बिलासपुर. प्राइवेट
कॉलेजों में परिनियम 28 के तहत नियुक्त प्राध्यापकों को छठवें वेतनमान के
अनुसार सैलरी मिलेगी। यह 15 से 35 हजार रुपए के बीच होगी। बिलासपुर
यूनिवर्सिटी ने इस संबंध में कॉलेजों को सर्कुलर जारी किया है।
प्राइवेट कॉलेजों में परिनियम 28 के तहत नियुक्त प्राध्यापकों को पांचवें वेतनमान के अनुसार सैलरी दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन काॅलेज प्रबंधन इन्हें अपने हिसाब से वेतन देते हैं। यूनिवर्सिटी को कई बार शिकायत मिली कि कॉलेज प्रबंधन दस्तखत पूरी सैलरी पर कराते हैं आैर पैसा आधा ही देते हैं। इसे रोकने के लिए यूनिवर्सिटी ने सर्कुलर जारी किया है। इसका असर करीब 100 कॉलेजों पर पड़ेगा।
होना यह चाहिए
प्राइवेट कॉलेज प्रबंधन पांचवें वेतनमान की पूरी सैलरी देने में ही आनाकानी करते थे। ऐसे में वे छठवें वेतनमान के हिसाब से सैलरी देने में गड़बड़ी नहीं करेंगे इस पर सवाल है। हालांकि बीएड कॉलेेजों को शिक्षकों का बैंक स्टेटमेंट जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। यह व्यवस्था तो अच्छी है लेकिन कितने कॉलेज ऐसा कर रहे हैं इसकी मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है।
मॉनिटरिंग पर है सवाल
स्टाफ प्रोफाइल तक नहीं देते
यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों को प्राध्यापकों की प्रोफाइल देने के निर्देश दिए थे, लेकिन कई काॅलेजों ने अब तक इसे यूनिवर्सिटी नहीं भेजा है, जिससे यह पता नहीं चल पा रहा कि नियुक्त हुआ प्राध्यापक वर्तमान में भी काम कर रहा है या नहीं। प्राइवेट कॉलेज सत्र के बीच में ही उन्हेें निकालकर अपना स्थापना खर्च बचा लेते हैं।
कॉलेजों की चालाकी से निपटने अब तक किए गए प्रबंध
प्राध्यापक को नौकरी से निकालने की सूचना यूनिवर्सिटी को देनी होगी।
सभी प्राइवेट काॅलेजों को स्टाफ प्रोफाइल देनी होगी।
सैलरी खाते में ही ट्रांसफर करना होगा।
शिक्षकों के बैंक स्टेटमेंट की जानकारी देनी होगी।
यूनिवर्सिटी की बड़ी समस्या करीब 100 प्राइवेट कॉलेजों की मॉनिटरिंग ही है। यूनिवर्सिटी चाहे तो इसके लिए कमेटी बना दे, जो हर महीने की तय तारीख तक प्राध्यापकों का बैंक स्टेटमेंट ले। इस व्यवस्था के लागू होते ही कॉलेज मनमानी नहीं करेंगे।
प्राइवेट कॉलेजों को देना होगा छठवां वेतनमान
यह नियम रविशंकर यूनिवर्सिटी में भी लागू है। प्राइवेट कॉलेजों को इस नियम को भी लागू करना होगा। यदि इसमें कॉलेजों को समस्या आती है तो इसे यूनिवर्सिटी के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं।डॉ. अरुण सिंह, रजिस्ट्रार बिलासपुर यूनिवर्सिटी
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening
प्राइवेट कॉलेजों में परिनियम 28 के तहत नियुक्त प्राध्यापकों को पांचवें वेतनमान के अनुसार सैलरी दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन काॅलेज प्रबंधन इन्हें अपने हिसाब से वेतन देते हैं। यूनिवर्सिटी को कई बार शिकायत मिली कि कॉलेज प्रबंधन दस्तखत पूरी सैलरी पर कराते हैं आैर पैसा आधा ही देते हैं। इसे रोकने के लिए यूनिवर्सिटी ने सर्कुलर जारी किया है। इसका असर करीब 100 कॉलेजों पर पड़ेगा।
होना यह चाहिए
प्राइवेट कॉलेज प्रबंधन पांचवें वेतनमान की पूरी सैलरी देने में ही आनाकानी करते थे। ऐसे में वे छठवें वेतनमान के हिसाब से सैलरी देने में गड़बड़ी नहीं करेंगे इस पर सवाल है। हालांकि बीएड कॉलेेजों को शिक्षकों का बैंक स्टेटमेंट जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। यह व्यवस्था तो अच्छी है लेकिन कितने कॉलेज ऐसा कर रहे हैं इसकी मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है।
मॉनिटरिंग पर है सवाल
स्टाफ प्रोफाइल तक नहीं देते
यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों को प्राध्यापकों की प्रोफाइल देने के निर्देश दिए थे, लेकिन कई काॅलेजों ने अब तक इसे यूनिवर्सिटी नहीं भेजा है, जिससे यह पता नहीं चल पा रहा कि नियुक्त हुआ प्राध्यापक वर्तमान में भी काम कर रहा है या नहीं। प्राइवेट कॉलेज सत्र के बीच में ही उन्हेें निकालकर अपना स्थापना खर्च बचा लेते हैं।
कॉलेजों की चालाकी से निपटने अब तक किए गए प्रबंध
प्राध्यापक को नौकरी से निकालने की सूचना यूनिवर्सिटी को देनी होगी।
सभी प्राइवेट काॅलेजों को स्टाफ प्रोफाइल देनी होगी।
सैलरी खाते में ही ट्रांसफर करना होगा।
शिक्षकों के बैंक स्टेटमेंट की जानकारी देनी होगी।
यूनिवर्सिटी की बड़ी समस्या करीब 100 प्राइवेट कॉलेजों की मॉनिटरिंग ही है। यूनिवर्सिटी चाहे तो इसके लिए कमेटी बना दे, जो हर महीने की तय तारीख तक प्राध्यापकों का बैंक स्टेटमेंट ले। इस व्यवस्था के लागू होते ही कॉलेज मनमानी नहीं करेंगे।
प्राइवेट कॉलेजों को देना होगा छठवां वेतनमान
यह नियम रविशंकर यूनिवर्सिटी में भी लागू है। प्राइवेट कॉलेजों को इस नियम को भी लागू करना होगा। यदि इसमें कॉलेजों को समस्या आती है तो इसे यूनिवर्सिटी के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं।डॉ. अरुण सिंह, रजिस्ट्रार बिलासपुर यूनिवर्सिटी
सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening