जिला
पंचायत के माध्यम से शिक्षाकर्मियों के रिक्त पदों पर होने वाली भर्ती को
लेकर अध्यक्ष माया बेलचंदन व सीईओ जिला पंचायत आमने-सामने आ गए हैं। इस
मामले को लेकर सीईओ जहां रिक्त पदों पर बेहतर शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर
प्रयासरत हैं। वहीं अध्यक्ष के तरफ से पहले म्यूचल व पति-प|ी के प्रकरणों
के आधार पर ट्रांसफर के बाद ही सीधी भर्ती प्रक्रिया पूरी करने को लेकर
कोशिश कर रही हैं।
इस मामले को लेकर अध्यक्ष बुधवार को पंचायत प्रमुख सचिव एके राउत तक पहुंच गई। उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर शिकायत की। इसके बाद मामले का पटाक्षेप हो गया।
जानकारी के मुताबिक वर्तमान में जिले में शिक्षाकर्मियों के 80 पद रिक्त हैं। इसमें 40 पदों पर पंचायत स्तर पर भर्ती होनी है। वहीं 40 पदों के संबंध में निर्णय शिक्षा विभाग को लेना है। जिला पंचायत के तरफ से 40 में से दस पदों को पदोन्नति के आधार पर भरा जाना है। वहीं शेष पदों पर भर्ती की तैयारी थी। इधर जिला पंचायत की अध्यक्ष सहित सदस्यों को इसे लेकर आपत्ति थी। उनके मुताबिक म्यूचल व पति-प|ी के मामले अटके हुए हैं।
सीईओ की आपत्ति गलत एनओसी तक जारी हो गया
म्यूचल
व पति-प|ी के प्रकरणों में एनओसी तक जारी हो गया है। कई मामलों में
शिक्षाकर्मी रिलीव भी किए जा चुके हैं। ऐसे में सीईओ की आपत्ति गलत थी।
इसलिए मै शिकायत लेकर गई। पहले इन मामलों का निराकरण होगा। फिर ट्रांसफर
होगा, इसके बाद सीधी भर्ती व पदोन्नति के प्रकरण का निराकरण किया जाएगा।
माया बेलचंदन, अध्यक्ष जिला पंचायत दुर्ग
जो उच्च अधिकारियों का आदेश वही मान्य रहेगा
म्यूचल
व पति-प|ी प्रकरणों को लेकर ढेर सारे आवेदन आए हैं। हम चाहते थे, कि भर्ती
के माध्यम से बेहतर शिक्षक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिले। जिन
प्रकरणों को लेकर विवाद खड़ा हो रहा है। वे दुर्ग में भर्ती के समय योग्यता
सिद्ध करने में नाकाम रहे। जो उच्च अधिकारियों का आदेश होगा और नियम में
होगा। सतोविशा समाजदार, सीईओ जिपं दुर्ग
आगे क्या : पद रिक्त तभी भर्ती प्रक्रिया होगी पूरी
अब भी दस पदों को पदोन्नति से भरे जाने की तैयारी है। इसके अलावा शेष 30 पदों पर सीधी भर्ती के बजाए पहले म्यूचल व पति-प|ी प्रकरणों के निराकरण के बाद पुन: सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद ट्रांसफर के प्रकरणों का निराकरण होगा, इसके बाद भी यदि कोई पद रिक्त रहता है, भर्ती की प्रक्रिया पूरी होगी।
जिलेवार जारी किया जा चुका अनापत्ति प्रमाण पत्र
तीनों वर्गों के करीब 23 पद जाने वाले हैं। वहीं 24 ऐसे मामले हैं, जो म्यूचल के हैं। इन मामलों में जिलावार अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी किया जा चुका है। बावजूद सीईओ द्वारा इस पर आपत्ति की जा रही है। इसी मामले को लेकर सीईओ के तरफ से सदस्यों की बैठक बुलाई गई। बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष थानूराम साहू, राकेश ठाकुर, संतोष साहू, जयंत देशमुख सहित अन्य पहुंचे। अध्यक्ष के नहीं पहुंचने पर उन्होंने आपत्ति भी की। सीईओ को तरफ से अध्यक्ष के नहीं होने पर बैठक नहीं होने की बात कही। इसी बात को लेकर आक्रोशित हो गए। उन्होंने सीईओ पर मनमानी करने का आरोप लगाया। इधर अध्यक्ष शिकायत लेकर प्रमुख सचिव एमके राउत के पास पहुंच गई। जहां से उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम का पटाक्षेप करते हुए सीईओ को समझाइश दी।
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इस मामले को लेकर अध्यक्ष बुधवार को पंचायत प्रमुख सचिव एके राउत तक पहुंच गई। उन्होंने इस पूरे मामले को लेकर शिकायत की। इसके बाद मामले का पटाक्षेप हो गया।
जानकारी के मुताबिक वर्तमान में जिले में शिक्षाकर्मियों के 80 पद रिक्त हैं। इसमें 40 पदों पर पंचायत स्तर पर भर्ती होनी है। वहीं 40 पदों के संबंध में निर्णय शिक्षा विभाग को लेना है। जिला पंचायत के तरफ से 40 में से दस पदों को पदोन्नति के आधार पर भरा जाना है। वहीं शेष पदों पर भर्ती की तैयारी थी। इधर जिला पंचायत की अध्यक्ष सहित सदस्यों को इसे लेकर आपत्ति थी। उनके मुताबिक म्यूचल व पति-प|ी के मामले अटके हुए हैं।
सीईओ की आपत्ति गलत एनओसी तक जारी हो गया
जो उच्च अधिकारियों का आदेश वही मान्य रहेगा
आगे क्या : पद रिक्त तभी भर्ती प्रक्रिया होगी पूरी
अब भी दस पदों को पदोन्नति से भरे जाने की तैयारी है। इसके अलावा शेष 30 पदों पर सीधी भर्ती के बजाए पहले म्यूचल व पति-प|ी प्रकरणों के निराकरण के बाद पुन: सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद ट्रांसफर के प्रकरणों का निराकरण होगा, इसके बाद भी यदि कोई पद रिक्त रहता है, भर्ती की प्रक्रिया पूरी होगी।
जिलेवार जारी किया जा चुका अनापत्ति प्रमाण पत्र
तीनों वर्गों के करीब 23 पद जाने वाले हैं। वहीं 24 ऐसे मामले हैं, जो म्यूचल के हैं। इन मामलों में जिलावार अनापत्ति प्रमाण पत्र भी जारी किया जा चुका है। बावजूद सीईओ द्वारा इस पर आपत्ति की जा रही है। इसी मामले को लेकर सीईओ के तरफ से सदस्यों की बैठक बुलाई गई। बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष थानूराम साहू, राकेश ठाकुर, संतोष साहू, जयंत देशमुख सहित अन्य पहुंचे। अध्यक्ष के नहीं पहुंचने पर उन्होंने आपत्ति भी की। सीईओ को तरफ से अध्यक्ष के नहीं होने पर बैठक नहीं होने की बात कही। इसी बात को लेकर आक्रोशित हो गए। उन्होंने सीईओ पर मनमानी करने का आरोप लगाया। इधर अध्यक्ष शिकायत लेकर प्रमुख सचिव एमके राउत के पास पहुंच गई। जहां से उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम का पटाक्षेप करते हुए सीईओ को समझाइश दी।
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