रायपुर। जिन संविदा शिक्षाकर्मियों ने बीएड, डीएड नहीं किया है उन पर रोज़गार का खतरा मंडरा रहा है। पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक जिन्होंन बीएड, डीएड नहीं किया है उन्हें नियमित नहीं किया जायेगा।
साथ ही इनके वेतन में बढ़ोतरी नहीं की जायेगी और ना ही ट्रांसफर जैसी सुविधाएं दी जायेंगे। वहीं अब इस फैसले का विरोध भी अब तेज हो गया है।
छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि मामले पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को ज्ञापन सौंपा गया है.अगर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो पूरे प्रदेश में शिक्षाकर्मी आन्दोलन करेंगे। एक अनुमान के अनुसार छत्तीसगढ़ में ऐसे शिक्षाकर्मियों की संख्या 5 हजार से ज्यादा है जिन्होंने यह कोर्स पास नहीं किया है। साल 2012-13 में ही करीब 40 शिक्षाकर्मियों ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से डीएड की परीक्षी दी थी जिसमें से 3 हजार ने 6 अवसरों के बाद भी परीक्षा में सफलता नहीं पाई है।
गौरतलब है कि राज्य में निजी और सरकारी स्कूलों में 27 हजार 529 शिक्षक हैं, जिन्होंने डीएड, बीएड नहीं किया है। इनमें से ज्यादातर शिक्षक निजी स्कूलों में हैं। इनकी संख्या 21 हजार 418 है। सरकारी स्कूलों में 5147 और अनुदान प्राप्त स्कूलों में 964 अप्रशिक्षित शिक्षक हैं।
वहीं, सुब्रत साहू शिक्षा सचिव ने कहा है “फेल होने वाले शिक्षकों और डीएड-बीएड नहीं करने वालों की नौकरी के लिए खतरा है, यह अभी नहीं कह सकते हैं, लेकिन ऐसे शिक्षकों को चेतावनी देंगे। डीएड में छह बार शिक्षकों को सातवां अवसर दे या नहीं, इस पर फैसला होना अभी बाकी है। बहरहाल शिक्षाकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है कि आगे क्या होगा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
साथ ही इनके वेतन में बढ़ोतरी नहीं की जायेगी और ना ही ट्रांसफर जैसी सुविधाएं दी जायेंगे। वहीं अब इस फैसले का विरोध भी अब तेज हो गया है।
छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ के अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि मामले पर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को ज्ञापन सौंपा गया है.अगर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो पूरे प्रदेश में शिक्षाकर्मी आन्दोलन करेंगे। एक अनुमान के अनुसार छत्तीसगढ़ में ऐसे शिक्षाकर्मियों की संख्या 5 हजार से ज्यादा है जिन्होंने यह कोर्स पास नहीं किया है। साल 2012-13 में ही करीब 40 शिक्षाकर्मियों ने छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से डीएड की परीक्षी दी थी जिसमें से 3 हजार ने 6 अवसरों के बाद भी परीक्षा में सफलता नहीं पाई है।
गौरतलब है कि राज्य में निजी और सरकारी स्कूलों में 27 हजार 529 शिक्षक हैं, जिन्होंने डीएड, बीएड नहीं किया है। इनमें से ज्यादातर शिक्षक निजी स्कूलों में हैं। इनकी संख्या 21 हजार 418 है। सरकारी स्कूलों में 5147 और अनुदान प्राप्त स्कूलों में 964 अप्रशिक्षित शिक्षक हैं।
वहीं, सुब्रत साहू शिक्षा सचिव ने कहा है “फेल होने वाले शिक्षकों और डीएड-बीएड नहीं करने वालों की नौकरी के लिए खतरा है, यह अभी नहीं कह सकते हैं, लेकिन ऐसे शिक्षकों को चेतावनी देंगे। डीएड में छह बार शिक्षकों को सातवां अवसर दे या नहीं, इस पर फैसला होना अभी बाकी है। बहरहाल शिक्षाकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है कि आगे क्या होगा।
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