धमतरी। नईदुनिया प्रतिनिधि
बर्खास्तगी की तलवार लटकने के बाद शिक्षाकर्मियों ने पखवाड़ेभर से चल रहा आंदोलन समाप्त कर दिया। मंगलवार को विरोध के बीच कुछ गांवों के स्कूलों में शिक्षाकर्मियों ने ड्यूटी जॉइन की। बीईओ कार्यालय पहुंचकर भी कई शिक्षाकर्मियों ने जॉइनिंग दी।
वहीं मुजगहन के शासकीय स्कूल में ड्यूटी जॉइन पहुंची प्रधानपाठिका व शिक्षाकर्मियों को सरपंच व पालकों ने विरोध करते हुए उन्हें स्कूल बाहर निकाल दिया। इसके बाद स्कूल में ताला जड़ दिया। सूचना मिलते अर्जुनी पुलिस ने मौके पर पहुंच शांति व्यवस्था बनाते हुए शिक्षाकर्मियों को ड्यूटी जॉइन कराया।
हड़ताल समाप्त कर मंगलवार को स्कूलों में ड्यूटी जॉइन करने पहुंचे। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत मुजगहन में संचालित शासकीय स्कूल में महिला शिक्षाकर्मी (प्रधानपाठिका) ड्यूटी जॉइन करने स्कूल के अंदर पहुंची तो प्रधानपाठिका को सरपंच व पालकों ने शिक्षाकर्मियों का जमकर विरोध करते हुए उन्हें स्कूल बाहर निकाल दिया। कुछ को तो घुसने नहीं दिया। सरपंच नारायण सेन ने कहा कि आप लोगों की हड़ताल से स्कूल में पढ़ाई प्रभावित हुई है। वैकल्पिक शिक्षक के रूप में उन्होंने युवाओं को रख लिया है। अब शिक्षाकर्मियों की जरूरत नहीं है। सरपंच ने बताया कि उन्होंने उच्च अधिकारियों को लिखित में आवेदन दे दिया है कि अब उनके गांव के स्कूल में शिक्षाकर्मियों की जरूरत नहीं है। सरपंच के जवाब पर प्रधानपाठिका गोदावरी गजेन्द्र ने सरपंच पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए कहा कि वह निर्धारित समय पर स्कूल पहुंच गई थी। लेकिन सरपंच ने उन्हें जबरन स्कूल से बाहर निकाल दिया। बच्चों को भी बाहर निकालकर ताला जड़ दिया। घटना की जानकारी महिला शिक्षाकर्मियों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी। घटना की खबर सुनकर अर्जुनी पुलिस मौके पर पहुंचकर स्कूल में शांति व्यवस्था बनाकर शिक्षाकर्मियों को ड्यूटी जॉइन कराए। क्षेत्र के कई गांवों में हड़ताल से लौटे शिक्षाकर्मियों को ड्यूटी जॉइन करने का पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने विरोध किए। विरोध से बचने कई शिक्षाकर्मी बीईओ कार्यालय पहुंचकर ड्यूटी जॉइन किए। मंगलवार को सुबह से शाम तक बीईओ कार्यालय में ड्यूटी जॉइन करने वाले शिक्षाकर्मियों की भीड़ लगी रही।
कई स्थानों में मायूस बैठे रहे शिक्षाकर्मी
शहर के गांधी चौक में मंगलवार की सुबह शिक्षाकर्मी संघ के पदाधिकारी व सदस्यों की भीड़ लगी। पदाधिकारियों ने मौजूद शिक्षाकर्मियों को संबोधित करते हुए हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर स्कूल लौटने के लिए कहा। मायूस शिक्षाकर्मियों की भीड़ अपने-अपने स्कूल में ड्यूटी जॉइन करने लौटी। कुछ शिक्षाकर्मी तहसील कार्यालय, थाना के पास, इतवारी बाजर के पास समेत विभिन्न स्थानों में मायूस बैठे नजर आए।
156 शिक्षाकर्मियों ने किया जॉइन
संविलियन, समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर 15 दिन से चल रही शिक्षाकर्मियों की हड़ताल सोमवार देर रात समाप्त हो गई। संघ के आह्वान पर शहर व गांव में कार्यरत शिक्षाकर्मी मंगलवार 5 दिसंबर से काम पर लौट गए। इस हड़ताल में निगम क्षेत्र में कार्यरत156 शिक्षाकर्मी भी हड़ताल में थे। हड़ताल समाप्ति के बाद मंगलवार दोपहर निगम क्षेत्र में कार्य कर रहे शिक्षाकर्मियो ने निगम कार्यालय पहुंचकर ज्वाइंनिग देते हुए निगम आयुक्त अशोक द्विवेदी को ज्ञापन सौंपा। संघ के सदस्यों ने कहा कि हड़ताल के दौरान छात्रों की पढ़ाई का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई हम एकस्ट्रा क्लास लेकर करेंगे।
