कवर्धा. शिक्षक
पंचायतों के वेतन के लिए आबंटन जारी करने के लगभग 15 दिन बाद भी वेतन नहीं
मिल पाया है। पंडरिया जनपद पंचायत अंतर्गत कार्यरत लगभग 1600 शिक्षक
पंचायतों को विगत तीन माह से वेतन नहीं मिला है ऐसी स्थिति में शिक्षक
पंचायतो को भारी आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है।
जिले में शिक्षक पंचायतों को वेतन विसंगति का सामना करना पड़ रहा है। शासन द्वारा वेतन के लिए पर्याप्त आबंटन मिलने के बाद भी शिक्षक पंचायतों को वेतन भुगतान नहीं हो रहा है। जबकि शिक्षा विभाग शिक्षकों पर गुणवत्ता के लिए दबाव बना रही है। बिना वेतन शिक्षा में कहां से गुणवत्ता आएगी। पंडरिया विकासखंड में शिक्षा विभाग अंतर्गत लगभग 862, सर्व शिक्षा अभियान में लगभग 600, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन में 77, आदिम जाति विभाग में 24 और पांडातराई व पंडरिया नगर पंचायत में लगभग 100 शिक्षक पंचायत कार्यरत हैं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन व आदिम जाति विभाग में कार्यरत शिक्षक पंचायतों को मई माह तक वेतन मिला है वहीं जून-जुलाई माह का वेतन अप्राप्त है। शिक्षा विभाग के लगभग 862 शिक्षक पंचायतों को माह मई, जून व जुलाई दो माह का वेतन अप्राप्त है। इसी प्रकार नगर पंचायत शिक्षक पंचायतों पांडातराई के शिक्षक को भी मई, जून व जुलाई का वेतन अप्राप्त है। सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षक पंचायतो को भी जून व जुलाई माह का वेतन नहंी मिला है।
आर्थिक समस्या से जुझ रहे शिक्षक
नियमित वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षक पंचायतों को आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। अधिकांश शिक्षक पंचायत अन्य दूरस्थ जिले से विकासखंड में अपनी सेवा दे रहे हैं। उन्हे मकान किराया, दैनिक खर्च व समस्त आर्थिक आवश्यकताओं के लिए वेतन पर निर्भर रहना पड़ता है। वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षक पंचायत बीमार पडऩे पर अपना इलाज भी नहीं करा पा रहे है।
कैसे बढ़ेगी शिक्षा की गुणवत्ता
शिक्षकों को तीन-तीन माह तक वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षक तनाव में रहेंगे ऐसी स्थिति में शिक्षा गुणवत्ता बढऩे पर भी सवाल उठ रहे है। किसी भी कार्य को कुशलतापूर्वक करने के लिए स्वस्थ्य मानसिक स्थिति का होना आवश्यक है। तीन माह वेतन नहीं मिलने के कारण मानसिक रुप से परेशान शिक्षक गुणवत्तायुक्त पढ़ाई कैसे कराएंगे।
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जिले में शिक्षक पंचायतों को वेतन विसंगति का सामना करना पड़ रहा है। शासन द्वारा वेतन के लिए पर्याप्त आबंटन मिलने के बाद भी शिक्षक पंचायतों को वेतन भुगतान नहीं हो रहा है। जबकि शिक्षा विभाग शिक्षकों पर गुणवत्ता के लिए दबाव बना रही है। बिना वेतन शिक्षा में कहां से गुणवत्ता आएगी। पंडरिया विकासखंड में शिक्षा विभाग अंतर्गत लगभग 862, सर्व शिक्षा अभियान में लगभग 600, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन में 77, आदिम जाति विभाग में 24 और पांडातराई व पंडरिया नगर पंचायत में लगभग 100 शिक्षक पंचायत कार्यरत हैं। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन व आदिम जाति विभाग में कार्यरत शिक्षक पंचायतों को मई माह तक वेतन मिला है वहीं जून-जुलाई माह का वेतन अप्राप्त है। शिक्षा विभाग के लगभग 862 शिक्षक पंचायतों को माह मई, जून व जुलाई दो माह का वेतन अप्राप्त है। इसी प्रकार नगर पंचायत शिक्षक पंचायतों पांडातराई के शिक्षक को भी मई, जून व जुलाई का वेतन अप्राप्त है। सर्व शिक्षा अभियान के शिक्षक पंचायतो को भी जून व जुलाई माह का वेतन नहंी मिला है।
आर्थिक समस्या से जुझ रहे शिक्षक
नियमित वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षक पंचायतों को आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। अधिकांश शिक्षक पंचायत अन्य दूरस्थ जिले से विकासखंड में अपनी सेवा दे रहे हैं। उन्हे मकान किराया, दैनिक खर्च व समस्त आर्थिक आवश्यकताओं के लिए वेतन पर निर्भर रहना पड़ता है। वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षक पंचायत बीमार पडऩे पर अपना इलाज भी नहीं करा पा रहे है।
कैसे बढ़ेगी शिक्षा की गुणवत्ता
शिक्षकों को तीन-तीन माह तक वेतन नहीं मिलने के कारण शिक्षक तनाव में रहेंगे ऐसी स्थिति में शिक्षा गुणवत्ता बढऩे पर भी सवाल उठ रहे है। किसी भी कार्य को कुशलतापूर्वक करने के लिए स्वस्थ्य मानसिक स्थिति का होना आवश्यक है। तीन माह वेतन नहीं मिलने के कारण मानसिक रुप से परेशान शिक्षक गुणवत्तायुक्त पढ़ाई कैसे कराएंगे।
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