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संविलियन के साथ ही वेतन निर्धारण की प्रक्रिया शुरू, 1996 में भर्ती शिक्षाकर्मी वर्ग-1 की सैलरी 45 हजार होगी

रायपुर.शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन के साथ ही वेतन निर्धारण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शासन ने 1 जुलाई से नया वेतनमान लागू कर दिया है। अब 8 साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षाकर्मियों को 1 अगस्त को सातवें वेतनमान के अनुसार पगार मिलेगी।
नए वेतनमान में 1995-96 के पहली बैच के शिक्षाकर्मियों और 2010 में भर्ती होकर इसी साल आठ साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षाकर्मियों के वेतन में अधिकतम तीन हजार का ही अंतर रहेगा। यानी इस साल आठ साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षाकर्मी ज्यादा फायदे में रहेंगे।
क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिलने के कारण सीनियर शिक्षाकर्मियों को जूनियरों की तुलना में ज्यादा फायदा नहीं मिल रहा है। 2010 में भर्ती होकर आठ साल की सेवा पूरी करते हुए शिक्षा विभाग में संविलियन का लाभ पाने वाले शिक्षाकर्मियों को वेतन में भी ज्यादा फायदा हो रहा है। 2010 बैच के शिक्षाकर्मी वर्ग-1 को अभी 26 हजार के आसपास वेतन मिल रहा है। इनका वेतन लगभग 42 हजार हो जाएगा।
2005 के बाद की भर्ती वाले शिक्षाकर्मियों नहीं मिलेगा ज्यादा लाभ
ऐसी दशा में इन्हें सीधे करीब 16 हजार का फायदा मिल रहा है, जबकि 1995-96 में शिक्षाकर्मी के तौर पर पहली बैच में सलेक्शन पाने वाले शिक्षाकर्मियों को अभी 39 हजार 500 मिल रहे हैं। पीएफ की कटौती के बाद इन्हें करीब 44 हजार ही मिलेंगे। शिक्षाकर्मी वर्ग-2 और तीन की पुरानी और नई बैच के वेतन में भी ढाई-तीन हजार से ज्यादा का अंतर नहीं रहेगा। शिक्षा विभाग के विशेषज्ञों और शिक्षाकर्मी संगठन के नेताओं का आरोप है कि क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिलने के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई है। शिक्षाकर्मियों को क्रमोन्नति का लाभ देने का प्रावधान है, लेकिन 2005 के बाद किसी भी बैच के शिक्षाकर्मियों को क्रमोन्नति का लाभ नहीं दिया गया। यही वजह है कि अब वेतनमान बढ़ने पर उन्हें ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है। शिक्षक पंचायत मोर्चा के संचालक संजय शर्मा का कहना है कि मप्र में शिक्षाकर्मियों को क्रमोन्नति का लाभ नियमित रूप से दिया गया।
सबसे अधिक 72 हजार शिक्षक वर्ग- 3 के
राज्य में 1 लाख 51 हजार कर्मियों में लगभग 1 लाख 3 हजार शिक्षक ऐसे हैं, जिनका सेवाकाल 8 साल से ऊपर हाे गया है। इसमें सबसे अधिक लगभग 72 हजार शिक्षक वर्ग 3 के हैं। वर्ग दो के 18 हजार और वर्ग एक के 12 हजार शिक्षक हैं। शिक्षाकर्मियों की भर्ती 1995-96 से शुरू हुई। उसके बाद पंचायत और जिला स्तर पर लगातार भर्तियां होती रही। ये प्रक्रिया लगातार चल रही है।
पहली बैच और हाल ही में बने शिक्षकों के वेतन में अंतर

नियुक्ति वर्षवर्ग-1वर्ग-2वर्ग-3
1996 बैच5 हजार 500 39 हजार 31 हजार
2010 बैच42 हजार 35 हजार 50025 हजार
नोट-शिक्षाकर्मियों की भर्ती 1998, 2005 और 2008 में भी बड़े पैमाने पर हुई। उनके वेतनमान में भी दो-ढाई हजार के बीच का ही अंतर है। अब संविलियन के बाद वे लगभग 2010 की बैच वाले शिक्षाकर्मियों के बराबर वेतन पाएंगे।

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