बेमेतरा.जिले के सरकारी प्रायमरी से लेकर हायर सेकंडरी स्कूल में सेटअप के हिसाब से शिक्षकों की कमी है। जिले में साल-दर-साल स्कूलों की संख्या बढऩे के साथ प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी है, लेकिन शिक्षकों की कमी छात्रों के लिए गुणवत्तायुक्त शिक्षा में बाधा बनकर खड़ी है।
जिले में सेटअप के हिसाब 1669 शिक्षकों की कमी है, जिससे आने वाले सत्र में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी। जानकारी के अनुसार, जिले के शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी सालों से बनी हुई है।
सालों से बनी है शिक्षकों की कमी
जिले के प्रायमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में शिक्षक पंचायत व शिक्षक पंचायत सहायक पदों पर भर्ती लंबित है। इसी तरह पदोन्नति वाले पदों पर भी आधी-अधूरी कार्रवाई हो पाई है। सबसे अधिक समस्या शिक्षक पंचायत पद को लेकर है, जिस पर जिला पंचायत ने बीते साल इस पद पर भर्ती की कार्रवाई को पूरी तरह से नजर अंदाज कर दिया था। विभागीय आदेशों के अनुसार, इस पद पर पदेान्नति की प्रक्रिया को पूर्ण कर दिया जाना था।
प्रायमरी स्कूल में एचएम के 538 पद रिक्त
बताना होगा कि जिले में प्राथमिक स्कूलों में प्रधानपाठक के कुल 743 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 205 प्रधान पाठक ही कार्यरत हैं, शेष 538 पद रिक्त हैं। सहायक शिक्षक 1178 पद कला संकाय व 899 पद विज्ञान संकाय व 826 पद अन्य संकाय सहित कुल 2905 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से कला संकाय में 1105, विज्ञान संकाय में 736 व अन्य संकायों में 794 सहित कुल 2635 सहायक शिक्षक पदस्थ हैं, 268 पद रिक्त हैं। प्राथमिक स्कूलों में संस्था प्रमुखों का पद सर्वाधिक रिक्त है।
मिडिल स्कूलों में 99 संस्था प्रमुख के पद खाली
जिले के मिडिल स्कूलों की भी स्थिति ठीक नहीं कही जा सकती है। संस्थाओं में प्रमुखों व शिक्षकों के 550 से भी ज्यादा पद रिक्त हैं। जिले में 384 माध्यमिक स्कूलों के लिए 384 प्रधान पाठक के पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 285 पद पर प्रधान पाठक पदस्थ हैं, शेष 99 संस्था प्रमुख का कार्य प्रभार के भरोसे चल रहा है। इसी तरह जिले में विभिन्न विषयों के 1812 शिक्षकों का पद सेटअप के अनुसार तय किया गया है, जिसमें से 1353 पद पर शिक्षक हैं, वहीं 459 पद रिक्त हैं। इनमें 200 अंग्रेजी शिक्षक, 112 गणित व 72 विज्ञान विषय के शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में भी पद रिक्त
जिले में हाई स्कूलों में प्राचार्य के 70 पद स्वीकृत किए गऐ हैं, जिसमें 3 स्कूलों में ही प्राचार्य पदस्थ हैं, शेष 67 पद रिक्त हैं। इसके साथ हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, जीव विज्ञान व कला के 408 शिक्षकों के पद स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 314 पर शिक्षक पदस्थ हैं, शेष 88 पद रिक्त हैं। हायर सेकंडरी स्कूलों में 84 प्राचार्य व 2 उपप्राचार्य समेत कुल 86 संस्था प्रमुखों के पद स्वीकृत किए गए थे, जिसमें 26 पदस्थ हैं। 56 प्राचार्य और 2 उप प्राचार्य के पद रिक्त हैं।
शासन स्तर का है मामला
इसके अलावा 1044 शिक्षकों के पद स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें 774 पद पर कार्यरत हैं, शेष 261 पद रिक्त हैं। बहरहाल, जिले के स्कूलों में सबसे अधिक संस्था प्रमुखों का पद रिक्त हैं, जिसके कारण इन पदों को प्रभार पर देकर जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी एके भार्गव के अनुसार, जिले में संस्था प्रमुखों के पद रिक्त हैं। इसके अलावा शिक्षकों की कमी है। सेटअप के अनुसार 1669 स्वीकृत पदों से कम हैं। भर्ती की प्रक्रिया कई कारणों से प्रभावित हो रही है। जिला पंचायत में भी भर्ती की कार्रवाई है।
