शहर के पीडी कामर्स कालेज में ऑनलाइन फार्म भरने के बाद भी सौ से ज्यादा स्टूडेंट्स के नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है। च्वाइस सेंटर की लापरवाही से एडमिशन से चूके छात्रों ने गुरुवार को कालेज में हंगामा मचाया और आखिरी तारीख समाप्त होने के बाद इसकी जानकारी देने वाले कालेज प्रबंधन पर भी नाराजगी जाहिर कर एसपी से शिकायत की है।
कालेजों में पहली बार ऑनलाइन सिस्टम से आवेदन लेने के बाद अब शिकायतें आनी शुरू हो गई है।
बिना किसी पर्याप्त तैयारी एवं संसाधनों के बिना ऑनलाइन एप्लीकेशन लेने के कारण कई छात्रों के नाम छूट गए हैं। गुरुवार को शहर के पीडी कामर्स कालेज में छात्रों ने इसी बात को लेकर ऑनलाइन फार्म भराने वाले च्वाइस सेंटर एवं कालेज प्रबंधन की लापरवाही के लिए छात्रों ने हंगामा मचाया है। दरअसल जून महीने से शुरू हुए ऑनलाइन एप्लीकेशन लेने के लिए पीडी कामर्स कालेज में भी प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके लिए चिप्स ने शहर के 2 च्वाइस सेंटरों के रूप में पंजीकृत कम्प्यूटर सेंटर संचालिका माया दत्ता एवं खगेन्द्र जायसवाल को जिम्मा दिया था। नियमों के अनुसार च्वाइस सेंटरों द्वारा कालेज में ही कम्प्यूटर ऑपरेटरों से फार्म भराए जाने थे।
इसके लिए छात्रों से आवेदन फार्म और अंकसूची लेने के बाद उसे स्केन करना था और स्पॉट पर फार्म भरने थे। फार्म भरने वाले छात्रों को मोबाइल पर मैसेज और मेल भी मिलना था लेकिन कॉलेज में कई छात्रों को ना तो मेल मिला और ना ही मैसेज, जिसके बाद कालेज प्रबंधन एवं च्वाइस सेंटर को शिकायत भी की गई थी लेकिन आखिरी तारीख से पहले फार्म भर जाने का भरोसा दिलाकर शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया और जब मेरिट की सूची निकली तो उसमें 100 से ज्यादा छात्रों के नाम गायब हैं। जिसके बाद छात्रों ने कांग्रेसी नेता अनिल अग्रवाल के साथ कालेज में हो हंगामा मचाया और एसपी से भी इसकी शिकायत की है।
पीडी कामर्स कालेज में एडमिशन से चूके छात्रों ने एसपी से की शिकायत
चिप्स करेगा सीएचसी पर कार्रवाई
चिप्स के अधिकारियों के अनुसार पीडी कालेज में सीएचसी द्वारा कालेज में फार्म नहीं भरा कर आफिस में काम किया गया । समय पर प्रोसेसिंग नहीं हो पाने के कारण आखिरी तारीख समय पर करीब 112 फार्म बिलासपुर से भी भराए गए लेकिन उसके बाद भी नाम छूट गए हैं। जिसके बाद अब चिप्स सीएचसी पर कार्रवाई करने की बात कह रहा है।
कालेज प्रबंधन ने मांगा समय
फार्म भरने की आखिरी तारीख 5 जुलाई थी और 12 जुलाई को मेरिट लिस्ट निकाली गई। लिस्ट में नाम नहीं होने एवं आवेदन से छूटे छात्रों के नामों पर विचार करने के लिए कालेज प्रबंधन ने समय मांगा है और उच्च शिक्षा विभाग से विशेष अनुमति मांगने की बात कहकर 19 जुलाई के बाद इसमें संशोधन कराने का आश्वासन दिया है।
कहां पर हुई चूक
कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने कालेज में फार्म लेने के बाद स्केन कापी सेव कर ली लेकिन स्पाट पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया। जिससे ज्यादातर छात्रों को ऑनलाइन फार्म सबमिट होने की जानकारी नहीं मिली और बाद में च्वाइस सेंटरों ने अपनी आफिस में जाकर इसकी एंट्री की लेकिन आखिरी तारीख समाप्त हो जाने के कारण फार्म छूट गए।
मैसेज के बाद भी लिस्ट में नाम नहीं
महाविद्यालय में कई विद्यार्थियों को ऑनलाइन फार्म जमा होने के बाद मोबाइल पर मैसेज भी आया लेकिन जब मेरिट लिस्ट निकली तो पता चला कि उनके नाम नहीं हैं। चिप्स के रिकार्ड के अनुसार समय पर इनके रिकार्ड नहीं मिल पाने एवं च्वाइस सेंटरों की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है।
बडे़ कॉलेजों में परेशानी नहीं
फार्म भरने की आखिरी तारीख तक च्वाइस सेंटरों को काम करना था। जिले के दूसरे बड़े कालेजों में ऐसी परेशानी नहीं आई। यहां समय पर लाग-इन नहीं होने के कारण छात्रों के नाम छूटे हैं। रिकार्ड देखकर कार्रवाई भी करेंगे।'' महेन्द्र गुप्ता,नोडल आफिसर,एसएलसीएम
