छत्तीसगढ़ के कई स्कूलों में एवजी या प्रॉक्सी शिक्षक पढ़ा रहे हैं। यानी वहां नियुक्त शिक्षकों ने स्कूल जाने के लिए अपनी जगह पर किसी अन्य व्यक्ति को तैनात कर दिया है। इस महीने स्कूलों का औचक निरीक्षण शुरू हुआ तो अफसरों के सामने इस फर्जीवाड़े की पोल खुली है। यह जानकारी मिलने के बाद शिक्षा विभाग स्कूलों में तैनात शिक्षकों की फोटो वहां की दीवारों पर लगाने जा रहा है।
स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक नरेन्द्र दुग्गा ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अगले 10 दिनों में इस पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्रॉक्सी अथवा एवजी शिक्षकों की जानकारी प्राप्त होने पर संकुल समन्वयकों के माध्यम से तत्काल इसकी शिकायत विकासखंड शिक्षा अधिकारी को करवाते हुए एक्शन लेने को भी कहा गया है। निर्देशों में कहा गया है, एवजी या प्रॉक्सी शिक्षकों की समस्या के निराकरण के लिए सभी स्कूलों में कार्यरत सरकारी शिक्षकों के फोटो, उनके नाम और जरूरी विवरण सहित स्कूल की बाहरी दीवार पर प्रदर्शित की जाए।
सरकारी शिक्षकों के दस्तावेजों का कार्यालय में वेरिफिकेशन करते हुए प्रमाणीकरण करने भी कहा गया है। शाला प्रबंधन समिति के साथ सभी कार्यरत सरकारी शिक्षकों का परिचय सत्र आयोजित कर प्रत्येक शिक्षक द्वारा उनके समक्ष शाला गुणवत्ता सुधार हेतु लक्ष्य निर्धारित कर प्रस्तुतीकरण करने भी कहा गया है।
अगले निरीक्षण तक नई व्यवस्था लागू करने को कहा
समग्र शिक्षा अभियान के प्रबंध संचालक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को सभी स्कूलों में आगामी दस दिनों के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करने कहा गया है। कहा गया है, यह व्यवस्था लागू कर लिया जाए ताकि राज्य स्तर से निरीक्षण के दौरान सभी स्कूलों में इसकी सूचना मिल सके।
एक महीने चला है स्कूलों का निरीक्षण
छत्तीसगढ़ में स्कूलों का नया शिक्षा सत्र 15 जून से शुरू हुआ। स्कूल खुलते ही शिक्षकों-विद्यार्थियों के साथ इस बार अफसर भी वहां निरीक्षण के लिए पहुंचें। इन दौरान स्कूल की व्यवस्था, शिक्षकों, बच्चों की उपस्थिति और सरकार की योजनाओं की जानकारी ली गई। निरीक्षण के बाद अफसरों को हर स्कूल के बारे में एक रिपोर्ट पेश करनी थी। यह रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी, संयुक्त संचालक से होते हुए विभागीय सचिव तक जानी थी। 15 जुलाई तक निरीक्षण चले हैं।