केंद्र
शासन के माध्यम से संचालित जिले के विशेष आवासीय और गैर आवासीय प्रशिक्षण
केंद्रों में बच्चों को पढ़ाने वाले अनुदेशकों (केंद्र प्रभारी) को पिछले
सत्र की राशि नहीं मिल पाई है। लिहाजा अब तक सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम
से अनुदेशकों का चयन नहीं हो पाया है।
प्रशिक्षण केंद्रों के संचालन के लिए 9 जून को रायपुर में बैठक हुई। जिसमें जिले के प्रमुख अधिकारी ने उच्च अधिकारियों को अवगत कराया कि अब तक पिछले सत्र का फंड नहीं मिल पाया है। जैसे-तैसे अनुदेशकों ने अपने स्तर पर केंद्र का संचालन किया। लेकिन इस बार वे पैसा मिलने के बाद ही बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे। अब फंड उपलब्ध होने के बाद ही केंद्रों का संचालन होगा। अधिकारियों का कहना है कि फंड आने के बाद पिछले सत्र 2015-16 के चयनित अनुदेशकों को राशि वितरित की जाएगी।
पिछले सत्र व इस साल का फंड अब तक जारी नहीं होने से केंद्र प्रभारी और विभागीय अधिकारी परेशान हैं। संबंधित विभाग को बच्चों को शिक्षित करने की चिंता सताने लगी है। केंद्र प्रभारी पढ़ाई व बच्चों के सुविधा के एवज में किए खर्च का पैसा नहीं मिलने से चिंतित है। जुलाई तक फंड नहीं मिलता है तो पिछले सत्र की तरह इस बार भी उधारी के पैसे से केंद्र चलेगा।
पलायन
शाला त्यागी
शिक्षित करने 329 बच्चों की पहचान
सर्व शिक्षा अभियान के सर्वे में स्कूल छोड़ चुके 329 बच्चों की पहचान की गई है। स्कूल छोड़ चुके 124 बालक, 73 बालिका, अप्रवेशी बालक 2, पलायन करने वाले बालक 36 और 41 बालिका हैं।
2 आवासीय व 17 गैर आवासीय केंद्र
कचांदुर में आवासीय और गैर आवासीय के संचालन के लिए कलेक्टर के माध्यम से फंड उपलब्ध कराया गया था। वहीं 17 गैर आवासीय केंद्र गुंडरदेही ब्लाॅक के सिकोसा, डौंडी ब्लाॅक के मलकुंवर, आड़ेझर, गायत्री मंदिर वार्ड 13, लोडिंग क्वार्टर वार्ड 13, लैनकसा, रेलवे स्टेशन वार्ड 27, बालोद ब्लाक के धरमपुरा, गुरुर ब्लाॅक के किनारगोंदी, फरदफोड़, नाहंदा, भीमकन्हार, डौंडीलोहारा ब्लाॅक के गारका, चेब. नवागांव, सोरली, देवरी में चल रहे हैं।
अगले महीने केंद्र खुलेंगे तैयारी अब तक शुरू नहीं
जिले में 19 आवासीय और गैर आवासीय केंद्र हैं। विभाग का दावा है कि फंड जारी नहीं होने के बाद भी इस सत्र में विशेष और गैर आवासीय भवन सुचारू ढंग से संचालित होगा। अब तक अनुदेशकों का चिन्हांकन नहीं हो पाया है। ऐसे में व्यवस्था पर असर पड़ेगा। जुलाई से केंद्र खुल जाएंगे। विशेष और गैर आवासीय केंद्र का मुख्य उद्देश्य 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को रखकर उनमे उम्र के हिसाब से स्किल डेवलपमेंट किया जाता है। इसी हिसाब से बच्चों को उम्र के आधार पर कक्षाओं में दाखिला दिया जाता है। लेकिन अब तक तैयारी शुरू नहीं हुई है।
बैठक में उच्च अफसरों को दी जानकारी
9 जून को हुई मीटिंग में हमने उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है कि फंड जल्द उपलब्ध कराया जाए ताकि अनुदेशकों को राशि वितरित की जा सकें और इस सत्र का संचालन भी बेहतर हो सकें। विशेष और गैर आवासीय केंद्र के लिए फिलहाल शासन की ओर से फंड नहीं आया है। पीसी मरकले, जिला प्रभारी, सर्व शिक्षा अभियान
ब्लाॅक बालक बालिका बालक बालिका
