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Govt Jobs : Opening

इस बार भी शिक्षकों की कमी के साथ शुरू होगा नया शिक्षण सत्र

दुर्ग। नईदुनिया प्रतिनिधि
इस बार भी सरकारी स्कूलों का नया शिक्षण सत्र शिक्षकों की कमी के साथ शुरू होगा। जर्जर भवन भी फंड नहीं आने की वजह से सुधारे नहीं जा सके हैं। पुराने कमी के साथ स्कूल शुरू होंगे तो शिक्षा गुणवत्ता कैसे सुधर पाएगी।

दुर्ग जिला शिक्षा विभाग में 1046 सरकारी स्कूल हैं। इन स्कूलों में 928 प्राथमिक शाला व पूर्व माध्यमिक शाला व 118 हाई व हायर सेकंडरी स्कूल हैं। नए शैक्षणिक सत्र 18 जून से शुरू हो रहा है, लेकिन स्कूलों की दशा नहीं सुधर पाई और न ही शिक्षकों की भर्ती की गई। प्रदेश सरकार ने नए शिक्षण सत्र से पहले शिक्षकों के खाली पदों पर भर्ती करने की घोषणा की थी, जिससे यह उम्मीद बंधी थी कि नए शिक्षण सत्र की शुरुआत बेहतर होगी। शिक्षकों की कमी के साथ ही संधारण योग्य स्कूलों का मरम्मत ग्रीष्मकालीन अवकाश में करवा लिया जाएगा, लेकिन यह काम भी फंड नहीं भेजे जाने के कारण प्रारंभ नहीं हो सका।
0 दुर्ग जिले में 979 पद हैं शिक्षकों के खाली
अकेले दुर्ग जिले में शिक्षकों के 979 पद खाली हैं। इनमें उप प्राचार्य, व्याख्याता, प्रधान पाठक प्राथमिक, प्रधान पाठक पूर्व माध्यमिक, उच्च वर्ग शिक्षक, सहायक शिक्षक, सहायक शिक्षक विज्ञान के पद शामिल हैं। पिछले शिक्षण सत्र में शिक्षकों की कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित हाई व हायर सेकंडरी स्कूल थे। इसलिए कि विषयवार व्याख्याताओं की कमी है। इसकी वजह से कई स्कूलों का रिजल्ट खराब आया। शिक्षकों की भर्ती यदि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान हो जाती तो शिक्षण सत्र की शुरुआत में ही पढ़ाई बेहतर कर पाते। हर साल की तरह इस साल भी जिला शिक्षा विभाग रोड मैप तैयार करने जा रहा है, लेकिन शिक्षकों की कमी से इसे अंजाम तक पहुंचाने की चुनौती सामने होगी।
0 24 साल बाद नियमित पदों पर भर्ती का खुला रास्ता
सरकारी स्कूलों में रिक्त पदों पर 24 साल बाद नियमित पदों पर भर्ती का रास्ता खुला है। वर्ष 1995 के बाद नियमित पदों पर भर्ती नहीं हुई। शिक्षाकर्मी के रूप में जिला व जनपद पंचायतों के माध्यम से स्कूलों के लिए भर्ती की गई। प्रदेश सरकार ने शिक्षाकर्मियों का संविलयन करने के बाद अब रिक्त पदों पर नियमित भर्ती की जानी थी। छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा परीक्षा आयोजित करना था जो नहीं किया जा सका है।
0 जर्जर कमरों में पढ़ने मजबूर होंगे बच्चे
राज्य द्वारा प्रत्येक स्कूलों के संधारण के लिए अलग से फंड हर साल जारी होता है। इस फंड से दीवार, छत, फ्लोरिग, खिड़की, दरवाजे की मरम्मत की जाती है। फंड नहीं मिलने से ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान स्कूलों में यह कार्य नहीं हो पाया है। सरकार स्कूलों के मरम्मत के लिए अलग से ही फंड का प्रावधान रखा था। सालों से यह फंड सरकार दे रही थी। विभागीय सूत्रों के मुताबिक तीन से पांच कमरे की मरम्मत के लिए सात हजार रुपए और छह कमरे या इससे ज्यादा के लिए 10 हजार रुपए तक पैसे दे रही थी। यह फंड नहीं मिलने की वजह से संधारण का काम नहीं हो पाया। जब स्कूल खुलेंगे तब तक बारिश शुरू हो जाएगी। इस स्थिति में बच्चे टपकते छत, नमीयुक्त फ्लोर, सिपेजयुक्त दीवारों और टूटी-फूटी खिड़कियों के बीच पढ़ने मजबूर होंगे।
बॉक्स
दुर्ग जिले में शिक्षकों की वर्तमान स्थिति
पद नियमित शिक्षक एलबी रिक्त पदों की संख्या
उपप्राचार्य 02 - 06
व्याख्याता 640 429 158
व्याख्याता शिक्षा 15 - 09
प्रधान पाठक पूर्व माध्य. 182 - 149
शिक्षक 545 993 217
प्रधानपाठक प्राथमिक 321 - 253
सहायक शिक्षक 70 1570 0
सहायक शिक्षक विज्ञान 04 96 187
'समायोजित करेंगे शिक्षकों को
रिक्त पदों पर भर्ती सरकार ने नहीं की है। इसलिए हम जिन स्कूलों में शिक्षक ज्यादा हैं उन्हें कम शिक्षक वाले स्कूलों में समायोजित करेंगे। ताकि पढ़ाई एकदम से प्रभावित न हो। जर्जर स्कूलों का संधारण करने के लिए लोकल फंड की व्यवस्था भी करवाएंगे। कलेक्टर से अनुमोदन लेकर यह व्यवस्था की जाएगी।'
-प्रवास बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी, दुर्ग 

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