कोराेना काल में पढ़ाई से लेकर परीक्षाएं तक रुक गई थीं। इस दौरान मात्र छात्रों की परीक्षा और पढ़ाई के लिए ऑनलाइन माध्यम बचा था, लेकिन समस्या ये थी कि अधिकांश शिक्षक इसके पहले कभी छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कराए थे। अटल यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस विभाग द्वारा एयू से संबद्ध 198 कॉलेजों के 2850 शिक्षकों पर सर्वे किया गया।
इसमें सामने आया कि 1120 शिक्षकों को कंप्यूटर सहित ऑनलाइन पढ़ाने वाले साफ्टवेयर की जानकारी नहीं है, इसलिए वे छात्रों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं। इसके बाद कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एचएस होता ने दो सप्ताह तक 612 को कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया। इसमें उन्हें कंप्यूटर चालू करने से लेकर ऑनलाइन पढ़ाई कराने वाले साफ्टवेयर, गूगल मीट, जूम, वेबेक्स, माइक्रोसाफ्ट टीम सहित अन्य के बारे में जानकारी दी गई।
साथ
ही उन्हें मेल के माध्यम से छात्रों की उपस्थिति दर्ज करने का प्रशिक्षण
दिया। इस प्रशिक्षण में पूरे प्रदेश से शिक्षक शामिल हुए थे। इसके बाद
कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हुईं। शासन ने भी जिन कॉलेजों में जिस
विषय के शिक्षक नहीं है, उन्हें ऑनलाइन पढ़ाने के लिए बिलासपुर का अग्रणी
साइंस कॉलेज को जिम्मेदारी दे दी। अब प्रतिदिन यहां से 5 कक्षाएं संचालित
हो रही हैं। छात्र जुड़ रहे हैं।
198 कॉलेजों में थे मात्र 1850 कंप्यूटर अब स्मार्ट क्लास बना रहे
अटल
यूनिवर्सिटी से संबद्ध 198 कॉलेजों में कोविड-19 के पहले 1850 कंप्यूटर
थे। यह जानकारी तब सामने आई, जब उच्च शिक्षा ने छात्रों की परीक्षाएं कराने
सभी कॉलेजों से कंप्यूटर की जानकारी मांगी। इसके बाद सभी को निर्देश
कंप्यूटर लैब बनाने आदेश जारी हुआ। अब एयू के अधिकांश कॉलेजों में 100 से
अधिक कंप्यूटर का लैब बनकर तैयार हो गया है। स्मार्ट क्लास बनाए जा रहे
हैं। जिससे ऑनलाइन कक्षाएं भी चल रही हैं और उनका लेक्चर रिकार्ड भी हो रहा
है।
पहले कभी ऑनलाइन नहीं पढ़ाया था प्रशिक्षण के बाद लगातार ले रहा कक्षाएं
शासकीय
कॉलेज हसौद के प्राध्यापक डॉ. अजय कुमार बघेल ने बताया कि कोविड-19 के
पहले कभी ऑनलाइन कक्षा नहीं लिया था। इसकी जानकारी भी नहीं थी। एयू द्वारा
जो प्रशिक्षण दिया गया, उसमें सभी चीजें सिखाई गईं। इसके बाद से लगातार
छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं ले रहा हूं। जीडीसी कॉलेज के डाॅ. कवेरी दाभड़कर
ने बताया कि प्रशिक्षण से ही ऑनलाइन कक्षाएं लेने का तरीका सीखा और आज पढ़ा
रही हूं। प्रशिक्षण के एयू के शिक्षकों ने 100 से ज्यादा वीडियो लेक्चर
तैयार कर छात्रों को उपलब्ध करा दिया है।