बिलासपुर. रामानुजगंज के प्राइमरी स्कूल सुन्दरपुर के शिक्षक अवध बिहारी पटेल, जो बारिश में हाथों में छाता लिए खतरनाक नदी को पार करते हैं, केवल हाजिरी लगवाने। नदी पार करना इनके अलावा कई और शिक्षकों की मजबूरी है। इनकी तरह ही तीन स्कूलों के शिक्षक एवं सहायिकाएं रोज बायोमेट्रिक्स मशीन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पांगन नदी को पार करते हैं।
- नदी के उस पार सुंदरपुर का मिडिल स्कूल है, जहां तीनों स्कूलों के स्टाफ की अटेंडेंस दर्ज होती है। ज्यादा बारिश हुई तो ये चाहकर भी वहां अटेंडेंस देने नहीं जा पाते।
- बलरामपुर जिले रामचंद्रपुर विकासखंड अंतर्गत कई ऐसे स्कूल हैं जहां बायोमेट्रिक्स मशीन में थंब इंप्रेशन देना पड़ता है। यह अनिवार्य है तो शिक्षक भी अपनी हाजरी देने रोज अपनी जान खतरे में डालते हैं।
- गौरतलब है कि 2015 से बलरामपुर जिले में स्कूलों की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई है।
- सरकारी स्कूलां में शिक्षकों सहित अन्य स्टाफ की निगरानी के लिए ऑन लाइन अटेंडेंस सिस्टम हो गया है, यानी शिक्षक ने अपना थंब इंप्रेशन लगाया तभी उनकी उपस्थिति दर्ज होगी और उनकी सैलरी बनेगी।
- सिस्टम सुधारने पहल तो अच्छी मानी गई लेकिन कई शिक्षकों के लिए यह व्यवस्था मुसीबत बन गई। कुछ इसी तरह परेशानी से घिरे हैं सुंदरपुर, सेमराखांड एवं पटेलपारा प्राइमरी स्कूल के शिक्षक।
- यहां एक बायोमेट्रिक्स मशीन सुंदरपुर मिडिल स्कूल में लगाई गई है। इसी मशीन से सुंदरपुर, सेमराखांड एवं पटेलपारा प्राइमरी स्कूल के पांच टीचर एवं पांच सहायिकाओं को रोज पांगन नदी पार कर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती है।
- इस दौरान महिला सहायिकाओं को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है। इन स्कूलों के शिक्षकों ने बताया कि पिछले दो महीने से मशीन खराब थी तो नदी पार करने का झंझट नहीं था लेकिन अब मशीन सुधरने के बाद उनकी रोज की कवायद फिर शुरू हो गई है।
कासमास बी योजना से होती है मानिटरिंग
बलरामपुर जिले में करीब दो साल पहले छत्तीसगढ़ ऑनलाइन स्कूल मानिटरिंग सिस्टम बलरामपुर(कासमास-बी) चालू किया गया। इसके तहत स्कूलां में एंड्रायड बेस्ड टैबलेट दिए गए हैं।
इसी बायोमेट्रिक मशीन में स्कूल के शिक्षक, चपरासी, सहायिका सहित अन्य स्टाफ को रोज अपनी हाजरी देनी है। थंब इंप्रेशन के जरिए उनकी अटेंडेंस एसएमएस के जरिए सर्वर तक पहुंच जाती है।
इसी के आधार पर स्टाफ की सैलरी का निर्धारण सहित मिड डे मील, ड्रेस वितरण, बच्चों की उपस्थित सहित अन्य एक्विविटीज की ऑनलाइन मानिटरिंग की जाती है।
करा रहे हैं मशीन की व्यवस्था
जिन स्कूलों में बायोमेट्रिक्स मशीनें नहीं हैं वहां व्यवस्था कराई जा रही है। दो-तीन दिनों में वहां मशीनें लगा दी जाएंगी। इस सवाल पर कि शिक्षकों ने समस्या को लेकर काफी पहले उनसे शिकायत की है, उन्होंने कहा कि मैं इसके बारे में बाद में बता पाउंगा। डीएन मिश्रा, बीईओ
वैकल्पिक व्यवस्था होनी थी
