बिलासपुर। नईदुनिया न्यूज शिक्षा विभाग का नया फरमान शिक्षकों पर
भारी पड़ रहा है। स्कूलों का स्तर सुधारने के लिए छात्रों और शिक्षकों की
हाजिरी की जानकारी रोजाना वाट्स एप से देना अनिवार्य किया गया है। ऐसे में
शिक्षक समय पर स्कूल आने को मजबूर हो गए हैं।
लापरवाही बरतने पर तत्काल पकड़े जाने का भय शिक्षकों को सताने लगा है।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से डीईओ हेमंत उपाध्याय ने नया फरमान जारी किया है। इसमें सोशल मीडिया और वाट्स एप के उपयोग पर जोर दिया गया है। छात्र व शिक्षक की विशेष गतिविधियों की जानकारी वाट्स एप के माध्यम से बीईओ को देनी है। साथ ही एक अन्य आदेश ने कोताही बरतने वाले शिक्षकों के होश उड़ा दिए हैं। इसमें कहा गया है कि रोजाना छात्रों व शिक्षकों की हाजिरी के बाद इसकी जानकारी वाट्स एप से बीईओ को दें। शुरुआत में इस आदेश को शिक्षकों ने हल्के में लिया। अब अधिकारियों ने कड़ाई बरतने हुए रोजाना जानकारी भेजना अनिवार्य कर दिया है। इसकी वजह से शिक्षकों को समय पर स्कूल पहुंचना पड़ रहा है। समय पर हाजिरी लेकर जानकारी वाट्स एप के माध्यम से भेजी जा रही है। इतना ही नहीं शिक्षिकीय कार्य पूरा होने के बाद शाला छोड़ने के समय व हस्ताक्षर कर उसे भी वाट्स एप में भेजना है। कार्रवाई के डर से शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचने लगे हैं।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया और वाट्स एप का उपयोग लिया जा रहा है। इसका फायदा भी मिल रहा है। कार्रवाई के डर से शिक्षक समय पर स्कूल पहुंच रहे हैं।
हेमंत उपाध्याय, डीईओ
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लापरवाही बरतने पर तत्काल पकड़े जाने का भय शिक्षकों को सताने लगा है।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से डीईओ हेमंत उपाध्याय ने नया फरमान जारी किया है। इसमें सोशल मीडिया और वाट्स एप के उपयोग पर जोर दिया गया है। छात्र व शिक्षक की विशेष गतिविधियों की जानकारी वाट्स एप के माध्यम से बीईओ को देनी है। साथ ही एक अन्य आदेश ने कोताही बरतने वाले शिक्षकों के होश उड़ा दिए हैं। इसमें कहा गया है कि रोजाना छात्रों व शिक्षकों की हाजिरी के बाद इसकी जानकारी वाट्स एप से बीईओ को दें। शुरुआत में इस आदेश को शिक्षकों ने हल्के में लिया। अब अधिकारियों ने कड़ाई बरतने हुए रोजाना जानकारी भेजना अनिवार्य कर दिया है। इसकी वजह से शिक्षकों को समय पर स्कूल पहुंचना पड़ रहा है। समय पर हाजिरी लेकर जानकारी वाट्स एप के माध्यम से भेजी जा रही है। इतना ही नहीं शिक्षिकीय कार्य पूरा होने के बाद शाला छोड़ने के समय व हस्ताक्षर कर उसे भी वाट्स एप में भेजना है। कार्रवाई के डर से शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचने लगे हैं।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया और वाट्स एप का उपयोग लिया जा रहा है। इसका फायदा भी मिल रहा है। कार्रवाई के डर से शिक्षक समय पर स्कूल पहुंच रहे हैं।
हेमंत उपाध्याय, डीईओ
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