके बच्चों को दिया जाएगा। बच्चों के लिए स्टार्ट-अप इंडिया एक महत्वपूर्ण योजना है।
आरएमएसए का भी था प्रस्ताव
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) ने भी यह प्रस्ताव स्कूल शिक्षा विभाग को भेजा था। इनमें राज्यभर के 390 स्कूलों में आठ ट्रेडों पर चल रहे वोकेशनल कोर्सेस के पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने के लिए कहा गया है। प्रदेश के 50 हजार परीक्षार्थी फिलहाल वोकेशनल की पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें एग्रीकल्चर, रिटेल, हेल्थकेयर, बीएफएसआई, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट आईटीज और टेलीकॉम ट्रेड चल रहे हैं।
यह है स्टार्ट-अप
केंद्र सरकार की स्टार्ट-अप योजना 5 अप्रैल 2016 को लॉन्च हुई थी। इस योजना का मकसद छोटे-बड़े कारोबार की योजना बनाने वाले उद्यमियों की मदद करना है। इसमें न सिर्फ लोन की सुविधा दी जाती है बल्कि उचित मार्गदर्शन के साथ साथ आपको बिजनेस के लिए आसान पॉलिसी के बारे में भी बताया जाता है। इतना ही नहीं, आपको इस योजना के तहत स्किल डिवेलपमेंट ट्रेनिंग भी दी जाती है।
बच्चों को यह होगा फायदा
खासकर स्कूली बच्चों को यह योजना फायदेमंद है जो युवा बारहवीं करने के बाद अपना खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं। कारोबार शुरू करने की इच्छा रखने वाले लोगों को आर्थिक मदद की जाती है और साथ ही उन्हें इस आर्थिक मदद के साथ साथ टैक्स छूट भी मिलती है।
पब्लिक डोमेन में होगी फीस
माशिमं ने नया सत्र शुरू होने से पहले पालक को सुविधा देने के लिए भी पहल की है। इसमें माशिमं की वेबसाइट के जरिए निजी स्कूलों को कॅरियर गाइडेंस की सुविधाओं के अलावा पब्लिक डोमेन में पालकों के एडमिशन, स्कूल की फीस और सुविधाओं की सारी जानकारियां अपडेट कराने पर भी विचार चल रहा है।
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05 संदीप 07 समय 9ः41 बजे 3
सं. आरकेडी
इनमें मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे महत्वपूर्ण बिजनेस सेक्टर, जो कि रोजगार दिलाने में कारगर हो, ऐसी नीतियों को पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा पाठ्यक्रम में खेल और संस्कृत का भी समावेश किया जाएगा। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) के सदस्यों के सुझाव के बाद स्कूल शिक्षा विभाग इसके लिए विचार कर रहा है। सचिव का कहना है कि स्कूलों में नए सत्र से पढ़ाई करवाने के लिए मौजूदा बच्चों के रोजगार लायक सरकारी योजनाओं को अपडेट किया जाएगा। इसके लिए अलग से कॅरियर गाइडेंस की किताब होगी, जिसे हर शनिवार को बच्चों को प़ढ़ाया जाएगा। यह अनिवार्य कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेशभर में 4200 हाई और हायर सेकंडरी स्कूल हैं। इनमें 7 लाख से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
हर साल अपडेट होगी कॅरियर गाइडेंस की किताब
माशिमं के अध्यक्ष विकास शील का कहना है कि मुख्य पाठ्यक्रम में इस तरह की रोजगारन्मुखी योजनाओं को स्थायी रूप से शामिल नहीं किया जा सकता है, इसलिए योजनाओं के हिसाब से हर साल कॅरियर गाइडेंस की किताब संशोधन करके बच्चों को दिया जाएगा। बच्चों के लिए स्टार्ट-अप इंडिया एक महत्वपूर्ण योजना है।
आरएमएसए का भी था प्रस्ताव
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) ने भी यह प्रस्ताव स्कूल शिक्षा विभाग को भेजा था। इनमें राज्यभर के 390 स्कूलों में आठ ट्रेडों पर चल रहे वोकेशनल कोर्सेस के पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने के लिए कहा गया है। प्रदेश के 50 हजार परीक्षार्थी फिलहाल वोकेशनल की पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें एग्रीकल्चर, रिटेल, हेल्थकेयर, बीएफएसआई, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट आईटीज और टेलीकॉम ट्रेड चल रहे हैं।
यह है स्टार्ट-अप
केंद्र सरकार की स्टार्ट-अप योजना 5 अप्रैल 2016 को लॉन्च हुई थी। इस योजना का मकसद छोटे-बड़े कारोबार की योजना बनाने वाले उद्यमियों की मदद करना है। इसमें न सिर्फ लोन की सुविधा दी जाती है बल्कि उचित मार्गदर्शन के साथ साथ आपको बिजनेस के लिए आसान पॉलिसी के बारे में भी बताया जाता है। इतना ही नहीं, आपको इस योजना के तहत स्किल डिवेलपमेंट ट्रेनिंग भी दी जाती है।
बच्चों को यह होगा फायदा
खासकर स्कूली बच्चों को यह योजना फायदेमंद है जो युवा बारहवीं करने के बाद अपना खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं। कारोबार शुरू करने की इच्छा रखने वाले लोगों को आर्थिक मदद की जाती है और साथ ही उन्हें इस आर्थिक मदद के साथ साथ टैक्स छूट भी मिलती है।
पब्लिक डोमेन में होगी फीस
माशिमं ने नया सत्र शुरू होने से पहले पालक को सुविधा देने के लिए भी पहल की है। इसमें माशिमं की वेबसाइट के जरिए निजी स्कूलों को कॅरियर गाइडेंस की सुविधाओं के अलावा पब्लिक डोमेन में पालकों के एडमिशन, स्कूल की फीस और सुविधाओं की सारी जानकारियां अपडेट कराने पर भी विचार चल रहा है।
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05 संदीप 07 समय 9ः41 बजे 3
सं. आरकेडी