जिले में सेटअप के हिसाब 1669 शिक्षकों की कमी है, जिससे आने वाले सत्र में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी। जानकारी के अनुसार, जिले के शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की कमी सालों से बनी हुई है।
सालों से बनी है शिक्षकों की कमी
जिले के प्रायमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में शिक्षक पंचायत व शिक्षक पंचायत सहायक पदों पर भर्ती लंबित है। इसी तरह पदोन्नति वाले पदों पर भी आधी-अधूरी कार्रवाई हो पाई है। सबसे अधिक समस्या शिक्षक पंचायत पद को लेकर है, जिस पर जिला पंचायत ने बीते साल इस पद पर भर्ती की कार्रवाई को पूरी तरह से नजर अंदाज कर दिया था। विभागीय आदेशों के अनुसार, इस पद पर पदेान्नति की प्रक्रिया को पूर्ण कर दिया जाना था।
प्रायमरी स्कूल में एचएम के 538 पद रिक्त
बताना होगा कि जिले में प्राथमिक स्कूलों में प्रधानपाठक के कुल 743 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 205 प्रधान पाठक ही कार्यरत हैं, शेष 538 पद रिक्त हैं। सहायक शिक्षक 1178 पद कला संकाय व 899 पद विज्ञान संकाय व 826 पद अन्य संकाय सहित कुल 2905 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से कला संकाय में 1105, विज्ञान संकाय में 736 व अन्य संकायों में 794 सहित कुल 2635 सहायक शिक्षक पदस्थ हैं, 268 पद रिक्त हैं। प्राथमिक स्कूलों में संस्था प्रमुखों का पद सर्वाधिक रिक्त है।
मिडिल स्कूलों में 99 संस्था प्रमुख के पद खाली
जिले के मिडिल स्कूलों की भी स्थिति ठीक नहीं कही जा सकती है। संस्थाओं में प्रमुखों व शिक्षकों के 550 से भी ज्यादा पद रिक्त हैं। जिले में 384 माध्यमिक स्कूलों के लिए 384 प्रधान पाठक के पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 285 पद पर प्रधान पाठक पदस्थ हैं, शेष 99 संस्था प्रमुख का कार्य प्रभार के भरोसे चल रहा है। इसी तरह जिले में विभिन्न विषयों के 1812 शिक्षकों का पद सेटअप के अनुसार तय किया गया है, जिसमें से 1353 पद पर शिक्षक हैं, वहीं 459 पद रिक्त हैं। इनमें 200 अंग्रेजी शिक्षक, 112 गणित व 72 विज्ञान विषय के शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में भी पद रिक्त
जिले में हाई स्कूलों में प्राचार्य के 70 पद स्वीकृत किए गऐ हैं, जिसमें 3 स्कूलों में ही प्राचार्य पदस्थ हैं, शेष 67 पद रिक्त हैं। इसके साथ हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, जीव विज्ञान व कला के 408 शिक्षकों के पद स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 314 पर शिक्षक पदस्थ हैं, शेष 88 पद रिक्त हैं। हायर सेकंडरी स्कूलों में 84 प्राचार्य व 2 उपप्राचार्य समेत कुल 86 संस्था प्रमुखों के पद स्वीकृत किए गए थे, जिसमें 26 पदस्थ हैं। 56 प्राचार्य और 2 उप प्राचार्य के पद रिक्त हैं।
शासन स्तर का है मामला
इसके अलावा 1044 शिक्षकों के पद स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें 774 पद पर कार्यरत हैं, शेष 261 पद रिक्त हैं। बहरहाल, जिले के स्कूलों में सबसे अधिक संस्था प्रमुखों का पद रिक्त हैं, जिसके कारण इन पदों को प्रभार पर देकर जैसे-तैसे काम चलाया जा रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी एके भार्गव के अनुसार, जिले में संस्था प्रमुखों के पद रिक्त हैं। इसके अलावा शिक्षकों की कमी है। सेटअप के अनुसार 1669 स्वीकृत पदों से कम हैं। भर्ती की प्रक्रिया कई कारणों से प्रभावित हो रही है। जिला पंचायत में भी भर्ती की कार्रवाई है।