बेमेतरा/दाढ़ी . शासकीय
स्कूलों में पढ़ाई और विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर जिले में शिक्षा
विभाग के अधिकारी गंभीर नहीं हैं और लापरवाहीपूर्ण रवैया अपना रहे हैं।
जिसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है। एक ओर डीईओ अटैचमेंट
किए गए शिक्षकों का अटैचमेंट निरस्त कर उन्हें पूर्व पदस्थ स्कूलों में
वापस भेजने का आदेश दे चुके होने का हवाला दे रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर बीईओ इस तरह के किसी भी आदेश के नहीं मिलने की बात कह रहे हैं।
बरती गई ये लापरवाही
बेमेतरा ब्लॉक के जिन स्कूलों में पहले से शिक्षकों की कमी है, उन स्कूलों के शिक्षकों का अन्यत्र अटैचमेंट कर दिया गया है। विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। नियमानुसार जरुरत पडऩे पर शिक्षकों का अटैचमेंट पास के ही स्कूलों में किया जाना है, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी शिक्षकों का अटैचमेंट 25-30 किमी से अधिक दूर के स्कूलों में कर रहे हैं। कई शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने जिन्होंने जिला मुख्यालय के पास रहने के लिए अधिकारियों से सांठगांठ कर खुद अपना अटैचमैंट कराया है।
बटार संकुल के दो शिक्षक अटैच
बटार संकुल के समन्वयक सोनलाल चंद्राकर ने बताया कि इस संकुल में 16 प्राथमिक व 6 पूर्व माध्यमिक स्कूल हैं। जिनमें प्राथमिक स्कूल कुरदा दो साल से शिक्षिक विहीन है और प्राथमिक शाला नेवासपुर एक साल, देवगांव दो साल, और नवरंगपुर तीन साल से एक शिक्षकीय है। इसके बावजूद इस संकुल से 2 शिक्षकों को 25-30 किमी दूर जिला मुख्यालय के पास स्थित स्कूलों में अटैच किया गया है। पूर्व माध्यमिक शाला बटार की शिक्षाकर्मी वर्ग-2 वेदवती कुर्रे को पूर्व माध्यमिक शाला ढोलिया और प्राथमिक शाला नवागांव की मेला साहू को प्राथमिक शाला मटका में अटैच किया गया है।
सनकपाट में तीन साल से केवल एक शिक्षक
सेमरिया संकुल के समन्यक मालिकराम साहू ने कहा कि अटैचमेंट शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में ही होना चाहिए। शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों का अटैचमेंट किया गया है, यदि यह अटैचमेंट जिला मुख्यालय के पास के स्कूलों की बजाय हमारे यहां कर देते को विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होती और व्यवस्था में सुधार आता। ज्यादातर शिक्षक गांव में रहना नहीं चाहते और शहरों के आसपास के स्कूलों में ट्रांसफर या अटैचमेंट कराने के लिए जुगाड़ करते रहते हैं। इसी कारण गांवों के स्कूलों में शिक्षकों की अक्सर कमी रहती है।
करमतरा स्कूल में 9 साल से एक शिक्षक
दाढ़ी संकुल के समन्वयक सुधीर अग्रवाल ने बताया कि संकुल में 5 शिक्षकों को संकुल से 25-30 किमी दूर जिला मुख्यालय के पास के स्कूलों में अटैच किया गया है। जिससे संकुल के स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था करने में दिक्कतें हो रही है। शासकीय बालक उमा शाला दाढ़ी के प्राचार्य डीडी चतुर्वेदी ने बताया कि इस स्कूल के खेल व व्यायाम शिक्षक और विज्ञान सहायक दो शिक्षकों का अटैचमेंट जिला मुख्यालय में किया गया है। जिससे विज्ञान की पढ़ाई व खेल शिक्षा प्रभावित हो रही है।
कोई आदेश नहीं आया
बेमेतरा बीईओ ओपी टंडन का कहना है कि ब्लॉक के 392 शालाओं में से 19 एक शिक्षिकीय और 2 शिक्षिक विहीन हैं। जिला कार्यालय से अब तक संलग्नीकरण को निरस्त करने के संबंध में कोई आदेश नहीं आया है। जिला शिक्षा अधिकारी के अनुमोदन के बाद ही निरस्तीकरण की कार्रवाई आगे बढ़ पाएगी। वहींडीईओ एके भार्गव का कहना है कि शिक्षकों के संलग्नीकरण को निरस्त करने का आदेश मैंने पांच दिन पहले ही जारी कर दिया है। एक शिक्षकीय और शिक्षकविहीन स्कूलों में अध्यापन व्यवस्था को छोड़कर शेष को मूल पदस्थ स्कूलों में भेजा जाएगा।
