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टीईटी परीाक्षा: दोनों पैर से अपंग हूं तो क्या हुआ..दिमाग से बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की काबिलियत रखता हूं...

बालोद. दोनों पैर नहीं तो क्या, पर शिक्षक बनकर स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की इच्छा ने दिव्यांग युवक में उत्साह भर दिया। 26 साल दिव्यांग का रविवार को आयोजित टीईटी यानि शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होकर गुरुजी बनने परीक्षा दिलाने पहुंचा था।

यह नजारा शिक्षक पात्रता परीक्षा में देखने को मिला, जहां दोनों पैर से बचपन से दिव्यांग गोपेश्वर कंवर पिता हरीश चन्द कंवर, निवासी ग्राम परसाही (लाटाबोड़) बीई की पढ़ाई तो कर चुके हैं। घर में इंफर्मेशन ब्यूरो खोलकर वेकेंसी फार्म भर रोजगार चला रहे हैं, पर इस दिव्यांग ने पत्रिका से चर्चा में कहा वह शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं। इसलिए यह परीक्षा दिला रहे हैं।
लोगों के ताने से नहीं मुझे लक्ष्य से मतलब
दिव्यांग गोपेश्वर कंवर ने बताया उसे पढ़ाई करना और पढ़ाई कराना बहुत अच्छा लगता है। उन्होंने बीई की परीक्षा पास कर ली है। कई लोग जरूर लंगड़ा, अपाहिज बोलकर ताना मारते हैं, पर उनसे कोई मतलब नहीं है। लोगों के ताने को इग्नोर कर अपने लक्ष्य की ओर ध्यान देना उन्हें अच्छा लगता है। जब यह दिव्यांग परीक्षा देने आए तो इसे देखकर लोग आश्चर्य में पड़ गए, वे सोचने को मजबूर हो गए कि क्या ये दिव्यांग परीक्षा दे पाएंगा।
४ हजार से ज्यादा परीक्षार्थी हुए शामिल
व्यापमं द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा में शिक्षक बनने 4264 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित परीक्षा में पूछे गए कई सवाल बड़े रोचक रहे, तो वहीं गणित व अंग्रेजी के प्रश्नों ने कई परीक्षार्थियों को उलझा कर रख दिया। एक सवाल ऐसा भी रहा जिससे परीक्षार्थी सोच में पड़ गए, पूछा गया था कि स्कूल में शिक्षक अगर हड़ताल पर हैं तो प्राचार्य क्या करेंगे?
रविवार को आयोजित टीईटी की परीक्षा दो पालियों में आयोजित हुई। प्रथम पाली सुबह 9.30 से आयोजित हुआ जो 12.30 बजे तक चली। वहीं प्रथम पाली में प्राथमिक शाला स्तर की परीक्षा आयोजित हुई, जो दोपहर 2 बजे से शाम पांच बजे तक माध्यमिक वर्ग की आयोजित हुई।
प्रथम पाली में 6 व द्वितीय में रहे ४ केंद्र
प्रथम पाली की परीक्षा में 6 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, तो द्वितीय पाली की परीक्षा के लिए 4 केंद्र निर्धारित किए गए थे। जानकारी के मुताबिक प्रथम पाली में कुल 2661 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, जिसमें 2461 परीक्षार्थी ने परीक्षा दिलाई व 200 अनुपस्थित रहे। इसी तरह द्वितीय पाली में 1944 परिक्षार्थी पंजीकृत थे जिसमें 1803 परीक्षा में शामिल हुए और 141 अनुपस्थित रहे। परीक्षा के दौरान कई महिलाएं आपने छोटे बच्चों को लेकर आए थे। परीक्षार्थी रावेन्द्र यमुना ने बताया गणित व अंग्रेजी के प्रश्न समझ नहीं आया। बाकी प्रश्न ठीक था।
परीक्षार्थियों की भीड़ से जाम नयापारा मार्ग पर लगा जाम
द्वितीय पाली की परीक्षा शाम 5 बजे समाप्त हुई तो, पूरा बुधवारी बाजार मार्ग से नयापारा मार्ग तक पूरी तरह जाम हो गया। बता दें कि शासकीय कन्या शाला में परीक्षा और रविवार को नगर का साप्ताहिक बाजार था। जब परीक्षा समाप्त हुई तो मोटरसाइकिलों से ही यह मार्ग जाम हो गया। लगभग 20 मिनट तक यह मार्ग जाम हो गया था, जिससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हुई।

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