छत्तीसगढ़ सरकार ने व्यवसायिक परीक्षा मंडल का नाम नहीं बदला लेकिन इसका तात्पर्य यह नहीं है कि गड़बड़ियां नहीं होती। 12489 रिक्त पदों पर आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में 99 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने परीक्षा नहीं दी परंतु उनका रिजल्ट आया है और वह सब पास हो गए हैं।
शिक्षक भर्ती उम्मीदवारों ने किए सरकार से सवाल
छत्तीसगढ़
व्यापम द्वारा आयोजित सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में उन्हीं के रिकॉर्ड
के अनुसार कुल 146 176 उम्मीदवार शामिल हुए थे। जबकि व्यवसायिक परीक्षा
मंडल 146 275 उम्मीदवारों के रिजल्ट घोषित किए हैं। इस प्रकार 99 उम्मीदवार
ऐसे हैं जिन्होंने परीक्षा नहीं दी परंतु उनका रिजल्ट आया है। स्वाभाविक
रूप से सभी क्वालीफाई कर गए हैं। सबकी नौकरी लग जाएगी। इस मामले का खुलासा
नेता ने किया है और ना ही किसी प्रकार पत्रकार ने, बल्कि उम्मीदवारों ने
खुद सोशल मीडिया की मदद से हंगामा खड़ा कर दिया है।
व्यापम की दलील को व्यापम के आंकड़े खारिज करते हैं
व्यवसायिक
परीक्षा मंडल की ओर से सफाई पेश की गई है कि उनकी तरफ से परीक्षा संपन्न
होने के बाद परीक्षार्थियों की जो संख्या (146 176) जारी की गई थी। वह
टेंटेटिव थी, फाइनल नहीं थी। व्यापम के इस तर्क को उसके द्वारा जारी की गई
संख्या ही खारिज करती है। यदि उम्मीदवारों की संख्या अनुमान के आधार पर
जारी की गई होती तो वह 146 176 नहीं होती बल्कि "146000 से अधिक" होती। साथ
ही घोषणा के समय यह कहा जाता कि, बताई जा रही संख्या अनुमानित है और बाद
में बढ़ सकती है। इसके बाद व्यापम द्वारा सही संख्या जारी की जाती। लेकिन
ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है। रिजल्ट में पता चला कि संख्या अलग है।
सिर्फ एक सवाल- 99 उम्मीदवारों ने कौनसे कक्ष में बैठकर परीक्षा दी थी
यह
तो स्पष्ट है कि, कहीं ना कहीं कोई गड़बड़ी हुई है। भारत भर में हो रहे
भर्ती परीक्षा घोटालों के अनुभव के आधार पर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि
99 उम्मीदवारों को किसी अन्य परीक्षा केंद्र में बिठाकर परीक्षा दिलवाई गई।
क्योंकि यह विशेष परीक्षा केंद्र था, इसलिए इसकी संख्या जारी किए जाने
वाले हाथों में शामिल नहीं हो पाई। शायद निचले स्तर के अधिकारियों
कर्मचारियों को इसकी आदत नहीं थी।