शिक्षाकर्मियों से प्रान नंबर, पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक लेकर उसे शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है। जिसके बाद उनका कर्मचारी कोड शिक्षा विभाग से जनरेट किया जा रहा है।
संविलयन को लेकर कलेक्टर डाॅ. प्रियंका शुक्ला एवं जिला पंचायत सीईओ कुलदीप शर्मा ने मनोरा जनपद में शिविर का आकस्मिक निरीक्षण किया और आवश्यक मार्गदर्शन भी दिए। निरीक्षण के दौरान एसडीएम विजयेन्द्र पाटले भी मौजूद थे। मनोरा जनपद के नोडल अधिकारी विनोद गुप्ता ने बताया कि मनोरा जनपद में कुल 16 संकुल है। जिसमें 10 संकुल के लिए शनिवार एवं 6 संकुल के लिए रविवार को शिविर लगाया जाएगा। शिविर में 522 शिक्षकों के लिए संविलियन संबंधी कार्य किए जा रहे है। जिसके अंतर्गत पंजीयन, एलपीजी वितरण-संकलन, ई-कोष में एंट्री एवं प्रान नंबर संबंधी कार्य किए जा रहा है। इसके लिए 15 कम्प्यूटर सिस्टम व 6 काउंटर लगाए गए हैं। साथ ही शिविर में ट्रेजरी अधिकारी व कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है।
पहले दिन 50 प्रतिशत शिक्षाकर्मियों की जानकारी अपलोड
संविलियन शिविर का निरीक्षण करने पहुंची कलेक्टर डा. प्रियंका
इंटरनेट धीमा होने से समस्या
शिक्षाकर्मियों के लिए शनिवार का दिन जीवन का सबसे यादगार दिन रहा, लेकिन इस दिन भी इंटरनेट की स्लो सर्विस ने कई शिक्षाकर्मियों को निराश कर दिया। दोपहर 3 बजे के बाद जिला मुख्यालय में ही ब्रॉड बैंड की सर्विस बंद हो गई। प्राईवेट कंपनियों के मोबाइल नेटवर्क से ऑपरेटर जानकारी अपलोड करने में लगे रहे, लेकिन इनकी स्पीड काफी कम होने से एक शिक्षाकर्मी की जानकारी अपलोड करने में 20 से 25 मिनट तक का समय लग रहा था।
जिनके 8 साल नहीं हुए उनका क्या
जिले भर में लगभग 250 ऐसे वर्ग के शिक्षाकर्मी हैं जिनकी नियुक्ति 30 जून 2010 की है। ऐसे शिक्षाकर्मियों के आठ साल की सेवा अवधि पूरी नहीं हुई है। इन शिक्षाकर्मियों को शिक्षा विभाग में संविलियन करना है या नहीं इसके लिए शासन से भी कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आए हैं। नगरीय निकाय शिक्षाकर्मी संघ के जिलाध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि वरिष्ठता सूची के आधार पर संविलियन होना था। अधिकारी भी 8 साल से कम अवधि वाले शिक्षाकर्मी के बारे में कुछ नहीं बता पा रहे हैं।
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500 ऐसे शिक्षाकर्मी जिनके प्रान नंबर नहीं, नहीं हुआ संविलियन
जिले में ऐसे 500 शिक्षाकर्मी ऐसे हैं जिनका प्रान नंबर जनरेट नहीं हुआ है। ऐसे शिक्षाकर्मियों का संविलियन पहले दिन के शिविर में नहीं हो सके। इन शिक्षाकर्मियों के लिए प्रान नंबर जनरेट करने फार्म भरवाया गया है। सोमवार के बाद ही अब प्रान नंबर जनरेट हो पाएगा। प्रान नंबर के बिना संविलियन नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसके बगैर विभाग की वेबसाइट कर्मचारी कोड ही जनरेट नहीं कर पाएगी। उनका कहना है कि स्पष्ट आदेश नहीं होने के कारण जो वरिष्ठता के क्रम में लेना चाहिए था वह नहीं हो रहा है। 1 जुलाई से उन्हें वेतन मिल जाना था। लेट में नियुक्ति होने के कारण अब अगस्त माह से मिलेगा।
कहां कितने का होगा संविलियन
विकासखंड कितने का होना पहले दिन कितने है संविलियन का हुआ
बगीचा - 894 600
कांसाबेल - 445 155
पत्थलगांव - 867 642
फरसाबहार - 659 400
कुनकुरी - 541 350
दुलदुला - 338 38
जशपुर - 520 300
मनोरा- 522 435
सभी ब्लॉकों में लगा शिविर
संविलियन शिविर का आयोजन सभी ब्लॉकों में किया गया है। पहले ही दिन लगभग 50 प्रतिशत का संविलियन करने की सभी औपचारिकता पूरी कर ली गई है। '' एन कुजूर, डीईओ, जशपुर