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वहीं दूसरी ओर बीईओ इस तरह के किसी भी आदेश के नहीं मिलने की बात कह रहे हैं।
बरती गई ये लापरवाही
बेमेतरा ब्लॉक के जिन स्कूलों में पहले से शिक्षकों की कमी है, उन स्कूलों के शिक्षकों का अन्यत्र अटैचमेंट कर दिया गया है। विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। नियमानुसार जरुरत पडऩे पर शिक्षकों का अटैचमेंट पास के ही स्कूलों में किया जाना है, लेकिन नियमों को ताक पर रखकर शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी शिक्षकों का अटैचमेंट 25-30 किमी से अधिक दूर के स्कूलों में कर रहे हैं। कई शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्होंने जिन्होंने जिला मुख्यालय के पास रहने के लिए अधिकारियों से सांठगांठ कर खुद अपना अटैचमैंट कराया है।
बटार संकुल के दो शिक्षक अटैच
बटार संकुल के समन्वयक सोनलाल चंद्राकर ने बताया कि इस संकुल में 16 प्राथमिक व 6 पूर्व माध्यमिक स्कूल हैं। जिनमें प्राथमिक स्कूल कुरदा दो साल से शिक्षिक विहीन है और प्राथमिक शाला नेवासपुर एक साल, देवगांव दो साल, और नवरंगपुर तीन साल से एक शिक्षकीय है। इसके बावजूद इस संकुल से 2 शिक्षकों को 25-30 किमी दूर जिला मुख्यालय के पास स्थित स्कूलों में अटैच किया गया है। पूर्व माध्यमिक शाला बटार की शिक्षाकर्मी वर्ग-2 वेदवती कुर्रे को पूर्व माध्यमिक शाला ढोलिया और प्राथमिक शाला नवागांव की मेला साहू को प्राथमिक शाला मटका में अटैच किया गया है।
सनकपाट में तीन साल से केवल एक शिक्षक
सेमरिया संकुल के समन्यक मालिकराम साहू ने कहा कि अटैचमेंट शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में ही होना चाहिए। शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों का अटैचमेंट किया गया है, यदि यह अटैचमेंट जिला मुख्यालय के पास के स्कूलों की बजाय हमारे यहां कर देते को विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होती और व्यवस्था में सुधार आता। ज्यादातर शिक्षक गांव में रहना नहीं चाहते और शहरों के आसपास के स्कूलों में ट्रांसफर या अटैचमेंट कराने के लिए जुगाड़ करते रहते हैं। इसी कारण गांवों के स्कूलों में शिक्षकों की अक्सर कमी रहती है।
करमतरा स्कूल में 9 साल से एक शिक्षक
दाढ़ी संकुल के समन्वयक सुधीर अग्रवाल ने बताया कि संकुल में 5 शिक्षकों को संकुल से 25-30 किमी दूर जिला मुख्यालय के पास के स्कूलों में अटैच किया गया है। जिससे संकुल के स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था करने में दिक्कतें हो रही है। शासकीय बालक उमा शाला दाढ़ी के प्राचार्य डीडी चतुर्वेदी ने बताया कि इस स्कूल के खेल व व्यायाम शिक्षक और विज्ञान सहायक दो शिक्षकों का अटैचमेंट जिला मुख्यालय में किया गया है। जिससे विज्ञान की पढ़ाई व खेल शिक्षा प्रभावित हो रही है।
कोई आदेश नहीं आया
बेमेतरा बीईओ ओपी टंडन का कहना है कि ब्लॉक के 392 शालाओं में से 19 एक शिक्षिकीय और 2 शिक्षिक विहीन हैं। जिला कार्यालय से अब तक संलग्नीकरण को निरस्त करने के संबंध में कोई आदेश नहीं आया है। जिला शिक्षा अधिकारी के अनुमोदन के बाद ही निरस्तीकरण की कार्रवाई आगे बढ़ पाएगी। वहींडीईओ एके भार्गव का कहना है कि शिक्षकों के संलग्नीकरण को निरस्त करने का आदेश मैंने पांच दिन पहले ही जारी कर दिया है। एक शिक्षकीय और शिक्षकविहीन स्कूलों में अध्यापन व्यवस्था को छोड़कर शेष को मूल पदस्थ स्कूलों में भेजा जाएगा।
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