Facebook

Govt Jobs : Opening

8 हजार शिक्षकों के वेतन से 20 करोड़ काटे पर जमा नहीं कराए

जिले में 8 हजार से ज्यादा शिक्षकों के वेतन से पेंशन के नाम पर 20 करोड़ रुपयों की कटौती तो की गई है लेकिन इस राशि को एनएसडीएल के खाते में जमा नहीं कराया गया है। जनपद पंचायत व जिला पंचायत की लापरवाही से 4 साल बाद भी शासन की अंशदायी पेंशन योजना की सुविधा नहीं मिल रही है और रायगढ़ व सारंगढ़ जनपद में तो आज तक इसके लिए काम भी शुरू नहीं हो सका है।


शिक्षाकर्मियों की अंशदायी पेंशन योजना के लिए प्रान नंबर जनरेट करने में जहां अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। वहीं जिन शिक्षकों का प्रान नंबर परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर बन गया है, उन्हें भी अंशदायी पेंशन योजना की लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिले में 9 में से 7 जनपद पंचायतों में वर्तमान में नियमित रूप से शिक्षकों के पेंशन खाते में रकम जमा नहीं हो पा रही है और 2 जनपद में आज तक इसकी शुरुआत भी नहीं हुई है। दरअसल जिले में करीब साढ़े 8 हजार शिक्षाकर्मी हैं। इनमें से 7 हजार शिक्षकों -शेष|पेज 12



का ही प्रान नंबर बन सका है। नियम के अनुसार हर महीने शिक्षकों के वेतन में से अंशदायी पेंशन योजना की राशि भी काटी जाती है और इतनी ही राशि जनपद पंचायत जारी करता है। हर महीने ऐसे सभी शिक्षकों के इस सीपीएस की राशि का चेक जनपदों से जिला पंचायत भेजा जाना है। जहां से इसे एनएसडीएल नेशनल सिक्योरिटी डिपाजिटरी लिमिटेड के खाते में ट्रांसफर किया जाना है और इसके बाद एनएसडीएल संबंधित शिक्षकों के प्रान नंबर के अनुसार सीपीएस खाते में यह राशि जमा करता है लेकिन रायगढ़ जिले में ऐसा नहीं हो रहा है। जिससे 8 हजार से अधिक शिक्षकों के वेतन से कटौती के बाद भी सीपीएस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

रायगढ़ सारंगढ़ में शुरुआत भी नहीं

रायगढ़ एवं सारंगढ़ जनपद पंचायत में तो सीपीएस के लिए अब तक शुरुआत भी नहीं हुई है। रायगढ़ जनपद में शिक्षकों के प्रान नंबर गलती से ट्रेजरी के डीडीओ कोड में मैपिन कर दिए गए जिससे काम अटका हुआ है। वहीं सारंगढ़ में प्रान नंबर के साथ सीपीएस की राशि भी जारी नहीं की जा रही है।



सीईओ का चेक बाउंस

सीपीएस को लेकर अधिकारियों की लापरवाही के अनेक उदाहरण हैं। सारंगढ़ जनपद से सीपीएस में शासन के अंशदान की राशि जिपं को नहीं मिल रही थी। इसके लिए जिपं सीईओ ने नोटिस जारी कर इसकी मांग की तो जनपद सीईओ ने 1 करोड़ 8 लाख का चेक दिया लेकिन खाते में पैसे नहीं होने के कारण यह बाउंस हो गया।

नुकसान क्या

दरअसल इस अंशदायी पेंशन योजना में शिक्षक एवं शासन का एक समान योगदान है और इसमें हर महीने जमा राशि के अनुसार ब्याज भी मिलता है। अब एनएसडीएल से जुड़े सीपीएस के खाते में रकम ही जमा नहीं होगी तो ब्याज का तो नुकसान होगा ही। मरने पर परिवार को इस सीपीएस राशि का लाभ भी नहीं मिल पाएगा।

शिक्षकों के पेंशन की राशि वेतन के आबंटन से काटकर हम जिपं को दे रहे हैं। उनके पेंशन खाते में जमा नहीं हो रही है, तो इसमें हमारी गलती नहीं है। अब वे सीएम के पास जाए या हाईकोर्ट में केस करें। हम जवाब दे देंगे। '' एससी कछवाहा, सीईओ, लैलूंगा जनपद

जिपं द्वारा सीपीएस की राशि की मांग करने पर हमने भुगतान किया था। दूसरे मद का खाता होने के कारण चेक गलती से बाउंस हो गया था लेकिन उसके बाद से सीपीएस की राशि जिपं में जमा करा रहे हैं। रुकावट कहां है नहीं मालूम । '' आज्ञामणि पटेल, सीईओ, सारंगढ़ जनपद

लैलूंगा में फरवरी 2013 से पेंडिंग

जनपद शिक्षाकर्मी संख्या सीपीएस का पेडिंग

धरमजयगढ़ 1247 अगस्त 2015 से

खरसिया 903 अक्टूबर 2015 से

रायगढ़ 1095 अब तक शुरू नहीं

बरमकेला 865 जनवरी 2016 से

पुसौर 842 अप्रैल 2014 से

सारंगढ़ 1254 अब तक शुरू नहीं

लैलूंगा 976 फरवरी 2013 से

घरघाेड़ा 447 मार्च 2015 से

तमनार 605 जनवरी 2015 से

देर की वजह क्या

बीईओ एवं जनपद कार्यालयों से जिला पंचायत तक शिक्षकों के प्रान नंबर से लेकर सीपीएस से संबंधित जानकारी अलग अलग है। कहीं अधिकारी शासन की ओर से जमा कराई जाने वाली इस राशि काे जिपं में जमा नहीं कर रहे हैं तो कहीं स्टाफ की कमी के कारण काम को 4 सालों से टरकाया जा रहा है। जिससे अनावश्यक देर हो रही है ।

रायगढ़ में शिक्षकों के प्रान नंबर में कुछ तकनीकी खामियां आ गई थी। इस वजह से देर हुई , लेकिन हम सीपीएस की राशि जिपं को जमा करा रहे हैं। शिक्षकों के खाते में जमा नहीं हो रही है। इसकी जानकारी नहीं है। पता करती हूं। '' नेहा सिंह, सीईओ, रायगढ़ जनपद
Sponsored link : सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC

Recent in Fashion

Random Posts

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();