शिक्षकों की समस्या को देखते हुए वहां के बीईओ को वैकल्पिक व्यवस्था करनी थी। अगर नदी पार करने जैसी स्थिति है तो इसकी जांच कराई जाएगी। आईपी गुप्ता, डीईओ, बलरामपुर
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- नदी के उस पार सुंदरपुर का मिडिल स्कूल है, जहां तीनों स्कूलों के स्टाफ की अटेंडेंस दर्ज होती है। ज्यादा बारिश हुई तो ये चाहकर भी वहां अटेंडेंस देने नहीं जा पाते।
- बलरामपुर जिले रामचंद्रपुर विकासखंड अंतर्गत कई ऐसे स्कूल हैं जहां बायोमेट्रिक्स मशीन में थंब इंप्रेशन देना पड़ता है। यह अनिवार्य है तो शिक्षक भी अपनी हाजरी देने रोज अपनी जान खतरे में डालते हैं।
- गौरतलब है कि 2015 से बलरामपुर जिले में स्कूलों की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई है।
- सरकारी स्कूलां में शिक्षकों सहित अन्य स्टाफ की निगरानी के लिए ऑन लाइन अटेंडेंस सिस्टम हो गया है, यानी शिक्षक ने अपना थंब इंप्रेशन लगाया तभी उनकी उपस्थिति दर्ज होगी और उनकी सैलरी बनेगी।
- सिस्टम सुधारने पहल तो अच्छी मानी गई लेकिन कई शिक्षकों के लिए यह व्यवस्था मुसीबत बन गई। कुछ इसी तरह परेशानी से घिरे हैं सुंदरपुर, सेमराखांड एवं पटेलपारा प्राइमरी स्कूल के शिक्षक।
- यहां एक बायोमेट्रिक्स मशीन सुंदरपुर मिडिल स्कूल में लगाई गई है। इसी मशीन से सुंदरपुर, सेमराखांड एवं पटेलपारा प्राइमरी स्कूल के पांच टीचर एवं पांच सहायिकाओं को रोज पांगन नदी पार कर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती है।
- इस दौरान महिला सहायिकाओं को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है। इन स्कूलों के शिक्षकों ने बताया कि पिछले दो महीने से मशीन खराब थी तो नदी पार करने का झंझट नहीं था लेकिन अब मशीन सुधरने के बाद उनकी रोज की कवायद फिर शुरू हो गई है।
कासमास बी योजना से होती है मानिटरिंग
बलरामपुर जिले में करीब दो साल पहले छत्तीसगढ़ ऑनलाइन स्कूल मानिटरिंग सिस्टम बलरामपुर(कासमास-बी) चालू किया गया। इसके तहत स्कूलां में एंड्रायड बेस्ड टैबलेट दिए गए हैं।
इसी बायोमेट्रिक मशीन में स्कूल के शिक्षक, चपरासी, सहायिका सहित अन्य स्टाफ को रोज अपनी हाजरी देनी है। थंब इंप्रेशन के जरिए उनकी अटेंडेंस एसएमएस के जरिए सर्वर तक पहुंच जाती है।
इसी के आधार पर स्टाफ की सैलरी का निर्धारण सहित मिड डे मील, ड्रेस वितरण, बच्चों की उपस्थित सहित अन्य एक्विविटीज की ऑनलाइन मानिटरिंग की जाती है।
करा रहे हैं मशीन की व्यवस्था
जिन स्कूलों में बायोमेट्रिक्स मशीनें नहीं हैं वहां व्यवस्था कराई जा रही है। दो-तीन दिनों में वहां मशीनें लगा दी जाएंगी। इस सवाल पर कि शिक्षकों ने समस्या को लेकर काफी पहले उनसे शिकायत की है, उन्होंने कहा कि मैं इसके बारे में बाद में बता पाउंगा। डीएन मिश्रा, बीईओ
वैकल्पिक व्यवस्था होनी थी
शिक्षकों की समस्या को देखते हुए वहां के बीईओ को वैकल्पिक व्यवस्था करनी थी। अगर नदी पार करने जैसी स्थिति है तो इसकी जांच कराई जाएगी। आईपी गुप्ता, डीईओ, बलरामपुर
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