एडमिशन के आवेदन लेने के लिए च्वाइस सेंटरों ने ही काम किया है। कालेज प्रबंधन की गलती नहीं है। मेरिट लिस्ट में नाम नहीं आने के कारण छात्रों ने हंगामा मचाया है। उच्च शिक्षा विभाग को जानकारी भेजी है।'' डा एस के एक्का, एडमिशन प्रभारी, पीडी कामर्स काॅलेज
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कालेजों में पहली बार ऑनलाइन सिस्टम से आवेदन लेने के बाद अब शिकायतें आनी शुरू हो गई है।
बिना किसी पर्याप्त तैयारी एवं संसाधनों के बिना ऑनलाइन एप्लीकेशन लेने के कारण कई छात्रों के नाम छूट गए हैं। गुरुवार को शहर के पीडी कामर्स कालेज में छात्रों ने इसी बात को लेकर ऑनलाइन फार्म भराने वाले च्वाइस सेंटर एवं कालेज प्रबंधन की लापरवाही के लिए छात्रों ने हंगामा मचाया है। दरअसल जून महीने से शुरू हुए ऑनलाइन एप्लीकेशन लेने के लिए पीडी कामर्स कालेज में भी प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके लिए चिप्स ने शहर के 2 च्वाइस सेंटरों के रूप में पंजीकृत कम्प्यूटर सेंटर संचालिका माया दत्ता एवं खगेन्द्र जायसवाल को जिम्मा दिया था। नियमों के अनुसार च्वाइस सेंटरों द्वारा कालेज में ही कम्प्यूटर ऑपरेटरों से फार्म भराए जाने थे।
इसके लिए छात्रों से आवेदन फार्म और अंकसूची लेने के बाद उसे स्केन करना था और स्पॉट पर फार्म भरने थे। फार्म भरने वाले छात्रों को मोबाइल पर मैसेज और मेल भी मिलना था लेकिन कॉलेज में कई छात्रों को ना तो मेल मिला और ना ही मैसेज, जिसके बाद कालेज प्रबंधन एवं च्वाइस सेंटर को शिकायत भी की गई थी लेकिन आखिरी तारीख से पहले फार्म भर जाने का भरोसा दिलाकर शिकायत पर ध्यान नहीं दिया गया और जब मेरिट की सूची निकली तो उसमें 100 से ज्यादा छात्रों के नाम गायब हैं। जिसके बाद छात्रों ने कांग्रेसी नेता अनिल अग्रवाल के साथ कालेज में हो हंगामा मचाया और एसपी से भी इसकी शिकायत की है।
पीडी कामर्स कालेज में एडमिशन से चूके छात्रों ने एसपी से की शिकायत
चिप्स करेगा सीएचसी पर कार्रवाई
चिप्स के अधिकारियों के अनुसार पीडी कालेज में सीएचसी द्वारा कालेज में फार्म नहीं भरा कर आफिस में काम किया गया । समय पर प्रोसेसिंग नहीं हो पाने के कारण आखिरी तारीख समय पर करीब 112 फार्म बिलासपुर से भी भराए गए लेकिन उसके बाद भी नाम छूट गए हैं। जिसके बाद अब चिप्स सीएचसी पर कार्रवाई करने की बात कह रहा है।
कालेज प्रबंधन ने मांगा समय
फार्म भरने की आखिरी तारीख 5 जुलाई थी और 12 जुलाई को मेरिट लिस्ट निकाली गई। लिस्ट में नाम नहीं होने एवं आवेदन से छूटे छात्रों के नामों पर विचार करने के लिए कालेज प्रबंधन ने समय मांगा है और उच्च शिक्षा विभाग से विशेष अनुमति मांगने की बात कहकर 19 जुलाई के बाद इसमें संशोधन कराने का आश्वासन दिया है।
कहां पर हुई चूक
कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने कालेज में फार्म लेने के बाद स्केन कापी सेव कर ली लेकिन स्पाट पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया। जिससे ज्यादातर छात्रों को ऑनलाइन फार्म सबमिट होने की जानकारी नहीं मिली और बाद में च्वाइस सेंटरों ने अपनी आफिस में जाकर इसकी एंट्री की लेकिन आखिरी तारीख समाप्त हो जाने के कारण फार्म छूट गए।
मैसेज के बाद भी लिस्ट में नाम नहीं
महाविद्यालय में कई विद्यार्थियों को ऑनलाइन फार्म जमा होने के बाद मोबाइल पर मैसेज भी आया लेकिन जब मेरिट लिस्ट निकली तो पता चला कि उनके नाम नहीं हैं। चिप्स के रिकार्ड के अनुसार समय पर इनके रिकार्ड नहीं मिल पाने एवं च्वाइस सेंटरों की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है।
बडे़ कॉलेजों में परेशानी नहीं
फार्म भरने की आखिरी तारीख तक च्वाइस सेंटरों को काम करना था। जिले के दूसरे बड़े कालेजों में ऐसी परेशानी नहीं आई। यहां समय पर लाग-इन नहीं होने के कारण छात्रों के नाम छूटे हैं। रिकार्ड देखकर कार्रवाई भी करेंगे।'' महेन्द्र गुप्ता,नोडल आफिसर,एसएलसीएम
एडमिशन के आवेदन लेने के लिए च्वाइस सेंटरों ने ही काम किया है। कालेज प्रबंधन की गलती नहीं है। मेरिट लिस्ट में नाम नहीं आने के कारण छात्रों ने हंगामा मचाया है। उच्च शिक्षा विभाग को जानकारी भेजी है।'' डा एस के एक्का, एडमिशन प्रभारी, पीडी कामर्स काॅलेज