बालोद 23 1 2 2
डौंडी 33 30 10 12
डौंडीलोहारा 34 13 7 5
गुंडरदेही 32 27 4 13
गुरुर 2 2 13 9
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प्रशिक्षण केंद्रों के संचालन के लिए 9 जून को रायपुर में बैठक हुई। जिसमें जिले के प्रमुख अधिकारी ने उच्च अधिकारियों को अवगत कराया कि अब तक पिछले सत्र का फंड नहीं मिल पाया है। जैसे-तैसे अनुदेशकों ने अपने स्तर पर केंद्र का संचालन किया। लेकिन इस बार वे पैसा मिलने के बाद ही बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे। अब फंड उपलब्ध होने के बाद ही केंद्रों का संचालन होगा। अधिकारियों का कहना है कि फंड आने के बाद पिछले सत्र 2015-16 के चयनित अनुदेशकों को राशि वितरित की जाएगी।
पिछले सत्र व इस साल का फंड अब तक जारी नहीं होने से केंद्र प्रभारी और विभागीय अधिकारी परेशान हैं। संबंधित विभाग को बच्चों को शिक्षित करने की चिंता सताने लगी है। केंद्र प्रभारी पढ़ाई व बच्चों के सुविधा के एवज में किए खर्च का पैसा नहीं मिलने से चिंतित है। जुलाई तक फंड नहीं मिलता है तो पिछले सत्र की तरह इस बार भी उधारी के पैसे से केंद्र चलेगा।
पलायन
शाला त्यागी
शिक्षित करने 329 बच्चों की पहचान
सर्व शिक्षा अभियान के सर्वे में स्कूल छोड़ चुके 329 बच्चों की पहचान की गई है। स्कूल छोड़ चुके 124 बालक, 73 बालिका, अप्रवेशी बालक 2, पलायन करने वाले बालक 36 और 41 बालिका हैं।
2 आवासीय व 17 गैर आवासीय केंद्र
कचांदुर में आवासीय और गैर आवासीय के संचालन के लिए कलेक्टर के माध्यम से फंड उपलब्ध कराया गया था। वहीं 17 गैर आवासीय केंद्र गुंडरदेही ब्लाॅक के सिकोसा, डौंडी ब्लाॅक के मलकुंवर, आड़ेझर, गायत्री मंदिर वार्ड 13, लोडिंग क्वार्टर वार्ड 13, लैनकसा, रेलवे स्टेशन वार्ड 27, बालोद ब्लाक के धरमपुरा, गुरुर ब्लाॅक के किनारगोंदी, फरदफोड़, नाहंदा, भीमकन्हार, डौंडीलोहारा ब्लाॅक के गारका, चेब. नवागांव, सोरली, देवरी में चल रहे हैं।
अगले महीने केंद्र खुलेंगे तैयारी अब तक शुरू नहीं
जिले में 19 आवासीय और गैर आवासीय केंद्र हैं। विभाग का दावा है कि फंड जारी नहीं होने के बाद भी इस सत्र में विशेष और गैर आवासीय भवन सुचारू ढंग से संचालित होगा। अब तक अनुदेशकों का चिन्हांकन नहीं हो पाया है। ऐसे में व्यवस्था पर असर पड़ेगा। जुलाई से केंद्र खुल जाएंगे। विशेष और गैर आवासीय केंद्र का मुख्य उद्देश्य 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को रखकर उनमे उम्र के हिसाब से स्किल डेवलपमेंट किया जाता है। इसी हिसाब से बच्चों को उम्र के आधार पर कक्षाओं में दाखिला दिया जाता है। लेकिन अब तक तैयारी शुरू नहीं हुई है।
बैठक में उच्च अफसरों को दी जानकारी
9 जून को हुई मीटिंग में हमने उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है कि फंड जल्द उपलब्ध कराया जाए ताकि अनुदेशकों को राशि वितरित की जा सकें और इस सत्र का संचालन भी बेहतर हो सकें। विशेष और गैर आवासीय केंद्र के लिए फिलहाल शासन की ओर से फंड नहीं आया है। पीसी मरकले, जिला प्रभारी, सर्व शिक्षा अभियान
ब्लाॅक बालक बालिका बालक बालिका
बालोद 23 1 2 2
डौंडी 33 30 10 12
डौंडीलोहारा 34 13 7 5
गुंडरदेही 32 27 4 13
गुरुर 2 2 13 9
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