अतिशेष होने के कारण जिले से रिलीव होने वाले शिक्षाकर्मियों की अब वापसी नहीं होगी और जनपद पंचायतों की ओर से भेजी गई पदोन्नति की सूची से भी ऐसे शिक्षकों का नाम काटा जाएगा। नए सत्र से पहले जिले के 564 अतिशेष शिक्षकों के रिलीविंग एवं प्रमोशन के सस्पेंस पर जिपं सीइओ ने स्थिति साफ की है।
हफ्ते भर बाद खुलने वाले स्कूलों में जिले के अतिशेष शिक्षक नहीं पढ़ा सकेंगे। महीने भर पहले जिले से 564 अतिशेष शिक्षकों के रिलीव होने के के बाद भी दूसरे जिलों में जाकर ज्वाइनिंग नहीं करने एवं ट्रांसफर रुकवाने के लिए सीएम तक एप्रोच लगाने के कारण रिलीविंग आर्डर को निरस्त करने की भी आशंका हो रही थी और जब सभी जनपदों से शिक्षकों की वरिष्ठता सूची आई तो उसमें भी रिलीव होने वाले शिक्षकों के नाम आने के बाद से अजीब स्थिति बन गई थी लेकिन जिला पंचायत सीइओ का पदभार संभालते ही चंदन संजय त्रिपाठी ने शिक्षकों का कन्फ्यूजन साफ कर दिया है और कहा है कि रिलीव आदेश जारी होने के बाद उसे बिना शासन के लिखित आदेश के निरस्त करना सीइओ के एकाधिकार में नहीं है और पदोन्नति की सूची में भी तकनीकी कारणों से हुई त्रुटि में रिलीव होने वाले जिन शिक्षकों का नाम सामने आया है। उसे भी सुधारा जाएगा। उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत में सहायक शिक्षक पंचायत से शिक्षक पंचायत में पदोन्नति के लिए जो वरिष्ठता सूची भेजी गई है। उसमें करीब 146 शिक्षाकर्मियों के नाम हैं इसमें बरमकेला ब्लाक से करीब 15 अतिशेष शिक्षकों के अलावा पुसौर से 30 तथा सारंगढ़ से 23 रिलीव हाेने वाले शिक्षकों के नाम भी शामिल हो गए थे।
मेडिकल सर्टिफिकेट ठंडे बस्ते में
ट्रांसफर के बाद रिलीव होने से बचने के लिए शिक्षाकर्मियों ने एक साथ मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाकर जनपदों में जमा कर दिया था। जिससे ज्यादातर शिक्षकों का रिलीविंग आर्डर भी अब तामील नहीं हो पाया लेकिन इस फर्जीवाड़े के बाद भी जिपं की ओर से जांच के लिए कड़े कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
हम आदेश निरस्त नहीं कर सकते
एक बार रिलीव होने के बाद आदेश को निरस्त करना हमारे अधिकार में नहीं है। शासन की ओर से रोक के लिए कोई आदेश नहीं है। अतिशेष शिक्षकों को दूसरे जिलों में ज्वाइनिंग देनी होगी आैर प्रमोशन की सूची से भी ऐसे नामों को काटा जाएगा। चंदन संजय त्रिपाठी, सीइओ जिपं
आर्ट्स के टीचर पढ़ाएंगे साइंस
सरकारी स्कूलों में 7 साल का समय पूरा कर लेने के बाद शिक्षाकर्मी पदोन्नति के पात्र हो जाते हैं। जिले में वरिष्ठता सूची में ज्यादातर शिक्षक आर्ट्स बैकग्राउंड वाले हैं और अब प्रमोशन होने के बाद वे मिडिल स्कूलों में बच्चों को साइंस व मैथ्स के पाठ भी पढ़ाएंगे। हालांकि ऐसे शिक्षकों को सरकारी ट्रेनिंग देकर इसके लिए अपडेट भी किया जाएगा।
रिलीविंग से पहले पदोन्नति सूची
शिक्षाकर्मियों के लिए वरिष्ठता सूची 1 अप्रैल के आधार पर बनाई जाती है। जिले में अतिशेष शिक्षकों के ट्रांसफर आर्डर 18 अप्रैल को जारी किए गए थे। ऐसे में प्रमोशन के लिए बनी इस सूची में ट्रांसफर के बाद रिलीव होने वाले शिक्षाकर्मियों के भी नाम सामने आ गए थे।
