धमतरी. धमतरी जिले में शिक्षाकर्मी
वर्ग-3 व वर्ग-2 के अलग-अलग मामले की जांच के बाद गड़बड़ी उजागर होने पर
कलक्टर रजत बंसल ने फर्जी डिग्री हासिल कर नौकरी करने वाले शिक्षाकर्मियों
के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लोक आयोग और छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण
विकास विभाग रायपुर के सचिव को फाइल भेजा है। सूत्रों की मानेंं तो जल्द ही
इस मामले में शिक्षाकर्मियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में
शिक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया है।
धमतरी जिले में शिक्षाकर्मी भर्ती में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। पत्रिका ने इस मामले को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित किया, जिसे जिला प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए टीम का गठन किया। उल्लेखनीय है कि वर्ष-2005 और 2006 में दो अलग-अलग मामले में हुई उच्च स्तरीय शिकायत के बाद धमतरी कलक्टर ने अपर कलक्टर, डिप्टी कलक्टर, डीईओ की टीम गठित कर शिक्षाकर्मी वर्ग-2 तथा वर्ग-3 की भर्ती प्रक्रिया की सूक्ष्म जांच कराया था। इस दौरान अभ्यर्थियों के आवेदन से लेकर अंकसूची में प्राप्तांक, अनुभव, साक्षात्कार आदि बिन्दुओं पर बारीकी से जांच-पड़ताल की गई, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में नंबरों में हेरफेर समेत कई त्रुटियां सामने आई थी।
अधिकारियों के मुताबिक जांच में शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़ा के एक मामले में वर्ग-2 में ऐसे 45 शिक्षाकर्मियों की पुष्टि भी हुई है। जबकि वर्ग-3 के एक अन्य मामले में करीब 40 शिक्षाकर्मियोंं को कार्रवाई के लिए चिन्हित किया गया है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कलक्टर रजत बसंल ने कार्रवाई के लिए दो मामलों की फाइल को छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय रायपुर रजिस्टर्ड डाक से भेज दिया है। इसके अलावा लोक आयोग को भी फाइल भेजी गई है।
सूत्रों के अनुसार शिक्षाकर्मी वर्ग-2 में भर्ती के लिए 25 से 31 मई 2005 तक साक्षात्कार लिया गया था, लेकिन इसमें साक्षात्कार समिति के सदस्य तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सीईओ, समन्वयक व चार सभापतियों ने 29 अभ्यर्थियों को 1 से लेकर 3 अंक तक प्रदान किया है। जबकि ये अभ्यर्थी साक्षात्कार देने के लिए समिति के समक्ष उपस्थित ही नहीं हुआ है। साक्षात्कार समिति ने अंक देने के बाद साक्षात्कार अंक तालिका में प्रदत्त अंक में भी कांट-छांट किया है। इसकी पुष्टि जांच समिति के सदस्यों ने प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में किया है। इसका उल्लेख शिकायत जांच प्रतिवेदन की कंडिका-2 से स्पष्ट है।
कलक्टर रजत बंसल, ने बताया शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़े की दो अलग-अलग मामले को जांच के बाद कार्रवाई के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को भेज दिया गया है। एक अन्य फाइल लोक आयोग को भी भेजा गया है।
यह मामला भी है लंबित
जिलेभर में फर्जीवाड़े के 14 प्रकरणों में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसी तरह नगरी ब्लाक मेंं 40 और मगरलोड ब्लाक में 160 प्रकरण सामने आया है, जिसमें से 15 मामला न्यायालय में लंबित है। शिकायत के बाद भी जनपद/जिला पंचायत और शिक्षा विभाग के अधिकारी कार्रवाई के लिए गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
कब-कब हुई थी भर्ती
