Facebook

Govt Jobs : Opening

कलक्टर ने ऐसा क्यो कहा, मेरा पैसा किस नदी में फेंक आईं ?

भिलाई. शिक्षा विभाग के रोडमैप प्रजेंटेशन के दौरान कलक्टर आर. शंगीता ने प्रशासनिक अफसरों की क्लास ले ली। कुछ पर तल्ख टिप्पणी कर दी तो कुछ पर तंज कसते हुए बातोबातों में नसीहत दे डाली।
सोमवार को बीआईटी दुर्ग के सभागार में पांच घंटे चली बैठक में एेसे कई मौके आए जब कलक्टर ने अफसरों को निशाने पर लिया तो कई बार सन्नाटा पसर गया तो कभी ठहाके गूंजे। इस दौरान कलक्टर की टिप्पणी से अफसर बगलें झांकते नजर आए।

पहला निशाना जिला पंचायत सीईओ बनीं,
14 वें वित्त आयोग से हर स्कूलों को हैंडवॉश प्लेटफार्म बनाने 12-12 हजार रुपए का अनुदान दिया गया है। जब कलक्टर ने प्राचार्यो से पूछा कि कितने स्कूलों में प्लेटफार्म बने हैं तो गिनती के पांच प्राचार्यो ने हाथ उठाया। इस पर मंच पर मौजूद सीईओ सतोविशा समाजदार की तरफ पलटकर कलक्टर ने सीधा सवाल किया कि मेरा सारा पैसा किस नदी में फेंक आईं? उन्होंने सीईओ से उन स्कूलों की भी लिस्ट भी मांगी जहां हैंडवॉश प्लेटफार्म बने हैं।

दुर्ग निगम आयुक्त सुंदरानी से बोलीं इनसे नहीं देखे जाते महिलाओं के आंसू
स्कूलों में निगम की अंधोसंरचना मद से प्राचार्यो को काम कराने के बारे में चुटकी लेते हुए कलक्टर ने दुर्ग निगम आयुक्त के बारे में कहा कि सुंदरानी जी काफी दयालु हैं, वे खासकर महिलाओं की आंखों में आंसू नहीं देख सकते, प्रिंसिपलों के लिए यह मौका है कि वे अपने-अपने स्कूलों को बेहतर बनाने उनसे सहयोग लें।

इन्हें चाय पर बुलाइए, सुविधा लीजिए
भिलाई निगम आयुक्त नरेन्द्र दुग्गा को लेकर कलक्टर ने कहा कि दुग्गा तो करोड़पति निगम का मालिक हैं। जिस निगम के पास शिक्षा मद में ही 2 करोड़ रुपए हैं ऐसे कमिश्नर को प्राचार्य अपने स्कूल में चाय पर बुलाएं और जो भी सुविधा चाहिए ले सकते हैं।

अधिकारियों के नंबर किए सार्वजनिक
कलक्टर ने स्टेज से एक-एक अधिकारियों के नंबर सार्वजनिक किए ताकि पिं्रसिपल, संकुल केन्द्र समन्यवक अपनी जरूरत के हिसाब से उनसे संपर्क कर सकें। उन्होंने सभी अधिकारियों को जिम्मेदारी दी किवे अपने क्षेत्र के हायर सेकंडरी और हाईस्कूल के प्राचार्यो की महीने में एक बार बैठक लें। वे टीएल की बैठक में अधिकारियों से इसकी जानकारी लेती रहेंगी।

सरपंचों का स्वागत कराएं और फंड ले लें

स्कूलों में रैनवाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य करने के बारे में कलक्टर ने कहा कि छोटे स्कूलों में फंड नहीं होता। वे स्कूल खुलते ही सरपंच को अपने यहां बुलाएं उनका बच्चों से स्वागत कराएं और उनसे ही रैनवाटर हार्वेस्टिंग लगवाने की स्वीकृति लें। ग्राम के विकास के लिए काफी राशि उन्हें मिलती है।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC

Recent in Fashion

Random Posts

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();