बिलासपुर। नईदुनिया न्यूज जिले के 627 सी और डी ग्रेड स्कूलों में
गुणवत्ता सुधारने के लिए 16 से 30 अगस्त तक निरीक्षण किया जाना है। इसकी
जिम्मेदारी 395 जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को सौंपी गई है। तीन दिन बाद
कोई भी स्कूल नहीं पहुंचा है।
इससे इस बार भी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन अभियान के फेल होने की आशंका है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन अभियान की शुरुआत 16 अगस्त को हुई। इसके पहले चरण में जिले के 627 सी व डी ग्रेड स्कूल का निरीक्षण किया जाना है। इसके लिए 16 से 30 अगस्त तक का समय दिया गया है। निरीक्षण की जिम्मेदारी फिर से स्कूल को गोद लेने वाले जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को सौंपी गई है। इन्हें स्कूल में जाकर पिछले वर्ष किए गए कार्यों का लेखा-जोखा तैयार कर स्कूल की वास्तविक स्थिति का पता लगाना है। इस दौरान स्कूलों में मिलने वाले कमियों को दूर कर ग्रेड सुधाने का प्रयास किया जाएगा। इसे लेकर अधिकारी और जनप्रतिनिधि बिलकुल गंभीर नहीं है। यही वजह है कि तीन दिन गुजर जाने के बाद भी कोई स्कूल नहीं पहुंचा है। जबकि 30 अगस्त तक रिपोर्ट देनी है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही अभियान को आगे बढ़ाना है। पहले चरण के निरीक्षण में लापरवाही की वजह से पूरा अभियान खतरे में आ गया है।
पिछले साल भी पूरा नहीं हुआ था निरीक्षण
पिछले साल भी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसमें से कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि स्कूल नहीं गए। इसके लिए कुछ ने व्यस्त होने का बहना बनाया तो कई ने अपना प्रतिनिधि भेजकर खानापूर्ति कर ली थी।
कार्यशाला प्रशिक्षण भी दिखावा
कलेक्टर पी. अन्बलगन ने पिछले दिनों अभियान के तहत कार्यशाला सह प्रशिक्षण शिविर आयोजित कराई थी। इसमें बड़ी संख्या में अधिकारी व जनप्रतिनिधि पहुंचे थे। कार्यशाला में निरीक्षण के बिंदुओं पर जानकारी दी गई। साथ ही सभी को जल्द से जल्द निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया। इस पर भी जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। कार्यशाला भी महज दिखावा साबित हुई।
100 बिंदुओं पर होना है निरीक्षण
अभियान के तहत स्कूलों में 100 बिंदुओं पर निरीक्षण करना है। इसमें शिक्षकों के पढ़ाने के पैटर्न, बच्चों का स्तर, मिलने वाली सुविधाएं, पुस्तकों की उपलब्धता, स्कूल प्रबंधन की ओर से शाला विकास में किए गए कार्य, शिक्षक व छात्रों की उपस्थिति आदि का जायजा लेना है। इन बिंदुओं पर स्कूल को परखते हुए उनका स्तर निर्धारित करना है।
डॉ. एपेजी अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को सौंपी गई है। अभी तक निरीक्षण के आंकड़े नहीं मिले हैं। आगामी दिनों में निरीक्षण के बाद रिपोर्ट तैयार करते हुए योजना के तहत कार्य किया जाएगा।
हेमंत उपाध्याय, डीईओ
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इससे इस बार भी शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन अभियान के फेल होने की आशंका है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन अभियान की शुरुआत 16 अगस्त को हुई। इसके पहले चरण में जिले के 627 सी व डी ग्रेड स्कूल का निरीक्षण किया जाना है। इसके लिए 16 से 30 अगस्त तक का समय दिया गया है। निरीक्षण की जिम्मेदारी फिर से स्कूल को गोद लेने वाले जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को सौंपी गई है। इन्हें स्कूल में जाकर पिछले वर्ष किए गए कार्यों का लेखा-जोखा तैयार कर स्कूल की वास्तविक स्थिति का पता लगाना है। इस दौरान स्कूलों में मिलने वाले कमियों को दूर कर ग्रेड सुधाने का प्रयास किया जाएगा। इसे लेकर अधिकारी और जनप्रतिनिधि बिलकुल गंभीर नहीं है। यही वजह है कि तीन दिन गुजर जाने के बाद भी कोई स्कूल नहीं पहुंचा है। जबकि 30 अगस्त तक रिपोर्ट देनी है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही अभियान को आगे बढ़ाना है। पहले चरण के निरीक्षण में लापरवाही की वजह से पूरा अभियान खतरे में आ गया है।
पिछले साल भी पूरा नहीं हुआ था निरीक्षण
पिछले साल भी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसमें से कई अधिकारी व जनप्रतिनिधि स्कूल नहीं गए। इसके लिए कुछ ने व्यस्त होने का बहना बनाया तो कई ने अपना प्रतिनिधि भेजकर खानापूर्ति कर ली थी।
कार्यशाला प्रशिक्षण भी दिखावा
कलेक्टर पी. अन्बलगन ने पिछले दिनों अभियान के तहत कार्यशाला सह प्रशिक्षण शिविर आयोजित कराई थी। इसमें बड़ी संख्या में अधिकारी व जनप्रतिनिधि पहुंचे थे। कार्यशाला में निरीक्षण के बिंदुओं पर जानकारी दी गई। साथ ही सभी को जल्द से जल्द निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया। इस पर भी जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया। कार्यशाला भी महज दिखावा साबित हुई।
100 बिंदुओं पर होना है निरीक्षण
अभियान के तहत स्कूलों में 100 बिंदुओं पर निरीक्षण करना है। इसमें शिक्षकों के पढ़ाने के पैटर्न, बच्चों का स्तर, मिलने वाली सुविधाएं, पुस्तकों की उपलब्धता, स्कूल प्रबंधन की ओर से शाला विकास में किए गए कार्य, शिक्षक व छात्रों की उपस्थिति आदि का जायजा लेना है। इन बिंदुओं पर स्कूल को परखते हुए उनका स्तर निर्धारित करना है।
डॉ. एपेजी अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत स्कूलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को सौंपी गई है। अभी तक निरीक्षण के आंकड़े नहीं मिले हैं। आगामी दिनों में निरीक्षण के बाद रिपोर्ट तैयार करते हुए योजना के तहत कार्य किया जाएगा।
हेमंत उपाध्याय, डीईओ
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