बिलासपुर(निप्र)। शिक्षकों की ट्रेनिंग में लाखों रुपए फूंकने वाले स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का दावा है कि 10 वीं कक्षा का कोर्स समय पर पूरा कर लिया गया था। जिले में शिक्षक की कमी भी काफी हद तक दूर कर ली गई है। इसके बाद भी निराशाजनक परिणाम ने विभाग की योजनाओं की हवा निकाल कर रख दी है।
वहीं शिक्षाविदों का मानना है कि शिक्षकों को मतगणना पुनरीक्षण कार्य में लगाना और आठवीं तक सीधे पास करना भारी पड़ा है।
एजुकेशन हब कहे जाने वाले बिलासपुर से केवल काजल पाटनवार ही दसवीं कक्षा की मेरिट सूची में दसवां स्थान हासिल करने में सफल रही। जिले के 45 प्रतिशत बच्चे को सफलता नहीं मिली है। पास होने वालों के भी अंक उत्साजनक नहीं हैं। केवल चार हजार ही 60 प्रतिशत से अधिक अंक लाने में सफल हुए हैं। शिक्षाविदों के मुताबिक इसके लिए शिक्षा विभाग और सरकार जिम्मेदार है। परीक्षा से पहले शिक्षकों को जनगणना कार्य में भेजने से पढ़ाई प्रभावित हुई। सालभर मेहनत करने के बाद भी आखिरी समय में रिवीजन नहीं हो सका। दूसरी सबसे बड़ी समस्या आठवीं तक सीधे पास करना है। इस वजह से हर साल अधिकांश बच्चे असफल हो रहे हैं। इस परिणाम ने जिले में मेधावी छात्रों के लिए शुरू की गई लक्ष्य 2016 योजना की हवा निकल दी है। इसके तहत जिला शिक्षा अधिकारी ने मेरिट सूची में जगह दिलाने के लिए दसवीं के 25 मेधावी बच्चों का चयन किया था। इन्हें पेंड्रा मल्टीपरपज स्कूल में चार दिवसीय अवासीय प्रशिक्षण भी दिया गया। इसमेंसे केवल एक ने ही टॉपर्स में जगह बनाई है।
इनका भी पड़ा असर
00 प्रदेश में गणित और अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की कमी।
00 स्कूलों में नियमित टेस्ट और प्रोत्साहन की कमी।
00 शिक्षकों और अभिभावकों में जिम्मेदारी का अभाव।
00 अधिकांश मेधावी बच्चों को सुविधा संसाधन नहीं मिलना।
00 घर व आसपास का माहौल, आर्थिक परिस्थिति भी असर।
सीधी बात
हेमंत उपाध्याय
जिला शिक्षा अधिकारी
0 दसवीं का परिणाम बेहद निराशाजनक आया है क्या वजह है।
00 रिजल्ट खराब तो है पर पिछले साल से काफी सुधार हुआ है।
0 मेरिट सूची में शहर से एक भी छात्र नहीं है।
00 जिले से एक छात्रा ने दसवां स्थान हासिल किया है। तीन अन्य ने 96 प्रतिशत हासिल किया है।
0 परिणाम से आप संतुष्ट हैं। योजनाओं का क्या हुआ हैं।
00 बिल्कुल नहीं और इससे बेहतर की उम्मीद थी। लक्ष्य 2016 इसीलिए शुरू किया गया था ताकि अधिक बच्चे टॉपर्स बनें।
00 खराब परिणाम के लिए कौन जिम्मेदार है।
00 फिलहाल दिल्ली में हूं। आने के बाद मंथन करेंगे इसके बाद कुछ बता सकूंगा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
वहीं शिक्षाविदों का मानना है कि शिक्षकों को मतगणना पुनरीक्षण कार्य में लगाना और आठवीं तक सीधे पास करना भारी पड़ा है।
एजुकेशन हब कहे जाने वाले बिलासपुर से केवल काजल पाटनवार ही दसवीं कक्षा की मेरिट सूची में दसवां स्थान हासिल करने में सफल रही। जिले के 45 प्रतिशत बच्चे को सफलता नहीं मिली है। पास होने वालों के भी अंक उत्साजनक नहीं हैं। केवल चार हजार ही 60 प्रतिशत से अधिक अंक लाने में सफल हुए हैं। शिक्षाविदों के मुताबिक इसके लिए शिक्षा विभाग और सरकार जिम्मेदार है। परीक्षा से पहले शिक्षकों को जनगणना कार्य में भेजने से पढ़ाई प्रभावित हुई। सालभर मेहनत करने के बाद भी आखिरी समय में रिवीजन नहीं हो सका। दूसरी सबसे बड़ी समस्या आठवीं तक सीधे पास करना है। इस वजह से हर साल अधिकांश बच्चे असफल हो रहे हैं। इस परिणाम ने जिले में मेधावी छात्रों के लिए शुरू की गई लक्ष्य 2016 योजना की हवा निकल दी है। इसके तहत जिला शिक्षा अधिकारी ने मेरिट सूची में जगह दिलाने के लिए दसवीं के 25 मेधावी बच्चों का चयन किया था। इन्हें पेंड्रा मल्टीपरपज स्कूल में चार दिवसीय अवासीय प्रशिक्षण भी दिया गया। इसमेंसे केवल एक ने ही टॉपर्स में जगह बनाई है।
इनका भी पड़ा असर
00 प्रदेश में गणित और अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की कमी।
00 स्कूलों में नियमित टेस्ट और प्रोत्साहन की कमी।
00 शिक्षकों और अभिभावकों में जिम्मेदारी का अभाव।
00 अधिकांश मेधावी बच्चों को सुविधा संसाधन नहीं मिलना।
00 घर व आसपास का माहौल, आर्थिक परिस्थिति भी असर।
सीधी बात
हेमंत उपाध्याय
जिला शिक्षा अधिकारी
0 दसवीं का परिणाम बेहद निराशाजनक आया है क्या वजह है।
00 रिजल्ट खराब तो है पर पिछले साल से काफी सुधार हुआ है।
0 मेरिट सूची में शहर से एक भी छात्र नहीं है।
00 जिले से एक छात्रा ने दसवां स्थान हासिल किया है। तीन अन्य ने 96 प्रतिशत हासिल किया है।
0 परिणाम से आप संतुष्ट हैं। योजनाओं का क्या हुआ हैं।
00 बिल्कुल नहीं और इससे बेहतर की उम्मीद थी। लक्ष्य 2016 इसीलिए शुरू किया गया था ताकि अधिक बच्चे टॉपर्स बनें।
00 खराब परिणाम के लिए कौन जिम्मेदार है।
00 फिलहाल दिल्ली में हूं। आने के बाद मंथन करेंगे इसके बाद कुछ बता सकूंगा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC