रायपुर (निप्र)। राज्य के स्कूलों में कार्यरत ऐसे शिक्षाकर्मी,
जिन्होंने नियुक्ति के पांच साल के भीतर डीएड अथवा बीएड की उपाधि प्राप्त
नहीं की है, उन्हें नियमित नहीं किया जाएगा और न ही उनका वेतन ही बढ़ाया
जाएगा। उन्हें स्थानांतरण का लाभ भी नहीं दिया जाएगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 6 मई को यह आदेश निकाला है। इसके बाद पूरे विभाग हड़कंप मचा हुआ है। बताया जाता है कि है अभी भी 5 हजार से अधिक शिक्षकों ने बीएड-डीएड की उपाधि नहीं ली है। वहीं छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) करने वाले तीन हजार शिक्षक छह अवसर के बाद भी उपाधि नहीं ले पाए हैं। ज्यादातर शिक्षक छह बार में परीक्षा पास नहीं कर पाए। कई ने परीक्षा न देने की लापरवाही भी की है। लिहाजा इन शिक्षकों के खिलाफ स्कूल शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। स्कूल शिक्षा सचिव ने कहा है कि शिक्षकों को नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा। गौरतलब है कि साल 2012-13 के प्रथम वर्ष के डीएड में एनसीटीई ने करीब 40 हजार शिक्षकों को डीएड करने के लिए अनुमति दी थी। इनमें से 37 हजार शिक्षक पास हो गए, पर 3 हजार अटक गए हैं। इन शिक्षकों को सरकार न ही नौकरी से निकाल सकती है और न ही उन पर पढ़ने के लिए दबाव बना पा रही है।
सातवें अवसर के लिए चक्कर
सूत्रों की मानें तो डीएड में छह बार परीक्षा पास नहीं करने वाले शिक्षक अब जाग गए हैं। ये शिक्षक स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप के बंगले से लेकर माशिमं दफ्तर और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) परिषद में सातवां अवसर देने के लिए गुहार लगा रहे हैं। जबकि राज्य सरकार ने गाइड लाइन तय की है कि डीएड में सिर्फ छह अवसर ही दिए जाएंगे। ये तो पदस्थ शिक्षक हैं। बाकी जो छात्र रिगुलर पढ़ाई करते हैं, उन्हें डीएड-बीएड पूरा करने के लिए सिर्फ दो अवसर दिए जाते हैं। फेल शिक्षकों को 2013, 2014 और 2015 में परीक्षा में बैठने का दो-दो अवसर दिए गए थे। अब मंडल ने नियमों का हवाला देते हुए 2016 में इन्हें परीक्षा में बैठने का अवसर देने से हाथ खड़ा कर दिया है। सरकार ने एससीईआरटी पर झाड़ा पल्ला
जो शिक्षक परीक्षा पास नहीं कर पाए हैं, उनके लिए आखिरी निर्णय लेने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने एससीईआरटी से अभिमत मांगा था कि इन शिक्षकों के लिए सातवें अवसर के लिए क्या किया जा सकता है। अधिकारिक सूत्रों की मानें तो एससीईआरटी ने भी बच्चों के हित को देखते हुए अंतिम निर्णय स्कूल शिक्षा मंत्री पर छोड़ दिया है। लिहाजा जून में होने वाली परीक्षा में ये शिक्षक सातवीं परीक्षा दे पाएंगे या नहीं, इस पर असमंजस बना हुआ है। सरकार खुद फैसला न करके मामले में एससीईआरटी, जो कि शिक्षकों के प्रशिक्षण कराने की एजेंसी की तरह काम कर रहा है , पर पल्ला झाड़ रही है।
आरटीई के नियमों का हो रहा उल्लंघन
आरटीई के तहत सरकारी और निजी स्कूलों में अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षित होने की समय सीमा 31 मार्च 2015 को खत्म चुकी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम एक अप्रैल 2010 को राज्य में लागू हुआ। इसके तहत सभी स्कूलों में शिक्षकों को 5 साल के अंदर बीएड, डीएड के जरिए प्रशिक्षित करना था, लेकिन यह लक्ष्य अभी तक अधूरा है। आरटीई का लगातार उल्लंघन हो रहा है।
राज्य में निजी और सरकारी स्कूलों में 27 हजार 529 शिक्षक हैं, जिन्होंने डीएड, बीएड नहीं किया है। इनमें से अधिकांश शिक्षक निजी स्कूलों में हैं। इनकी संख्या 21 हजार 418 है। सरकारी स्कूलों में 5147 और अनुदान प्राप्त स्कूलों में 964 अप्रशिक्षित शिक्षक हैं।
वर्जन
अभी सिर्फ चेतावनी देंगे
- फेल होने वाले शिक्षकों और डीएड-बीएड नहीं करने वालों की नौकरी के लिए खतरा है, यह अभी नहीं कह सकते हैं, लेकिन ऐसे शिक्षकों को चेतावनी देंगे। डीएड में छह बार शिक्षकों को सातवां अवसर दे या नहीं, इस पर फैसला होना अभी बाकी है।
- सुब्रत साहू , सचिव स्कूल शिक्षा एवं चैयरमैन , माशिमं
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 6 मई को यह आदेश निकाला है। इसके बाद पूरे विभाग हड़कंप मचा हुआ है। बताया जाता है कि है अभी भी 5 हजार से अधिक शिक्षकों ने बीएड-डीएड की उपाधि नहीं ली है। वहीं छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से डीएड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) करने वाले तीन हजार शिक्षक छह अवसर के बाद भी उपाधि नहीं ले पाए हैं। ज्यादातर शिक्षक छह बार में परीक्षा पास नहीं कर पाए। कई ने परीक्षा न देने की लापरवाही भी की है। लिहाजा इन शिक्षकों के खिलाफ स्कूल शिक्षा विभाग ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। स्कूल शिक्षा सचिव ने कहा है कि शिक्षकों को नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा। गौरतलब है कि साल 2012-13 के प्रथम वर्ष के डीएड में एनसीटीई ने करीब 40 हजार शिक्षकों को डीएड करने के लिए अनुमति दी थी। इनमें से 37 हजार शिक्षक पास हो गए, पर 3 हजार अटक गए हैं। इन शिक्षकों को सरकार न ही नौकरी से निकाल सकती है और न ही उन पर पढ़ने के लिए दबाव बना पा रही है।
सातवें अवसर के लिए चक्कर
सूत्रों की मानें तो डीएड में छह बार परीक्षा पास नहीं करने वाले शिक्षक अब जाग गए हैं। ये शिक्षक स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप के बंगले से लेकर माशिमं दफ्तर और राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) परिषद में सातवां अवसर देने के लिए गुहार लगा रहे हैं। जबकि राज्य सरकार ने गाइड लाइन तय की है कि डीएड में सिर्फ छह अवसर ही दिए जाएंगे। ये तो पदस्थ शिक्षक हैं। बाकी जो छात्र रिगुलर पढ़ाई करते हैं, उन्हें डीएड-बीएड पूरा करने के लिए सिर्फ दो अवसर दिए जाते हैं। फेल शिक्षकों को 2013, 2014 और 2015 में परीक्षा में बैठने का दो-दो अवसर दिए गए थे। अब मंडल ने नियमों का हवाला देते हुए 2016 में इन्हें परीक्षा में बैठने का अवसर देने से हाथ खड़ा कर दिया है। सरकार ने एससीईआरटी पर झाड़ा पल्ला
जो शिक्षक परीक्षा पास नहीं कर पाए हैं, उनके लिए आखिरी निर्णय लेने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने एससीईआरटी से अभिमत मांगा था कि इन शिक्षकों के लिए सातवें अवसर के लिए क्या किया जा सकता है। अधिकारिक सूत्रों की मानें तो एससीईआरटी ने भी बच्चों के हित को देखते हुए अंतिम निर्णय स्कूल शिक्षा मंत्री पर छोड़ दिया है। लिहाजा जून में होने वाली परीक्षा में ये शिक्षक सातवीं परीक्षा दे पाएंगे या नहीं, इस पर असमंजस बना हुआ है। सरकार खुद फैसला न करके मामले में एससीईआरटी, जो कि शिक्षकों के प्रशिक्षण कराने की एजेंसी की तरह काम कर रहा है , पर पल्ला झाड़ रही है।
आरटीई के नियमों का हो रहा उल्लंघन
आरटीई के तहत सरकारी और निजी स्कूलों में अप्रशिक्षित शिक्षकों के प्रशिक्षित होने की समय सीमा 31 मार्च 2015 को खत्म चुकी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम एक अप्रैल 2010 को राज्य में लागू हुआ। इसके तहत सभी स्कूलों में शिक्षकों को 5 साल के अंदर बीएड, डीएड के जरिए प्रशिक्षित करना था, लेकिन यह लक्ष्य अभी तक अधूरा है। आरटीई का लगातार उल्लंघन हो रहा है।
राज्य में निजी और सरकारी स्कूलों में 27 हजार 529 शिक्षक हैं, जिन्होंने डीएड, बीएड नहीं किया है। इनमें से अधिकांश शिक्षक निजी स्कूलों में हैं। इनकी संख्या 21 हजार 418 है। सरकारी स्कूलों में 5147 और अनुदान प्राप्त स्कूलों में 964 अप्रशिक्षित शिक्षक हैं।
वर्जन
अभी सिर्फ चेतावनी देंगे
- फेल होने वाले शिक्षकों और डीएड-बीएड नहीं करने वालों की नौकरी के लिए खतरा है, यह अभी नहीं कह सकते हैं, लेकिन ऐसे शिक्षकों को चेतावनी देंगे। डीएड में छह बार शिक्षकों को सातवां अवसर दे या नहीं, इस पर फैसला होना अभी बाकी है।
- सुब्रत साहू , सचिव स्कूल शिक्षा एवं चैयरमैन , माशिमं
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC