शासकीय राजीव गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय का प्रबंधन अब प्रदेश के सबसे
अग्रणी कॉलेजों मंे अपना नाम दर्ज कराने जुटा हुआ है। यह सारी कवायद अगस्त
के पहले सप्ताह में नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) की टीम
के निरीक्षण से पहले की जा रही है। इस बार कॉलेज प्रबंधन ए डबल प्लस की
ग्रेडिंग हासिल करने पूरा जोर लगा रहा है। यदि यह ग्रेडिंग कॉलेज को मिलती
है तो प्रदेश का पहला कॉलेज होगा जिसे यह ग्रेडिंग हासिल होगी।
संभाग के सबसे बड़े पीजी कॉलेज में करीब दस साल बाद नैक की टीम तैयारियों को परखने आने वाली है। वर्ष 2005 मेंे नैक की टीम ने कॉलेज के निरीक्षण के बाद इसे बी डबल प्लस का दर्जा दिया था। पांच साल तक यह मान्यता वैध रहती है। इस बार नैक की टीम के आने से पहले जोरशोर से तैयारी में जुटा है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके त्रिपाठी के मुताबिक नैक के जो मापदंड हैं उसके मुताबिक हमारी तैयारी चल रही है। पूरी कोशिश रहेगी कि टीम की हर कसौटी पर हम खरे उतरें। इसके लिए कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर, शैक्षणिक गतिविधियाें सहित अन्य विभागों को अपटूडेट किया जा रहा है। पांच हजार छात्रों की क्षमता वाले कॉलेज में संसाधनों की जो भी कमी है उसे दूर करने प्रबंधन जुटा है।
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा स्थापित एक स्वायत्त संस्था है।इसका काम देश में उच्च शिक्षा के संस्थानों का आंकलन करना और मान्यता प्रदान करना है।
क्या है नैक का काम
विजन कॉलेज का अपना विजन एवं आब्जेक्टिव होना चाहिए एवं कॉलेज के महत्वपूर्ण स्थलों पर उसे प्रदर्शित किया जाए।
आधारभूत संसाधन ऑन लाइन लाइब्रेरी, छात्रों के लिए रीडिंग रूम, महिला शिक्षकों के लिए रेस्ट रूम, गर्ल्स कॉमन रूम, विभागीय कक्ष, कैंटीन, पार्किंग, कंप्यूटर लैब
शैक्षणिक गतिविधियां हर शिक्षक का एनुवल टीचिंग प्लान, मंथली टीचिंग रिपोर्ट, ट्यूटोरियल एवं एक्स्ट्रा क्लासेज, स्टूडेंट्स फीड बैक, आईटी तकनीक का प्रयोग, सभी छात्रों के लिए बेसिक कंप्यूटर शिक्षा।
सह शैक्षणिक गतिविधियां खेल कार्यक्रम, एनसीसी, एनएसएस की गतिविधियां, पूर्व छात्र परिषद, अभिभावक-शिक्षक संघ, कॅरिअर काउंसिलिंग सेल, छात्र समस्या समाधान सेल का गठन।
डाक्यूमेंटेशन सभी शैक्षणिक, सह शैक्षणिक गतिविधियों एवं उपलब्धियों का दस्तावेज तैयार करना जरूरी, जिसे नैक के समक्ष रखा जा सके।
इन तैयारियों पर रहेगी टीम की विशेष रूप से नजर
वर्ष 2005 मेंे नैक की टीम ने कॉलेज के निरीक्षण के बाद इसे बी डबल प्लस का दर्जा दिया था
4 अगस्त से टीम करेगी कॉलेज का निरीक्षण
प्राचार्य डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि नैक की टीम कॉलेज का निरीक्षण 4 से 6 अगस्त तक करेेगी। इस दौरान टीम कॉलेज की व्यवस्था, सुविधाएं, शैक्षणिक उपलब्धि और उसका स्तर सहित रिसर्च के बारे में जांच करेगी। नैक की इस टीम के चेयर पर्सन आंध्रप्रदेश विश्वविद्यालय के प्रोफेसर होंगे। वहीं तीन कोआर्डिनेट मेंबर तमिलनाडु, बीएचयू बनारस एवं जबलपुर से हैं।
अच्छी ग्रेडिंग मिलने से होंगे कई फायदे
कॉलेज प्रबंधन दस साल बाद होने वाले नैक के मूल्यांकन में कोई कमी नहीं रखना चाहता, ताकि ग्रेडिंग में उसे अच्छे नंबर मिले। चूंकि वर्ष 2005 मेंे नैक की टीम ने कॉलेज के निरीक्षण के बाद इसे बी डबल प्लस का दर्जा दिया था इसलिए इस बार प्रबंधन की कोशिश है कि उसे उच्चतम अंक मिले जिससे उसकी ग्रेडिंग ए डबल प्लस तक पहंुच जाए। इसके लिए प्रबंधन पिछले कई महीनों से तैयारी में जुटा है। यदि ऐसा हुआ तो वह प्रदेश का नंबर वन कॉलेज बन जाएगा। वैसे ए एवं ए डबल प्लस की ग्रेडिंग वाले कॉलेज का स्तर काफी बेहतर माना जाता है। प्रदेश में करीब पांच कॉलेजों को ए ग्रेडिंग मिली है।