बर्खास्तगी की तलवार लटकने के बाद शिक्षाकर्मियों ने पखवाड़ेभर से चल रहा आंदोलन समाप्त कर दिया। मंगलवार को विरोध के बीच कुछ गांवों के स्कूलों में शिक्षाकर्मियों ने ड्यूटी जॉइन की। बीईओ कार्यालय पहुंचकर भी कई शिक्षाकर्मियों ने जॉइनिंग दी।
वहीं मुजगहन के शासकीय स्कूल में ड्यूटी जॉइन पहुंची प्रधानपाठिका व शिक्षाकर्मियों को सरपंच व पालकों ने विरोध करते हुए उन्हें स्कूल बाहर निकाल दिया। इसके बाद स्कूल में ताला जड़ दिया। सूचना मिलते अर्जुनी पुलिस ने मौके पर पहुंच शांति व्यवस्था बनाते हुए शिक्षाकर्मियों को ड्यूटी जॉइन कराया।
हड़ताल समाप्त कर मंगलवार को स्कूलों में ड्यूटी जॉइन करने पहुंचे। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत मुजगहन में संचालित शासकीय स्कूल में महिला शिक्षाकर्मी (प्रधानपाठिका) ड्यूटी जॉइन करने स्कूल के अंदर पहुंची तो प्रधानपाठिका को सरपंच व पालकों ने शिक्षाकर्मियों का जमकर विरोध करते हुए उन्हें स्कूल बाहर निकाल दिया। कुछ को तो घुसने नहीं दिया। सरपंच नारायण सेन ने कहा कि आप लोगों की हड़ताल से स्कूल में पढ़ाई प्रभावित हुई है। वैकल्पिक शिक्षक के रूप में उन्होंने युवाओं को रख लिया है। अब शिक्षाकर्मियों की जरूरत नहीं है। सरपंच ने बताया कि उन्होंने उच्च अधिकारियों को लिखित में आवेदन दे दिया है कि अब उनके गांव के स्कूल में शिक्षाकर्मियों की जरूरत नहीं है। सरपंच के जवाब पर प्रधानपाठिका गोदावरी गजेन्द्र ने सरपंच पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए कहा कि वह निर्धारित समय पर स्कूल पहुंच गई थी। लेकिन सरपंच ने उन्हें जबरन स्कूल से बाहर निकाल दिया। बच्चों को भी बाहर निकालकर ताला जड़ दिया। घटना की जानकारी महिला शिक्षाकर्मियों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी। घटना की खबर सुनकर अर्जुनी पुलिस मौके पर पहुंचकर स्कूल में शांति व्यवस्था बनाकर शिक्षाकर्मियों को ड्यूटी जॉइन कराए। क्षेत्र के कई गांवों में हड़ताल से लौटे शिक्षाकर्मियों को ड्यूटी जॉइन करने का पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने विरोध किए। विरोध से बचने कई शिक्षाकर्मी बीईओ कार्यालय पहुंचकर ड्यूटी जॉइन किए। मंगलवार को सुबह से शाम तक बीईओ कार्यालय में ड्यूटी जॉइन करने वाले शिक्षाकर्मियों की भीड़ लगी रही।
कई स्थानों में मायूस बैठे रहे शिक्षाकर्मी
शहर के गांधी चौक में मंगलवार की सुबह शिक्षाकर्मी संघ के पदाधिकारी व सदस्यों की भीड़ लगी। पदाधिकारियों ने मौजूद शिक्षाकर्मियों को संबोधित करते हुए हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर स्कूल लौटने के लिए कहा। मायूस शिक्षाकर्मियों की भीड़ अपने-अपने स्कूल में ड्यूटी जॉइन करने लौटी। कुछ शिक्षाकर्मी तहसील कार्यालय, थाना के पास, इतवारी बाजर के पास समेत विभिन्न स्थानों में मायूस बैठे नजर आए।
156 शिक्षाकर्मियों ने किया जॉइन
संविलियन, समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर 15 दिन से चल रही शिक्षाकर्मियों की हड़ताल सोमवार देर रात समाप्त हो गई। संघ के आह्वान पर शहर व गांव में कार्यरत शिक्षाकर्मी मंगलवार 5 दिसंबर से काम पर लौट गए। इस हड़ताल में निगम क्षेत्र में कार्यरत156 शिक्षाकर्मी भी हड़ताल में थे। हड़ताल समाप्ति के बाद मंगलवार दोपहर निगम क्षेत्र में कार्य कर रहे शिक्षाकर्मियो ने निगम कार्यालय पहुंचकर ज्वाइंनिग देते हुए निगम आयुक्त अशोक द्विवेदी को ज्ञापन सौंपा। संघ के सदस्यों ने कहा कि हड़ताल के दौरान छात्रों की पढ़ाई का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई हम एकस्ट्रा क्लास लेकर करेंगे।