जिला पंचायत
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हफ्ते भर बाद खुलने वाले स्कूलों में जिले के अतिशेष शिक्षक नहीं पढ़ा सकेंगे। महीने भर पहले जिले से 564 अतिशेष शिक्षकों के रिलीव होने के के बाद भी दूसरे जिलों में जाकर ज्वाइनिंग नहीं करने एवं ट्रांसफर रुकवाने के लिए सीएम तक एप्रोच लगाने के कारण रिलीविंग आर्डर को निरस्त करने की भी आशंका हो रही थी और जब सभी जनपदों से शिक्षकों की वरिष्ठता सूची आई तो उसमें भी रिलीव होने वाले शिक्षकों के नाम आने के बाद से अजीब स्थिति बन गई थी लेकिन जिला पंचायत सीइओ का पदभार संभालते ही चंदन संजय त्रिपाठी ने शिक्षकों का कन्फ्यूजन साफ कर दिया है और कहा है कि रिलीव आदेश जारी होने के बाद उसे बिना शासन के लिखित आदेश के निरस्त करना सीइओ के एकाधिकार में नहीं है और पदोन्नति की सूची में भी तकनीकी कारणों से हुई त्रुटि में रिलीव होने वाले जिन शिक्षकों का नाम सामने आया है। उसे भी सुधारा जाएगा। उल्लेखनीय है कि जिला पंचायत में सहायक शिक्षक पंचायत से शिक्षक पंचायत में पदोन्नति के लिए जो वरिष्ठता सूची भेजी गई है। उसमें करीब 146 शिक्षाकर्मियों के नाम हैं इसमें बरमकेला ब्लाक से करीब 15 अतिशेष शिक्षकों के अलावा पुसौर से 30 तथा सारंगढ़ से 23 रिलीव हाेने वाले शिक्षकों के नाम भी शामिल हो गए थे।
मेडिकल सर्टिफिकेट ठंडे बस्ते में
ट्रांसफर के बाद रिलीव होने से बचने के लिए शिक्षाकर्मियों ने एक साथ मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाकर जनपदों में जमा कर दिया था। जिससे ज्यादातर शिक्षकों का रिलीविंग आर्डर भी अब तामील नहीं हो पाया लेकिन इस फर्जीवाड़े के बाद भी जिपं की ओर से जांच के लिए कड़े कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
हम आदेश निरस्त नहीं कर सकते
एक बार रिलीव होने के बाद आदेश को निरस्त करना हमारे अधिकार में नहीं है। शासन की ओर से रोक के लिए कोई आदेश नहीं है। अतिशेष शिक्षकों को दूसरे जिलों में ज्वाइनिंग देनी होगी आैर प्रमोशन की सूची से भी ऐसे नामों को काटा जाएगा। चंदन संजय त्रिपाठी, सीइओ जिपं
आर्ट्स के टीचर पढ़ाएंगे साइंस
सरकारी स्कूलों में 7 साल का समय पूरा कर लेने के बाद शिक्षाकर्मी पदोन्नति के पात्र हो जाते हैं। जिले में वरिष्ठता सूची में ज्यादातर शिक्षक आर्ट्स बैकग्राउंड वाले हैं और अब प्रमोशन होने के बाद वे मिडिल स्कूलों में बच्चों को साइंस व मैथ्स के पाठ भी पढ़ाएंगे। हालांकि ऐसे शिक्षकों को सरकारी ट्रेनिंग देकर इसके लिए अपडेट भी किया जाएगा।
रिलीविंग से पहले पदोन्नति सूची
शिक्षाकर्मियों के लिए वरिष्ठता सूची 1 अप्रैल के आधार पर बनाई जाती है। जिले में अतिशेष शिक्षकों के ट्रांसफर आर्डर 18 अप्रैल को जारी किए गए थे। ऐसे में प्रमोशन के लिए बनी इस सूची में ट्रांसफर के बाद रिलीव होने वाले शिक्षाकर्मियों के भी नाम सामने आ गए थे।
जिला पंचायत
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