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संभाग के सबसे बड़े पीजी कॉलेज में करीब दस साल बाद नैक की टीम तैयारियों को परखने आने वाली है। वर्ष 2005 मेंे नैक की टीम ने कॉलेज के निरीक्षण के बाद इसे बी डबल प्लस का दर्जा दिया था। पांच साल तक यह मान्यता वैध रहती है। इस बार नैक की टीम के आने से पहले जोरशोर से तैयारी में जुटा है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके त्रिपाठी के मुताबिक नैक के जो मापदंड हैं उसके मुताबिक हमारी तैयारी चल रही है। पूरी कोशिश रहेगी कि टीम की हर कसौटी पर हम खरे उतरें। इसके लिए कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर, शैक्षणिक गतिविधियाें सहित अन्य विभागों को अपटूडेट किया जा रहा है। पांच हजार छात्रों की क्षमता वाले कॉलेज में संसाधनों की जो भी कमी है उसे दूर करने प्रबंधन जुटा है।
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा स्थापित एक स्वायत्त संस्था है।इसका काम देश में उच्च शिक्षा के संस्थानों का आंकलन करना और मान्यता प्रदान करना है।
क्या है नैक का काम
विजन कॉलेज का अपना विजन एवं आब्जेक्टिव होना चाहिए एवं कॉलेज के महत्वपूर्ण स्थलों पर उसे प्रदर्शित किया जाए।
आधारभूत संसाधन ऑन लाइन लाइब्रेरी, छात्रों के लिए रीडिंग रूम, महिला शिक्षकों के लिए रेस्ट रूम, गर्ल्स कॉमन रूम, विभागीय कक्ष, कैंटीन, पार्किंग, कंप्यूटर लैब
शैक्षणिक गतिविधियां हर शिक्षक का एनुवल टीचिंग प्लान, मंथली टीचिंग रिपोर्ट, ट्यूटोरियल एवं एक्स्ट्रा क्लासेज, स्टूडेंट्स फीड बैक, आईटी तकनीक का प्रयोग, सभी छात्रों के लिए बेसिक कंप्यूटर शिक्षा।
सह शैक्षणिक गतिविधियां खेल कार्यक्रम, एनसीसी, एनएसएस की गतिविधियां, पूर्व छात्र परिषद, अभिभावक-शिक्षक संघ, कॅरिअर काउंसिलिंग सेल, छात्र समस्या समाधान सेल का गठन।
डाक्यूमेंटेशन सभी शैक्षणिक, सह शैक्षणिक गतिविधियों एवं उपलब्धियों का दस्तावेज तैयार करना जरूरी, जिसे नैक के समक्ष रखा जा सके।
इन तैयारियों पर रहेगी टीम की विशेष रूप से नजर
वर्ष 2005 मेंे नैक की टीम ने कॉलेज के निरीक्षण के बाद इसे बी डबल प्लस का दर्जा दिया था
4 अगस्त से टीम करेगी कॉलेज का निरीक्षण
प्राचार्य डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि नैक की टीम कॉलेज का निरीक्षण 4 से 6 अगस्त तक करेेगी। इस दौरान टीम कॉलेज की व्यवस्था, सुविधाएं, शैक्षणिक उपलब्धि और उसका स्तर सहित रिसर्च के बारे में जांच करेगी। नैक की इस टीम के चेयर पर्सन आंध्रप्रदेश विश्वविद्यालय के प्रोफेसर होंगे। वहीं तीन कोआर्डिनेट मेंबर तमिलनाडु, बीएचयू बनारस एवं जबलपुर से हैं।
अच्छी ग्रेडिंग मिलने से होंगे कई फायदे
कॉलेज प्रबंधन दस साल बाद होने वाले नैक के मूल्यांकन में कोई कमी नहीं रखना चाहता, ताकि ग्रेडिंग में उसे अच्छे नंबर मिले। चूंकि वर्ष 2005 मेंे नैक की टीम ने कॉलेज के निरीक्षण के बाद इसे बी डबल प्लस का दर्जा दिया था इसलिए इस बार प्रबंधन की कोशिश है कि उसे उच्चतम अंक मिले जिससे उसकी ग्रेडिंग ए डबल प्लस तक पहंुच जाए। इसके लिए प्रबंधन पिछले कई महीनों से तैयारी में जुटा है। यदि ऐसा हुआ तो वह प्रदेश का नंबर वन कॉलेज बन जाएगा। वैसे ए एवं ए डबल प्लस की ग्रेडिंग वाले कॉलेज का स्तर काफी बेहतर माना जाता है। प्रदेश में करीब पांच कॉलेजों को ए ग्रेडिंग मिली है।
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