रायपुर/महासमुंद. पंचायत संवर्ग के शिक्षकों को अप्रैल से वेतन
नहीं मिला है। लाखों शिक्षकों के लिए अब घर चलाना दूभर हो गया है। हालत ये
हो गई है कि सूद नहीं पटाने या गिरवी जेवर नहीं छुड़ा पाने पर सूदखोरों ने
उनके पासवर्ड के साथ एटीएम कार्ड तेंक जब्त कर लिए हैं।
लभरा मिडिल स्कूल के शिक्षक वामेश्वर साहू ने बताया कि घर चलाने के लिए उन्होंने ब्याज पर रकम उठाई है।
- बेटे का एडमिशन पॉलीटेक्निक में हुआ है, लेकिन फीस और किताब के लिए पैसा नहीं होने से वह काॅलेज नहीं जा रहा है।
- ऐसी स्थिति उन शिक्षकों के बच्चों की भी है जो निजी स्कूलों में पढ़ते हैं।
- मिडिल स्कूल मोहंदी के शिक्षक मुकेश चंद्राकर ने बताया कि उनकी पत्नी भी शिक्षक है।
- दोनों को अप्रैल से सैलरी नहीं मिली है। 22 अप्रैल को उसे लड़की हुई है और पैसे नहीं होने से अब तक उन्होंने छठी का संस्कार नहीं करवाया है।
- दोनों को अप्रैल से सैलरी नहीं मिली है। 22 अप्रैल को उसे लड़की हुई है और पैसे नहीं होने से अब तक उन्होंने छठी का संस्कार नहीं करवाया है।
- बाइक में पेट्रोल डालने पैसा नहीं है, इसलिए अब साइकिल से स्कूल जा रहे हैं।
- नांदगांव के शिक्षक सुनील मिश्रा कहते हैं कि परिवार में कई दिन चूल्हा नहीं जल रहा है।
- ब्याज में पैसे के लिए सूदखोर जमानतदार मांगते हैं और शिक्षक पंचायत की जमानत लेने कोई तैयार नहीं होता।
- संघ के नंदकुमार साहू ने बताया कि जिले में कार्यरत साढ़े चार हजार से अधिक शिक्षकों ने मंगलसूत्र और दूसरे जेवर गिरवी रखे हैं। .
- जेवर छुड़ा नहीं पा रहे इसलिए उनका एटीएम पासवर्ड के साथ बागबाहरा, सराईपाली और महासमुंद के सूदखोरों के कब्जे में है।
- कई शिक्षक तो स्कूल के बाद और छुट्टी के दिनों में कृषि मजदूरी करने विवश हो गए हैं।
सात हजार शिक्षकों को हर महीने नौ करोड़ की सैलरी
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जिले में 7 हजार 700 पंचायत शिक्षक पदस्थ हैं। इन्हें राष्ट्रीय माध्यमिक
शिक्षा मिशन, सर्व शिक्षा अभियान, आदिम जाति कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग
के मदों से हर महीने नौ करोड़ सात लाख 85 हजार रुपए की सैलरी दी जाती है। यह
सैलरी अप्रैल से शिक्षकों के खाते में नहीं जमा की जा सकी है।
वेतन रोककर कहते हैं नहीं करना है आंदोलन
- पंचायत संवर्ग शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नारायण चौधरी का कहना है कि अभी पिछले दो साल से प्राचार्य, प्रधान पाठक के साथ-साथ सभी वर्गों में पदोन्नति, क्रमोन्नति और 7वां वेतनमान का मुद्दा आगे किया गया है।
- पंचायत संवर्ग शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नारायण चौधरी का कहना है कि अभी पिछले दो साल से प्राचार्य, प्रधान पाठक के साथ-साथ सभी वर्गों में पदोन्नति, क्रमोन्नति और 7वां वेतनमान का मुद्दा आगे किया गया है।
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लगातार तीन-चार महीने तक वेतन रोककर पंचायत संवर्ग के शिक्षकों का ध्यान
इस मुद्दे से हटाया जा रहा है। धमकी दी जाती है कि वेतन मिले न मिले स्कूल
नहीं आएंगे तो पद से हटा दिया जाएगा।
जल्द ही सैलरी जारी होगी
जिला पंचायत सीईओ पुष्पेंद्र मीणा के मुताबिक, पंचायत संवर्ग के शिक्षकों की सैलरी जल्द ही उनके खातों में जमा कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगले महीने से इसे नियमित बनाने की व्यवस्था की जा रही है।