रायपुर (नईदुनिया)। छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों के बच्चों को नए सत्र में भी आनलाइन पढ़ाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना बना ली है। कोरोना महामारी के कारण अभी भी राज्य में स्कूलों के खुलने को लेकर
स्थिति साफ नहीं हो पाई है। लिहाजा शिक्षकों को अब इंटरनेट पर पढ़ाने और प्रोजेक्टर का इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षण देंगे। वहीं पहली बार छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों के नौवीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए जीओ टीवी एप पर 24 घंटे के चैनल का प्रसारण शुरू कर दिया गया है। यह चैनल भारत के दूसरे हिंदी भाषी राज्यों के लिए भी उपयोगी साबित हो सकता है। इसमें 24 घंटे लगातार पाठों का प्रसारण किया रहा है। विद्यार्थियों के लिए आनलाइन कंटेट निर्मित किया गया है, जिसमें विजुअलाइजेशन का विशेष ध्यान रखा गया है। पहले चरण में पांच हजार शिक्षकों को कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल करके पढ़ाना सिखाया जाएगा।रोचक बनाए गए पाठ
बच्चों को सरल तरीके से घर बैठे ही पाठ समझ में आ जाए इसलिए रोचक तरीके से वीडियो के पाठ बनाए गए हैं। हिंदी में यदि प्रेमचंद की कहानी पढ़ाई जा रही है तो उनके जन्म स्थान की लाइव पिक्चर दिखाई जाती है। यानी कवि और कहानी का भी चित्रांकन किया गया है। विज्ञान में एनिमेशन, वीडियो, आनलाइन ही प्रयोग के माध्यम से समझाया जा रहा है। गणित में विभिन्न अवधारणाओं को एनिमेशन के माध्यम से समझाया गया है। इतिहास और भूगोल विषय में भी स्थलों के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। विषय विशेषज्ञों के प्रभावी व्याख्यान के माध्यम से विषय वस्तु को सरल करके प्रस्तुत किया गया है।
एप पर मौजूद हैं सारी किताबें
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के सहायक प्राध्यापक दीपांकर भौमिक ने बताया कि आनलाइन बच्चों को पढ़ाने के लिए अब मोबाइल एप ़इभक्षषष्ळ पर सभी तरह की किताबें अपडेट कर दी गई हैं। इसी तरह पढ़ई तुंहर दुआर के तहत बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
वर्जन
कोरोना काल में स्कूल नहीं खुल रहे हैं। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा शिक्षक आइसीटी का प्रयोग करके बेहतर पढ़ा सकें इसके लिए प्रयास किया जा रहा है। शिक्षकों को इंटरनेट पर पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एप के माध्यम से आनलाइन पढ़ाई को और अधिक मजबूत करने की योजना है। - डी. वेंकट राहुल, संचालक, एससीईआरटी