शिक्षक
बनने और प्रमोशन पाने से पहले अपनी काबिलियत साबित करने के लिए रविवार को 6
हजार 120 लोगों शिक्षक पात्रता परीक्षा दी। दो पालियों में हुई इस परीक्षा
में पहली पाली में प्राइमरी स्कूल के लिए सुबह 9 से 11.45 बजे तक 8
सेंटरों में हुई। दूसरी पाली में दोहपर 2 बजे से 4.45 बजे तक मिडिल स्कूल
के लिए 6 सेंटरों में परीक्षा हुई।
महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल क्रमांक एक से परीक्षा देकर निकले राजेश कुमार, अनीता कश्यप, सुखलाल नेताम के साथ ही अन्य परीक्षार्थियों ने कहा कि पूछे गए प्रश्न उम्मीद से काफी आसान आए थे। गणित और अंग्रेजी में कुछ लोगों को परेशानी हुई लेकिन अन्य विषयों के प्रश्न काफी सरल थे। गौरतलब है कि शिक्षक पात्रता के लिए ली गई इस परीक्षा में पांच विषयों के प्रश्न पूछे गए थे।
827 ने नहीं दी परीक्षा: दो पालियों में हुई इस परीक्षा में 827 लोगों ने परीक्षा नहीं दी। जानकरी के मुताबिक पहली पाली में अायोजित 8 केंद्रों की इस परीक्षा में 4199 परीक्षार्थियों को बैठना था। इसमें से 528 अनुपस्थित रहे जबकि दूसरी पाली में 2 हजार 748 में 389 परीक्षार्थी परीक्षा में नहीं बैठे।
परीक्षा के दौरान बाहर कोई बच्चा लिए प|ी का तो कोई बहन का इंतजार करता रहा
शिक्षक पात्रता परीक्षा देने के लिए जहां 6 हजार से अधिक लोग परीक्षा में शामिल हुए तो वहीं दो हजार से लोग परीक्षा के समाप्त होने के बाद परीक्षार्थियों के बाहर निकलने का इंतजार करते रहे। इसमें सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण क्षेत्र से आए लोगों को उठानी पड़ी। बस्तर ब्लाक के रहने वाले अजय कुमार नीलकंठ टेकाम ने कहा कि वे दोनों अपनी बहनों को परीक्षा दिलाने के लिए यहां पर आए हैं। परीक्षा से निकलने के बाद उनकी बहन को उनका इंतजार नहीं करना पड़े इसके लिए वे पिछले तीन घंटे से परीक्षा केंद के बाहर ही खड़े हैं।
आईडी प्रूफ था अनिवार्य
परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो इसको देखते हएु हर परीक्षार्थी से आईडी प्रूफ साथ में लाने को कहा गया था। नियम की अनिवार्यता के चलते अपनी पहचान को पुख्ता बनाने के लिए किसी ने आधार कार्ड तो किसी ने वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस का उपयोग किया। बकावंड ब्लाक के टलनार और उलनार से परीक्षा देने पहुंचे रामप्रसाद नाग और गंगा कश्यप ने कहा कि नियम का पालन सभी परीक्षार्थियों ने किया।
नहीं हुई कोई गड़बडी
नोडल अधिकारी एच आर साेनेश्वरी ने बताया कि इस परीक्षा मेें परीक्षार्थियों के बड़ी संख्या मेें शामिल होने संभावना को देखते हुए 8 केंद्र बनाए गए थे। केंद्रों की दूरी को किसी तरह की कोई परेशानी न तो परीक्षार्थियों को हुई और न ही परीक्षा में ड्यूटी करने वाले लोगों को। दो पालियों मेें करीब 6 घंटे तक चली इस परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई ।
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महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल क्रमांक एक से परीक्षा देकर निकले राजेश कुमार, अनीता कश्यप, सुखलाल नेताम के साथ ही अन्य परीक्षार्थियों ने कहा कि पूछे गए प्रश्न उम्मीद से काफी आसान आए थे। गणित और अंग्रेजी में कुछ लोगों को परेशानी हुई लेकिन अन्य विषयों के प्रश्न काफी सरल थे। गौरतलब है कि शिक्षक पात्रता के लिए ली गई इस परीक्षा में पांच विषयों के प्रश्न पूछे गए थे।
827 ने नहीं दी परीक्षा: दो पालियों में हुई इस परीक्षा में 827 लोगों ने परीक्षा नहीं दी। जानकरी के मुताबिक पहली पाली में अायोजित 8 केंद्रों की इस परीक्षा में 4199 परीक्षार्थियों को बैठना था। इसमें से 528 अनुपस्थित रहे जबकि दूसरी पाली में 2 हजार 748 में 389 परीक्षार्थी परीक्षा में नहीं बैठे।
परीक्षा के दौरान बाहर कोई बच्चा लिए प|ी का तो कोई बहन का इंतजार करता रहा
शिक्षक पात्रता परीक्षा देने के लिए जहां 6 हजार से अधिक लोग परीक्षा में शामिल हुए तो वहीं दो हजार से लोग परीक्षा के समाप्त होने के बाद परीक्षार्थियों के बाहर निकलने का इंतजार करते रहे। इसमें सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण क्षेत्र से आए लोगों को उठानी पड़ी। बस्तर ब्लाक के रहने वाले अजय कुमार नीलकंठ टेकाम ने कहा कि वे दोनों अपनी बहनों को परीक्षा दिलाने के लिए यहां पर आए हैं। परीक्षा से निकलने के बाद उनकी बहन को उनका इंतजार नहीं करना पड़े इसके लिए वे पिछले तीन घंटे से परीक्षा केंद के बाहर ही खड़े हैं।
आईडी प्रूफ था अनिवार्य
परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो इसको देखते हएु हर परीक्षार्थी से आईडी प्रूफ साथ में लाने को कहा गया था। नियम की अनिवार्यता के चलते अपनी पहचान को पुख्ता बनाने के लिए किसी ने आधार कार्ड तो किसी ने वोटर कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस का उपयोग किया। बकावंड ब्लाक के टलनार और उलनार से परीक्षा देने पहुंचे रामप्रसाद नाग और गंगा कश्यप ने कहा कि नियम का पालन सभी परीक्षार्थियों ने किया।
नहीं हुई कोई गड़बडी
नोडल अधिकारी एच आर साेनेश्वरी ने बताया कि इस परीक्षा मेें परीक्षार्थियों के बड़ी संख्या मेें शामिल होने संभावना को देखते हुए 8 केंद्र बनाए गए थे। केंद्रों की दूरी को किसी तरह की कोई परेशानी न तो परीक्षार्थियों को हुई और न ही परीक्षा में ड्यूटी करने वाले लोगों को। दो पालियों मेें करीब 6 घंटे तक चली इस परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई ।
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