जनपद व शिक्षा विभाग के सूत्रोंं के मुताबिक वर्ष-2005 में हुई भर्ती में 40 तथा वर्ष-2006 में 40 शिक्षाकर्मियों के दस्तावेजोंं में गड़बड़ी पाई गई थी। यही नहीं वर्ष-2007 में धमतरी जनपद पंचायत में भी 19 लोगो ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी प्राप्त किया है। शिकायतों की पुष्टि के बाद भी पिछले पन्द्रह सालों से वे लोग बेखौफ नौकरी कर रहे हैं, जबकि पात्र हितग्राही नौकरी से वंचित हो गए।
धमतरी जिले में शिक्षाकर्मी भर्ती में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। पत्रिका ने इस मामले को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित किया, जिसे जिला प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच के लिए टीम का गठन किया। उल्लेखनीय है कि वर्ष-2005 और 2006 में दो अलग-अलग मामले में हुई उच्च स्तरीय शिकायत के बाद धमतरी कलक्टर ने अपर कलक्टर, डिप्टी कलक्टर, डीईओ की टीम गठित कर शिक्षाकर्मी वर्ग-2 तथा वर्ग-3 की भर्ती प्रक्रिया की सूक्ष्म जांच कराया था। इस दौरान अभ्यर्थियों के आवेदन से लेकर अंकसूची में प्राप्तांक, अनुभव, साक्षात्कार आदि बिन्दुओं पर बारीकी से जांच-पड़ताल की गई, जिसमें भर्ती प्रक्रिया में नंबरों में हेरफेर समेत कई त्रुटियां सामने आई थी।
अधिकारियों के मुताबिक जांच में शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़ा के एक मामले में वर्ग-2 में ऐसे 45 शिक्षाकर्मियों की पुष्टि भी हुई है। जबकि वर्ग-3 के एक अन्य मामले में करीब 40 शिक्षाकर्मियोंं को कार्रवाई के लिए चिन्हित किया गया है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कलक्टर रजत बसंल ने कार्रवाई के लिए दो मामलों की फाइल को छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय रायपुर रजिस्टर्ड डाक से भेज दिया है। इसके अलावा लोक आयोग को भी फाइल भेजी गई है।
सूत्रों के अनुसार शिक्षाकर्मी वर्ग-2 में भर्ती के लिए 25 से 31 मई 2005 तक साक्षात्कार लिया गया था, लेकिन इसमें साक्षात्कार समिति के सदस्य तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सीईओ, समन्वयक व चार सभापतियों ने 29 अभ्यर्थियों को 1 से लेकर 3 अंक तक प्रदान किया है। जबकि ये अभ्यर्थी साक्षात्कार देने के लिए समिति के समक्ष उपस्थित ही नहीं हुआ है। साक्षात्कार समिति ने अंक देने के बाद साक्षात्कार अंक तालिका में प्रदत्त अंक में भी कांट-छांट किया है। इसकी पुष्टि जांच समिति के सदस्यों ने प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन में किया है। इसका उल्लेख शिकायत जांच प्रतिवेदन की कंडिका-2 से स्पष्ट है।
कलक्टर रजत बंसल, ने बताया शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़े की दो अलग-अलग मामले को जांच के बाद कार्रवाई के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को भेज दिया गया है। एक अन्य फाइल लोक आयोग को भी भेजा गया है।
यह मामला भी है लंबित
जिलेभर में फर्जीवाड़े के 14 प्रकरणों में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसी तरह नगरी ब्लाक मेंं 40 और मगरलोड ब्लाक में 160 प्रकरण सामने आया है, जिसमें से 15 मामला न्यायालय में लंबित है। शिकायत के बाद भी जनपद/जिला पंचायत और शिक्षा विभाग के अधिकारी कार्रवाई के लिए गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
कब-कब हुई थी भर्ती
जनपद व शिक्षा विभाग के सूत्रोंं के मुताबिक वर्ष-2005 में हुई भर्ती में 40 तथा वर्ष-2006 में 40 शिक्षाकर्मियों के दस्तावेजोंं में गड़बड़ी पाई गई थी। यही नहीं वर्ष-2007 में धमतरी जनपद पंचायत में भी 19 लोगो ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी प्राप्त किया है। शिकायतों की पुष्टि के बाद भी पिछले पन्द्रह सालों से वे लोग बेखौफ नौकरी कर रहे हैं, जबकि पात्र हितग्राही नौकरी से वंचित हो गए।