दुर्ग। एनसीईआरटी ने इस साल सीजी बोर्ड के इंग्लिश मीडियम स्कूलों के
नवमीं-दसवीं के तीन विषय का सिलेबस बदल दिया है, लेकिन नए किताबों का
इंतजाम अब तक नहीं किया है। पढ़ाई शुरू हुए चार महीने बीत चुके हैं। इससे 10
निजी स्कूलों के करीब 11 हजार बच्चों को इसके चलते नुकसान हो रहा है।
भिलाई-दुर्ग में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से मान्यता अंग्रेजी माध्यम स्कूल चल रहें हैं। इस बार शासन ने एक अप्रैल से 2017 का नया शिक्षण सत्र शुरू किया है। इस तरह चार महीने की पढ़ाई इंग्लिश मीडियम स्कूल के विद्यार्थियों को बिना किताब के करनी पड़ी। । सूत्र बताते हैं कि छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकें ही अब तक छपवाई नहीं जा सकी है। वहीं जिला शिक्षा विभाग द्वारा यहां के विद्यार्थियों के लिए किताबों का डिमांड मार्च महीने में ही भेज दिया गया है।
नए सिलेबस की चाहिए 30 हजार से ज्यादा किताबें
गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय की किताबें पाठ्य पुस्तक निगम ने नहीं भेजी है। नवमीं कक्षा के 5 हजार 515 विद्यार्थियों को किताबें दी जानी हैं। इसी तरह से 4 हजार 621 विद्यार्थियों को दसवीं की किताबें नहीं मिली है। कुल 10 हजार 136 विद्यार्थियों को तीनों विषयों की 30 हजार 408 किताबें चाहिए।
होगी यह परेशानी
स्कूलों में अब तक किताबें नहीं आने से विद्यार्थी तो परेशान हैं ही स्कूल के शिक्षक भी खासे दिक्कत में हैं। निजी स्कूलों में नवमीं और दसवीं कक्षाओं की पढ़ाई काफी आगे बढ़ गई है। ऐसे में तीन विषयों के सिलेबस में क्या बदलाव किया गया है इसकी जानकारी भी पुस्तक नहीं आने की वजह से शिक्षकों को नहीं है। इसलिए इन विषयों में आगे चलकर कोर्स पूरा कराने में उन्हें दिक्कतें आएगी। स्कूलों को किताब वितरण के लिए दुर्ग जिले के चिखली में डिपो की स्थापना की गई है। इस डिपों में छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम से ही किताबें नहीं भेजी गई है।
पाठ्यपुस्तक निगम रायपुर को यहां के लाभांवित विद्यार्थियों के हिसाब से डिमांड पत्र सत्र शुरू होने के पहले ही भेजा जा चुका है। वहां से नए सिलेबस की किताबें नहीं पहुंची है।
- एएन बंजारा, डीईओ
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भिलाई-दुर्ग में छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से मान्यता अंग्रेजी माध्यम स्कूल चल रहें हैं। इस बार शासन ने एक अप्रैल से 2017 का नया शिक्षण सत्र शुरू किया है। इस तरह चार महीने की पढ़ाई इंग्लिश मीडियम स्कूल के विद्यार्थियों को बिना किताब के करनी पड़ी। । सूत्र बताते हैं कि छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकें ही अब तक छपवाई नहीं जा सकी है। वहीं जिला शिक्षा विभाग द्वारा यहां के विद्यार्थियों के लिए किताबों का डिमांड मार्च महीने में ही भेज दिया गया है।
नए सिलेबस की चाहिए 30 हजार से ज्यादा किताबें
गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय की किताबें पाठ्य पुस्तक निगम ने नहीं भेजी है। नवमीं कक्षा के 5 हजार 515 विद्यार्थियों को किताबें दी जानी हैं। इसी तरह से 4 हजार 621 विद्यार्थियों को दसवीं की किताबें नहीं मिली है। कुल 10 हजार 136 विद्यार्थियों को तीनों विषयों की 30 हजार 408 किताबें चाहिए।
होगी यह परेशानी
स्कूलों में अब तक किताबें नहीं आने से विद्यार्थी तो परेशान हैं ही स्कूल के शिक्षक भी खासे दिक्कत में हैं। निजी स्कूलों में नवमीं और दसवीं कक्षाओं की पढ़ाई काफी आगे बढ़ गई है। ऐसे में तीन विषयों के सिलेबस में क्या बदलाव किया गया है इसकी जानकारी भी पुस्तक नहीं आने की वजह से शिक्षकों को नहीं है। इसलिए इन विषयों में आगे चलकर कोर्स पूरा कराने में उन्हें दिक्कतें आएगी। स्कूलों को किताब वितरण के लिए दुर्ग जिले के चिखली में डिपो की स्थापना की गई है। इस डिपों में छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम से ही किताबें नहीं भेजी गई है।
पाठ्यपुस्तक निगम रायपुर को यहां के लाभांवित विद्यार्थियों के हिसाब से डिमांड पत्र सत्र शुरू होने के पहले ही भेजा जा चुका है। वहां से नए सिलेबस की किताबें नहीं पहुंची है।
- एएन बंजारा, डीईओ
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