रायपुर। छत्तीसगढ़ में पांचवीं और आठवीं की परीक्षा बोर्ड से होगी इसके साथ ही ग्रेडिंग सिस्टम भी लागू रहेगा और परीक्षा में कोई बच्चा फेल नहीं होगा। स्कूलों में पीरियड का समय 40 मिनट की जगह अब 50 मिनट का होगा।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के मकसद से पांचवीं और आठवीं की बोर्ड परीक्षा कराए जाने और अगले शिक्षा सत्र से पांचवीं-आठवीं की बोर्ड परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार काफी समय से पांचवीं-आठवीं की परीक्षा आयोजित किए जाने के लिए प्रयास कर रही थी।
सीएम ने की थी वकालत
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और स्कूल शिक्षा केदार कश्यप ने समय-समय पर विभिन्न मंचों से पांचवीं-आठवीं को फिर से बोर्ड कराने की वकालत की थी। राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया था।
उल्लेखनीय है कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) की धारा-30 में पहली से आठवीं तक बोर्ड परीक्षा कराने की मनाही है। ऐसा विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के डर से मुक्त रखने के लिए किया गया है। आरटीई एक्ट एक अप्रैल 2010 से पूरे देशभर में लागू है। इसके तहत पहली से आठवीं कक्षाओं की परीक्षा नहीं कराई जा सकती है। इनमें सिर्फ मूल्यांकन कराने की अनुमति है।
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सीएम ने की थी वकालत
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और स्कूल शिक्षा केदार कश्यप ने समय-समय पर विभिन्न मंचों से पांचवीं-आठवीं को फिर से बोर्ड कराने की वकालत की थी। राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया था।
उल्लेखनीय है कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) की धारा-30 में पहली से आठवीं तक बोर्ड परीक्षा कराने की मनाही है। ऐसा विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा के डर से मुक्त रखने के लिए किया गया है। आरटीई एक्ट एक अप्रैल 2010 से पूरे देशभर में लागू है। इसके तहत पहली से आठवीं कक्षाओं की परीक्षा नहीं कराई जा सकती है। इनमें सिर्फ मूल्यांकन कराने की अनुमति है।
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